​अब चार साल के ग्रेजुएशन के बाद सीधे कर पाएंगे Ph.D, मास्टर्स करने की जरूरत नहीं...बोले यूजीसी चेयरमैन

Education News: भारतीय छात्रों को अब पीएचडी करने के लिए मास्टर्स करने की जरूरत नहीं होगी। स्टूडेंट्स 4 साल का अंडर ग्रेजुएशन कोर्स करने के बाद सीधे पीएचडी कर पाएंगे।

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Written By aman
Published on: 14 Dec 2022 1:30 PM GMT (Updated on: 14 Dec 2022 2:12 PM GMT)
after four year undergraduate course students are able to do phd no need masters
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Education News: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ब्रिटिश काल के 'मैकाले शिक्षा नीति' को पूरी तरह बदलने का ठान चुकी है। नए भारत की नई शिक्षा नीति स्टूडेंट्स के लिए अब और वृहद रास्ते खोल रही है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) इस दिशा आगे बढ़ चली है। यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार (UGC Chairman Jagdish Kumar) ने बुधवार (14 दिसंबर) को कहा कि, 4 वर्षीय ग्रेजुएट डिग्री हासिल करने वाले स्टूडेंट्स अब सीधे पीएचडी कर सकेंगे।

कहने का मतलब है कि, शिक्षा नीति 2020 (Education Policy 2020) लागू होने के साथ अब पीएचडी का सपना देखने वाले ग्रेजुएट्स को मास्टर्स कोर्स करने की कोई चिंता नहीं करनी होगी। जो कोई छात्र चार वर्षीय स्नातक उत्तीर्ण करेगा, वह सीधे पीएचडी के लिए एलिजिबिल (Eligibility for Ph.D) होगा।

अभी बंद नहीं हुआ 3 वर्षीय पाठ्यक्रम

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष ने इस संबंध में कहा, कि तीन साल के ग्रेजुएशन कोर्स को चार वर्षीय कार्यक्रम पूरी तरह लागू होने तक बंद नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया UGC लंबे वक्त से अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (Undergraduate Program) के लिए नया करिकुलम और क्रेडिट फ्रेमवर्क (UGC Credit Framework) तैयार करने में लगा हुआ था। यूजीसी की तरफ से जारी नया करिकुलम नयी शिक्षा नीति 2020 पर आधारित है। इसके तहत नियमों में लचीलापन लाया जाएगा। जिससे छात्रों को पहले की तुलना में अधिक सुविधाएं प्राप्त होंगी। जिसके तहत अब 4 साल का अंडर ग्रेजुएट करने के बाद कोई भी छात्र पीएचडी कर पाएगा। ऐसे स्टूडेंट्स को मास्टर डिग्री में दाखिले की जरूरत नहीं होगी।

नए करिकुलम में क्या?

UGC की तरफ से जारी नए करिकुलम तथा क्रेडिट फ्रेमवर्क में 'च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम' (CBCS) को बदल दिया गया है। एक वर्ष या दो सेमेस्टर की पढ़ाई पूरी करने वाले स्टूडेंट्स को चुने गए क्षेत्र में सर्टिफिकेट दिया जाएगा। वहीं, 2 वर्ष या 4 सेमेस्टर करने पर स्टूडेंट्स को डिप्लोमा मिलेगा। वहीं, तीन वर्ष या 6 सेमेस्टर के बाद बैचलर डिग्री (Bachelor's Degree) दी जाएगी। इसके अतिरिक्त 4 वर्ष या 8 सेमेस्टर पूरा करने पर छात्रों को ऑनर्स डिग्री दी जाएगी। इसके अलावा, चौथे साल के बाद जिन छात्रों ने पहले 6 सेमेस्टर में 75 फीसदी या उससे अधिक अंक हासिल किए हैं, वो रिसर्च स्ट्रीम का चयन कर सकते हैं। ये शोध मेजर डिसिप्लिन (Major Discipline) में किया जा सकेगा।

मात्र 7 सात किलो का एक बैग लेकर आएं

एयरपोर्ट अधिकारियों ने इस स्थिति से निपटने के लिए व्यस्ततम समय (peak hours) के दौरान उड़ानों की संख्या कम करने सहित एक कार्य योजना बनाई। हवाई अड्डे के टर्मिनल पर यात्रियों की भारी भीड़ का हवाला देते हुए स्पाइसजेट (spicejet) ने यात्रियों को सलाह दी है कि वो जल्द पहुंचें और केवल मात्र 7 किलोग्राम तक का एक हैंड बैग लेकर ही आएं।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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