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Allahabad University: हिंदी विभाग में हुआ काव्य प्रतियोगिता का आयोजन

Allahabad University: साहित्य पढें ही क्यों का सवाल वहां नहीं शुरू होता जहां साहित्य पढ़ना मजबूरी है। इस प्रश्न को वहां से पढ़ना चाहिए जहां मजबूरी नहीं है।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 17 Sept 2022 11:46 AM IST
Poetry competition organized  Hindi department in Allahabad University
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Poetry competition organized Hindi department in Allahabad University (Social Media)

Allahabad University: इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में सत्यप्रकाश मिश्र व्याख्यानमाला और जगदीश गुप्त काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। हिंदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष सत्य प्रकाश मिश्र की स्मृति में स्थापित व्याख्यानमाला की आठवीं कड़ी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के प्रोफेसर राजकुमार ने हम साहित्य पढ़ें ही क्यों? विषय पर व्याख्यान दिया। राजकुमार ने यह चिंता प्रकट की कि बीसवीं सदी में विज्ञान और विचार ने यह धारणा बनाई कि साहित्य को किसी अन्य विद्या का अनुसरण करना होगा। इसने साहित्य की पठनीयता को प्रभावित किया। धारणा यह बनी कि साहित्य में ज्ञान नहीं है। इक्कीसवीं सदी में यह धारणा टूट रही है।


उन्होंने यह भी कहा कि साहित्य पढें ही क्यों का सवाल वहां नहीं शुरू होता जहां साहित्य पढ़ना मजबूरी है। इस प्रश्न को वहां से पढ़ना चाहिए जहां मजबूरी नहीं है। बिना किसी मजबूरी के भी बहुत से लोग साहित्य पढ़ रहे हैं। उनकी संख्या टीवी और सिनेमा देखने वालों से कम हो सकती है। लेकिन संख्या किसी चीज का निर्धारक नहीं है। जब तक साहित्य से ऐसा कुछ मिलता रहेगा। जो अन्य जगह से नहीं मिलता तब तक लोग साहित्य पढ़ते रहेंगे। व्याख्यानमाला की अध्यक्षता प्रो.प्रणय कृष्ण ने की।

संख्या किसी चीज का निर्धारक नहीं होती हैं - प्रोफेसर राजकुमार

आयोजन के दूसरे सत्र में पूर्व विभागाध्यक्ष और नई कविता के प्रमुख हस्ताक्षर जगदीश गुप्त की स्मृति में काव्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें चयनित दस प्रतिभागियों क्रमश: आश्रुति पटेल, प्रज्वल चतुर्वेदी, गोविंद निषाद, अभय प्रताप सिंह, श्वेता श्रीवास्तव, आदित्य पाण्डेय, सौरभ मिश्रा, हर्षिता त्रिपाठी, सत्यम तिवारी और श्रीयांशु कर पाठक ने अपनी कविता का निर्णायकों और श्रोताओं के समक्ष पाठ किया।

निर्णायक के रूप में चंडीगढ़ से कवयित्री विजया सिंह, रीवा विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रो.दिनेश कुशवाह और प्रयागराज के वरिष्ठ कवि हरिश्चंद्र पांडे मौजूद थे। प्रतियोगिता में हर्षिता त्रिपाठी और प्रज्जवल चतुर्वेदी संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर, सत्यम तिवारी दूसरे स्थान पर और गोविंद निषाद पहले स्थान पर रहे।आयोजन सहयोगी हिंदवी, रेख़्ता फाउंडेशन और राजकमल प्रकाशन की तरफ से पुरस्कार वितरण किया। कार्यक्रम का संचालन लक्ष्मण प्रसाद गुप्ता ने किया।

कार्यक्रम के अंतिम सत्र में हरिश्चंद्र पांडे, दिनेश कुशवाह और विजया सिंह का काव्य पाठ हुआ। कार्यक्रम में हिंदवी की अनुराधा शर्मा, अविनाश मिश्र ,हरि कार्की हिंदी विभाग के प्रो. लालसा यादव, प्रो. योगेंद्र प्रताप सिंह, डा. सूर्यनारायण, डॉ. कुमार वीरेंद्र, डॉ. बिजय रविदास, डा. जनार्दन, प्रवीण शेखर, राजनारायण, आमोद माहेश्वरी, श्रीरंग समेत शहर के गणमान्य लोग और विद्यार्थी उपस्थित रहें।



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Durgesh Sharma

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