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बारिश ने तोड़ी 'स्कूल चलो' अभियान की कमर, जर्जर कमरों के भरोसे पढ़ाई -लिखाई

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Published on: 14 July 2017 9:38 AM GMT
बारिश ने तोड़ी स्कूल चलो अभियान की कमर, जर्जर कमरों के भरोसे पढ़ाई -लिखाई
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सुधांशु सक्सेना

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में सरोजनी नगर ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय झिलझिला पुरवा की दीवार तेज बारिश के चलते सोमवार को भरभरा के ढह गई। राजधानी के ही मलिहाबाद ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय रसूलाबाद का भवन इतना जर्जर है कि बारिश में छतों से पानी टपकता है। वहीं प्राथमिक विद्यालय जबरौली का भवन इतना जर्जर है कि बच्चे और शिक्षक डर के मारे बाहर पढ़ते हैं और पानी बरसने पर स्कूल के पास पेड़ों के नीचे लगने वाला स्कूल अक्सर बंद हो जाता है।

इसके अलावा बरसात के जमे पानी से नौनिहालों को संक्रामक रोग होने का खतरा भी मंडराने लगा है। यह तो महज बानगी भर है, लेकिन योगी सरकार के अधिकारी इस ओर ध्यान तक नहीं दे रहे हैं। ऐसा तब है जब खुद सीएम योगी आदित्यनाथ 'स्कूल चलो' अभियान की शुरुआत करके अफसरों को स्कूलों से जोडऩे की हर संभव कोशिश करने का निर्देश दे चुके हैं। अपना भारत ने जब प्रदेश भर के स्कूलों का जायजा लिया तो बेसिक शिक्षा विभाग के दावों के ठीक उलट चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।

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केस नं 1- बक्शी का तालाब में घुटनों तक भरा पानी

राजधानी के बक्शी का तालाब क्षेत्र में कठवारा प्राथमिक विद्यालय में बीते दिनों बारिश के चलते घुटनों तक पानी भरा हुआ है। इसके चलते बच्चों का स्कूल जाना संभव नहीं हो पा रहा है। इतना ही नहीं, स्कूल मार्ग में पडऩे वाला ट्रांसफार्मर भी बारिश के चलते पानी में डूबा हुआ है। इससे बच्चों के स्कूल जाते समय करंट लगने का भय भी बना हुआ है। कठवारा के रहने वाले अनिल सिंह ने बताया कि कई सालों से बारिश में इस स्कूल का यही हाल हो जाता है। हमारे बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। वहीं अध्यापिकाएं भी विद्यालय तक पहुंचने में सफल नहीं हो पा रही हैं।

बच्चों के स्कूल परिसर में बनी रसोई और कक्षाओं में पानी भर गया है। अभी तक कोई अधिकारी मौके पर जायजा लेने नहीं पहुंचा है। इसके अलावा बारिश का पानी जमा होने से पानी में मच्छर भी पनप रहे हैं, जिससे लगातार संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इस क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी अजय विक्रम के मुताबिक वह इस मामले में पत्र लिख चुके हैं। बजट उपलब्ध होते ही भवन और परिसर को सही करवा दिया जाएगा। फिलहाल स्कूल से जल निकासी का बंदोबस्त कराया जा रहा है।

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केस नं 2- कमरों में घुसा पानी, बच्चे हुए बीमार

राजधानी के ही मड़ियांव क्षेत्र में बने प्राथमिक विद्यालय छावनी में क्लासरूमों में पानी भर गया है। बारिश में इन स्कूलों का बुरा हाल हो जाता है। इस स्कूल में कक्षा 1 से 5 के 180 बच्चे पंजीकृत हैं, लेकिन बारिश और जलभराव के चलते सिर्फ 20 से 25 बच्चे ही स्कूल पहुंच पा रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस स्कूल में जलभराव के चलते कई बच्चे संक्रामक रोग की चपेट में आकर बीमार हो गए हैं। किसी को बुखार है तो कोई सिरदर्द, उल्टी की शिकायत से परेशान है। आलम यह है कि स्कूल में मच्छरों और लार्वा की भरमार है, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है।

