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KMCL University Lucknow: पं. दीनदयाल उपाध्याय के विचारों पर हुआ एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन

KMCL University Lucknow: पं.दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक दृष्टिकोण वर्तमान समय में प्रासंगिक प्रतीत होते है, जो लोगों को एक स्थायी उपभोग स्वरूप और मानवतावादी दृष्टिकोण के साथ खुशहाल जीवन की ओर ले जा सकते हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 3 Sept 2022 9:20 PM IST (Updated on: 4 Sept 2022 11:47 AM IST)
Organized one day seminar on the thoughts of Pt Deendayal Upadhyay
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Organized one day seminar on the thoughts of Pt Deendayal Upadhyay (Social Media) 

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KMCL University Lucknow: के.एम.सी लैंग्वेज यूनिवर्सिटी में स्थापित पं. दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ में कुलपति प्रो.एन.बी.सिंह की अध्यक्षता में पं.दीनदयाल उपाध्याय के विचारों की 'वर्तमान परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता' विषय पर एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन हुआ। सेमिनार के मुख्य वक्ता प्रो.मनोज अग्रवाल ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म मानववाद को प्रतिपादित किया और इस दर्शन के तहत उन्होंने एक अनूठी आर्थिक व्यवस्था की कल्पना की।वह समकालीन आर्थिक विचारों के लिए आलोचक थे, क्योंकि उनके लिए उन विचारों में मानवतावादी मूल्य शामिल नहीं थे। पं.दीनदयाल उपाध्याय के आर्थिक दृष्टिकोण वर्तमान समय में प्रासंगिक प्रतीत होते है, जो लोगों को एक स्थायी उपभोग स्वरूप और मानवतावादी दृष्टिकोण के साथ खुशहाल जीवन की ओर ले जा सकते हैं।


मानव को पूंजीवाद और समाजवाद की नहीं है आवश्यकता- डॉ.प्रशान्त शुक्ला

दीन दयाल उपाध्याय सेवा संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीन कुमार मिश्रा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने बचपन से ही बार-बार मृत्यु व गरीबी देखा था। शिक्षा व सेवा उनके अंग-अंग में व्याप्त थी। उन्होंने सारे सुखो को त्याग कर जीवन को सेवा के लिए समर्पित किया। इसी क्रम में डॉ.प्रशान्त शुक्ला ने कहा कि मानव को पूंजीवाद और समाजवाद की आवश्यकता नहीं है, बल्कि एकीकृत मानववाद व सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की आवश्यकता है।

पं.दीनदयाल के विचारों को आत्मसात करें युवा- प्रो.एन.बी.सिंह

कुलपति प्रो.एन.बी.सिंह ने अपने उद्बोधन में पं.दीनदयाल उपाध्याय के राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक विचारों की प्रासंगिकता व सार्थकता को स्वीकार किया और शिक्षकों व छात्रों को उनके विचारों को आत्मसात करने का आग्रह किया। प्रो.चन्दना डे ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि पं. दीनदयाल के शैक्षिक विचारों का महत्व आज भी उतना ही हैं, जितना उनके समय में था। यही कारण है कि आज हमनें इस सेमिनार का आयोजन उनके विचारों के मंथन के लिये किया। इस सेमिनार में अन्य शिक्षक व छात्र सहति अन्य लोग उपस्थित रहें।

राष्ट्रीय सेमिनार के लिए स्वीकृत हुए ढाई लाख से अधिक रूपए

विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सहायक आचार्य डॉ. तनु डंग को नैक विषयक कार्यशाला आयोजित करने के लिए 1.5 लाख रुपए तथा विश्वविद्यालय के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट के प्रो.सैयद हैदर अली को नई शिक्षा नीति संबंधी सेमिनार कराने के लिए 1.25 लाख रूपए शासन द्वारा जारी हुआ हैं।


सहायक आचार्य डॉ. तनु डंग

उच्च शिक्षा परिषद उ. प्र. द्वारा गठित एक्सपर्ट पैनल के सुझावों के आधार पर यह स्वीकृति मिली। उल्लेखनीय है कि नैक की गतिविधियों तथा नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के विभिन्न बिंदुओं पर अभी पूरे देश में पूर्ण स्पष्टता नहीं आ पाई है। इसलिए इन बिंदुओं पर विस्तृत विचार विमर्श के लिए इन प्रस्तावों को विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा तैयार कर भेजा गया था।



प्रो.सैयद हैदर अली

वीसी ने दोनों शिक्षकों को दी बधाई

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एन.बी. सिंह ने दोनों शिक्षकों को बधाई देते हुए यह आशा जताई है कि इन संगोष्ठियों से ना सिर्फ भाषा विश्वविद्यालय बल्कि पूरे देश के विश्वविद्यालय लाभान्वित होंगे और इससे विश्वविद्यालय की छवि भी विकसित होगी।




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