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Pariksha Pe Charcha 2023: पीएम 27 जनवरी को करेंगे 'परीक्षा पे चर्चा', छात्रों और शिक्षकों से करेंगे संवाद

Pariksha Pe Charcha 2023: इस आगामी संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ पीएम बातचीत भी करेंगे। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के एक बड़े आंदोलन का हिस्सा है।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 3 Jan 2023 2:20 PM GMT (Updated on: 3 Jan 2023 2:23 PM GMT)
Pariksha Pe Charcha 2023
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Pariksha Pe Charcha 2023 (Social Media)

Pariksha Pe Charcha 2023: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार को जानकारी दी कि 27 जनवरी को पीएम मोदी परीक्षा पर चर्चा करेंगे। इस आगामी संस्करण में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों के साथ पीएम बातचीत भी करेंगे। यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के एक बड़े आंदोलन का हिस्सा है जिसका उद्देश्य युवाओं के लिए तनाव मुक्त माहौल बनाना है। परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के दौरान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी छात्रों के साथ बातचीत करते हैं और उन्हें परीक्षा के तनाव से निपटने के तरीकों की सलाह देते हैं। पीएम मोदी छात्रों की शिक्षा और करियर लक्ष्यों से जुड़े सवाल भी करते हैं।

इस कार्यक्रम में पीएम मोदी माता-पिता और शिक्षकों को उनकी सभी आकांक्षाओं और उद्देश्यों को साकार करने में प्रोत्साहित करने के लिए उनसे बातचीत करते हैं। हालांकि इस साल के परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 30 दिसंबर को बंद कर दिए गए हैं।

पीएम ने ट्वीट में कहीं यें बात

पीएम मोदी ने ट्वीट किया "मैं सभी को परीक्षा में पार्टिसिपेट लेने वाले छात्रों, उनके माता-पिता और शिक्षकों से परीक्षा पर चर्चा 2023 से संबंधित इन दिलचस्प गतिविधियों में भाग लेने का आह्वान करता हूं। आइए हम सामूहिक रूप से अपने छात्रों के लिए तनाव मुक्त वातावरण बनाने की दिशा में काम करें।

2023 में, पीएम मोदी इस आयोजन के छठे चरण को संबोधित करेंगे। इसके साथ ही पिछले साल, परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के पांचवें संस्करण के दौरान, प्रधान मंत्री ने राष्ट्रीय राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में विशेष रूप से विकलांग बच्चों के साथ बातचीत किए थे।

पीएम मोदी ने बातचीत के दौरान कहा पिछले साल के छात्रों से कहा था कि "अच्छे अंक लाने के लिए छात्रों पर शिक्षकों और अभिभावकों का दबाव नहीं होना चाहिए। माता-पिता और शिक्षकों के अधूरे सपनों को बच्चों पर थोपा नहीं जाना चाहिए।

उन्हें अपना भविष्य तय करने और अपने सपनों का पूरा करने की अनुमति दी जानी चाहिए,"। प्रधान मंत्री ने आगे कहा कि ऑनलाइन शिक्षा अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्त करने के बारे में है, जबकि ऑफ़लाइन शिक्षा हमें उस ज्ञान को बनाए रखने और व्यावहारिक रूप से उपयोग करने में मदद करती है।

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