×

LU: अफ्रीकी स्‍टूडेंट्स की बड़ी संख्‍या में आमद, हिंदी कोर्स में बढ़ा विदेशियों का रुझान

लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) में इन दिनों नए स्‍टूडेंट्स कैंपस में पढ़ाई के साथ साथ मस्‍ती करते देखे जा सकते हैं। इस बार खास बात यह है कि एलयू में इस साल अफ्रीकी स्‍टूडेंट्स की बड़ी संख्‍या में आमद हुई है। वैसे तो हर साल ही विदेशी स्‍टूडेंट्स यहां पर पढ़ने आते थे, लेकिन उनकी संख्‍या कम ही रहती थी। लेकिन इस बार विदेशी छात्रों के रिकार्ड एडमिशन हुए हैं और इसमें भी अफ्रीकी देशों से बड़ी संख्‍या में छात्रों ने एलयू में रुचि दिखाई है।

priyankajoshi
Published on: 25 Aug 2017 1:51 PM GMT
LU: अफ्रीकी स्‍टूडेंट्स की बड़ी संख्‍या में आमद, हिंदी कोर्स में बढ़ा विदेशियों का रुझान
X

लखनऊ : लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) में इन दिनों नए स्‍टूडेंट्स कैंपस में पढ़ाई के साथ साथ मस्‍ती करते देखे जा सकते हैं। इस बार खास बात यह है कि एलयू में इस साल अफ्रीकी स्‍टूडेंट्स की बड़ी संख्‍या में आमद हुई है।

वैसे तो हर साल ही विदेशी स्‍टूडेंट्स यहां पर पढ़ने आते थे, लेकिन उनकी संख्‍या कम ही रहती थी। लेकिन इस बार विदेशी छात्रों के रिकार्ड एडमिशन हुए हैं और इसमें भी अफ्रीकी देशों से बड़ी संख्‍या में छात्रों ने एलयू में रुचि दिखाई है।

हिंदी भाषा कोर्स में बढ़ा विदेशी छात्रों का रुझान

एलयू के प्रवेश समन्‍वयक प्रोफेसर अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि हमने इस साल इंटरनेशनल लेवल पर यूनिवर्सिटी की ब्रांडिंग करने का काम किया था। सोशल मीडिया का भी सहारा लिया था। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के इंटरनेशनल स्‍टूडेंट एडवाइजर प्रोफेसर आरिफ अययूबी से भी विदेशों में उनके संपर्कों के माध्‍यम से प्रचार करवाया गया। इसका इस साल यूनिवर्सिटी को फायदा मिला है। पिछले साल जहां केवल 9 विदेशी स्‍टूडेंट्स ने एलयू में एडमिशन लिया था। वहीं इस साल यह संख्‍या बढ़ कर 40 हो गई है। इसमें भी हिंदी लैंग्‍वेज के कोर्स में सर्वाधिक 3 एडमिशन हुए हैं। हमें उम्‍मीद है कि विदेशी छात्रों की यह संख्‍या साल दर साल बढ़ेगी और यूनिवर्सिटी को इसका लाभ मिलेगा।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें पूरी खबर...

क्या कहा विदेशी छात्रों ने?

एलयू में एमए की स्‍टूडेंट मैन्‍यूला अर्गोरकू ने बताया कि उन्‍होंने आईसीसीआर ( इंडियन काउंसिल फॉर कल्‍चरल रिलेशन) के माध्‍यम से नहीं बल्कि खुद के पैसों से पूरी फीस देकर यहां पढ़ने का मन बनाया है। यहां आकर उन्‍हें भारतीय छात्रों का व्‍यवहार अच्‍छा लगा। इसके साथ ही नेपाल की अनामिका गौतम, बांग्‍लादेश की शमीमा बिनते सहित ये सभी छात्र अपने पैसों से एलयू के अलग अलग कोर्सों में दाखिला लेकर अपने भविष्‍य को संवारने यहां आए हैं।

अनामिका गौतम ने बताया कि वो एक पड़ोसी देश की नागरिक हैं लेकिन उन्‍हें यहां बिलकुल घर जैसा माहौल मिल रहा है। इसके साथ ही यहां हॉस्‍टल में दूसरे देश के स्‍टूडेंट्स के साथ रहकर उनके कल्‍चर के बारे में जानकर बहुत सुखद फीलिंग आती है। यहां हम अपने फ्यूचर को संवारेंगे इसके साथ ही साथ विदेशी छात्रों के साथ कल्‍चरल एक्‍सचेंज का भी मौका मिलेगा। एलयू में डीलिट की एकमात्र स्‍टूडेंट डॉ एम एम फारूखजाद ने बताया कि वह यहां पर पर्शियन लैंग्‍वेज में डीलिट करने आई हैं। इन्‍होंने पिछले साल भी यहां डीलिट में प्रवेश के लिए प्रयास किया था लेकिन वह सफल नहीं हो सकी थीं। इस साल उनका सपना सच हो गया। उन्‍हें यहां आकर काफी अच्‍छा महसूस हो रहा है।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें पूरी खबर...

इन कोर्सेज में हुआ एडमिशन

एलयू के प्रवक्‍ता प्रोफेसर एन के पांडे ने बताया कि इस बार यूनिवर्सिटी में एमकाम सुगम हिंदी से लेकर डीलिट के कोर्स में विदेशी छात्रों की आमद हुई है।

इन देशों के छात्रों ने लिया प्रवेश

-इनमें बीए में बांग्‍लादेश से 1, नाइजर से 1, मॉरिशस से 1, श्रीलंका से 3 और ईरान से 1 स्‍टूडेंट ने प्रवेश लिया है।

इस तरह बीए में कुल 7 विदेशी छात्रों ने प्रवेश लिया है।

-वहीं बीबीए में बांग्‍लादेश से 1, मलावी से 1, नाइजीरिया से 1 और गैंबिया से 1 यानि बीबीए में कुल 4 विदेशी छात्रों के प्रवेश हुए हैं।

-बीसीए में नेपाल से 2, स्‍वाजीलैंड से 1 और मॉरिशस से 1 यानि कुल 4 विदेशी छात्रों ने प्रवेश लिया है।

-बीएससी में त्रिनिदाद एंड टोबैगो से 1 एडमिशन हुआ है।

-एमकॉम में थाईलैंड से 2, लाइबेरिया से 1 एडमिशन हुआ है।

-सुगम हिंदी में थाईलैंड से 3 प्रवेश हुए हैं।

-एमएससी में चाड से 1, स्‍वाजीलैंड से 1, तंजानिया से 2 और स्‍पेन से 1 एडमिशन हुआ है।

-एमए में स्‍वाजीलैंड से 1 एडमिशन हुआ है।

-एमएड में लिसोथो से 1 एडमिशन हुआ है।

-बीकॉम में लिसोथो से 1 और लाइबेरिया से 1 प्रवेश हुआ है।

-एमकॉम में लाइबेरिया से 1 प्रवेश हुआ है।

-एलएलबी में मेडागॉस्‍कर से 1 प्रवेश हुआ है।

-मास्‍टर ऑफ फाइन आर्ट्स में इजिप्‍ट से 1 प्रवेश हुआ है।

-एमबीए में घाना से 1 प्रवेश हुआ है।

-पीएचडी में इंडोनेशिया से 2 और यमन से 2 प्रवेश हुए हैं।

-ईरान से डीलिट में 1 प्रवेश हुआ है।

priyankajoshi

priyankajoshi

इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

Next Story