केस नं 3- भरभरा के ढह गई स्कूल की दीवार

सरोजनी नगर ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय झिलझिला पुरवा की दीवार तेज बारिश के चलते बीती 10 जुलाई को भरभरा के ढह गई। इसके अलावा मलिहाबाद ब्लॉक के राजकीय बालिका इंटर कालेज की बारिश में स्कूल की एक पक्की दीवार और टीनशेड ढह गया। इसके बाद से स्कूली छात्राओं में दहशत का माहौल है और कोई भी स्कूल नहीं आना चाहता। इसके अलावा यहां बारिश में संक्रामक रोगों का खतरा अलग बना हुआ है।

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हजारों स्कूलों का यही हाल

सीएम योगी आदित्यनाथ ने पहली जुलाई प्रदेश में सर्व शिक्षा अभियान के तहत स्कूल चलो अभियान का शुभारंभ बड़े जोर-शोर से कर दिया है। लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ के कड़े निर्देशों को अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उपरोक्त तीन केस तो मात्र बानगी भर हैं, लेकिन प्रदेश में हजारों स्कूलों का कमोबेश यही हाल है। जर्जर बिल्डिंगों में ही अधिकारियों ने इस बार भी स्कूल खोल दिए हैं। कहीं बच्चे घुटनों तक पानी भरे स्कूल में पढऩे जा रहे हैं, तो कहीं जर्जर स्कूलों के बाहर पेड़ों के नीचे कक्षाएं लग रही हैं।

नोडल शिक्षकों की लिस्ट का पता नहीं

जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि हम स्कूलों में संक्रामक रोगों को पनपने से रोकने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। बारिश में मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू के फैलने की ज्यादा संभावनाएं रहती हैं। इसलिए इस बार हम सारे स्कूलों में एक नोडल शिक्षक नियुक्त कर रहे हैं, जो विद्यार्थियों को स्वास्थय शिक्षा प्रदान करेगा और विद्यालयों की साफ सफाई के लिए जिम्मेदार होगा।

हर स्कूल में प्रार्थना सभा में रोगों की रोकथाम के लिए विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा। हमने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया है कि सभी विद्यार्थी यथासंभव पूरी आस्तीन का कपड़ा पहनकर ही स्कूल आएं। कहीं भी लार्वा की उपस्थिति की दशा में तत्काल सूचना देने को कहा गया है, लेकिन जब उनसे नोडल शिक्षकों की लिस्ट का ब्योरा मांगा गया, तो वह उपलब्ध नहीं करवा सके।

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विद्यालयों में छिडक़ा जाएगा एंटी लार्वा स्प्रे

मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ जी.एस.वाजपेयी ने बताया कि इस बार विभाग अपनी तरफ से सरकारी शैक्षिक संस्थानों और विभागों का दौरा करके एंटी लार्वा स्प्रे का छिडक़ाव कर रहा है। जहां तक सरकारी स्कूलों का सवाल है तो हमने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र लिखकर स्कूलों में संक्रमण की स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। जहां से भी शिकायत आएगी, वहां तुरंत स्प्रे करवाया जाएगा।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि सभी खंड शिक्षा अधिकारियों से स्कूलों में संक्रामक रोगों से रोकथाम के लिए जागरूकता कार्यक्रम करवाने के निर्देश दिए गए हैं। जहां पर भी लार्वा की संभावित जानकारी मिल रही है, वहां छिडक़ाव कराया जा रहा है। कई जर्जर भवनों को ठीक करने का काम इस सत्र में किया जाएगा। जिन स्कूलों के लिए बजट नहीं आ पाया है, उसके लिए शासन को लिखकर बजट मंगाया जाएगा।

अपर मुख्य बेसिक शिक्षा सचिव डॉ. आर.पी.सिंह ने बताया कि हमने सभी जिलों के बीएसए को निर्देशित किया है कि स्कूलों में संक्रामक रोग पनपने से रोकने के लिए जनपद के स्वास्थ्य विभाग के साथ संयुक्त रूप से आकलन करें और जहां आवश्यकता हो, वहां एंटी लार्वा स्प्रे सहित अन्य साफ सफाई का ध्यान रखा जाए। जहां तक जर्जर स्कूलों का प्रश्न है, तो उनके जीर्णोद्धार का कार्य जल्द पूरा कर लिया जाएगा।

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