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छात्रों का कमाल: इस गांव के एक ही बैच के सभी स्टूडेंट्स ने क्लियर किया JEE MAINS 2017
काडूस महाराष्ट्र के राजगुरुनगर शहर का एक गांव है, इसका नाम शायद ही किसी ने सुना होगा। लेकिन इस गांव के कुछ छात्रों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है।
पुणे : काडूस महाराष्ट्र के राजगुरुनगर शहर का एक गांव है, इसका नाम शायद ही किसी ने सुना होगा। लेकिन इस गांव के कुछ छात्रों ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो इन दिनों सुर्खियों में छाया हुआ है।
जेईई मेन का रिजल्ट 27 अप्रैल को जारी हुआ था। गौरतलब है कि जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (JEE) मेन की ऑफलाइन परीक्षा 2 अप्रैल और ऑनलाइन परीक्षा 8 और 9 अप्रैल को आयोजित हुई थी।
इस गांव के 70 छात्रों के एक बैच को एक साल तक आईआईटी जेईई के लिए ट्रेनिंग दी गई थी। जिसमें सभी 70 छात्रों ने मेंस परीक्षा पास कर ली है। इसी तरह से राजस्थान के बुंदी में 50 और कोट्टायम में 99 छात्रों को ट्रेनिंग दी गई थी।
इस बैच में दूर-दराज के छात्र शामिल
छात्रों के इस बैच में देश के दूर-दराज इलाकों जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक के छात्र शमिल हैं। छात्रों में एक बात सामान्य थी कि सभी बहुत ही गरीब परिवार से है। दक्षणा फाउंडेशन नाम के इस संगठन ने इन छात्रों के लिए मुफ्त कोचिंग की व्यवस्था की। यह संगठन 2009 से सात जवाहर नवोदय विद्यालयों (JNV) में जेईई कोचिंग बैच चलाता है।
आगे की स्लाइड्स में जानें क्या कहना है इन सफल छात्रों का...
क्या कहना है इन छात्रों का?
-जिन्होंने जेईई-मेंस क्लियर किया है, उनमें से पश्चिम बंगाल के नादिया जिले की एक छात्रा मौसमी दास है।
-उनके माता-पिता दिहाड़ी मजदूर हैं।
-मौसमी यहां शिक्षा पाने वाली पहली छात्रा हैं।
-उनका कहना है कि, 'जब कभी भी मैं घर जाती हूं, मैं बच्चों को जेएनवी एंट्रेंस एग्जाम के लिए कोचिंग देती हूं। मैं चाहती हूं कि जो मौका मुझे मिला है, वह उनको भी मिले।'
-लखनऊ के एक दुकानदार की बेटी शिपरा कुमारी ने भी 132 स्कोर के साथ जेईई-मेंस क्लियर किया है।
-शिपरा जेएनवी की भी स्टूडेंट हैं।
-जेएनवी की कुल 93 छात्राओं ने जेईई मेंस क्लियर किया है।
-वहीं छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चंपा की प्रीति बंजारा लड़कियों की शिक्षा के लिए काम करना चाहती हैं।