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इन तरीकों से बढ़ा सकते हैं अपनी प्रोडक्टिविटी

raghvendra
Published on: 9 Jun 2018 1:29 PM IST
इन तरीकों से बढ़ा सकते हैं अपनी प्रोडक्टिविटी
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कई बार आप लाख कोशिशों के बाद भी वर्कप्लेस पर अपनी प्रोडक्टिविटी में इजाफा नहीं कर पाते है। इस कारण आपको परेशानी का सामना करना पड़ता है। आप प्रोडक्टिव वर्क नहीं करेंगे तो वर्कप्लेस पर आपको खराब एम्प्लॉई समझ लिया जाएगा। हर नए असाइनमेंट को शुरू करते समय अपनी काम क्षमता में इजाफा करने के बारे में विचार करना चाहिए। आप काम करते-करते परेशान हो जाते हैं और सफलता नहीं मिल पाती है तो रुककर विचार करना चाहिए। यदि काम के साथ-साथ जीवन को भी सही तरह से मैनेज कर अपनी प्रोडक्टिविटी बढ़ा सकते हैं। अगर लगता है कि आप भी प्रोडक्टिव बन सकते हैं तो कुछ खास बातों को जीवन में उतार लेना चाहिए।

मल्टीटास्किंग हैं तो सावधान रहें

एक अध्ययन के मुताबिक जो लोग मल्टीटास्किंग करते हैं, काम पर पूरा ध्यान नहीं देते और तेजी से काम करने के आदी होते हैं, वे ज्यादा प्रोडक्टिव नहीं हो पाते हैं। इस तरह की आदतों से काम में बार-बार व्यवधान आता है। इसके बजाय यदि आप कोई काम करते समय किसी अन्य काम पर ध्यान नहीं देते हैं तो वह काम बेहतर तरीके से पूरा होता है। एक बार में एक काम करने से आप फोकस्ड रह पाते हैं।

खुश रहेंगे तो बढ़ेगा काम

प्रोडक्टिविटी के लिए माना जाता है कि आप कम समय में ज्यादा काम करें। सैद्धांतिक रूप से इससे आपको जीवन जीने के लिए ज्यादा समय मिल पाता है। व्यावहारिक रूप से इसका अर्थ ज्यादा काम होता है। बचे हुए समय को अपने लिए इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। जब खुद को समय देते हैं तो खुश रह पाते हैं। एक अध्ययन बताता है कि खुश रहने वाले कर्मचारी 12 फीसदी ज्यादा प्रोडक्टिव होते हैं।

काम को अच्छे से समझें

कई बार आप कड़ी मेहनत करते हैं, पर किसी काम में मास्टरी हासिल नहीं कर पाते हैं तो काम को पूरा करने में परेशानी आती है। काम में मास्टरी हासिल करनी चाहिए, इससे कठिन से कठिन काम को भी आसानी से पूरा कर पाते हैं। काम से जुड़े नए-नए अनुभव भी प्राप्त करने चाहिए। इन अनुभवों के कारण काम के दौरान हड़बड़ाहट नहीं होती है और आपकी प्रोडक्टिविटी बढ़ती है। इसके लिए आपको स्किल्ड डेवेलपमेंट प्रोग्राम करना चाहिए। इससे आप अच्छा काम कर सकते हैं।

टुकड़ों में काम करें

अपने सबसे जरूरी कार्यों को छोटे-छोटे कामों में तोड़ लेते हैं तो काम आसानी से पूरे हो जाते हैं। अगर अपनी काम की लिस्ट में मौजूद सबसे कठिन काम को सबसे पहले पूरा कर लेते हैं तो आपको यकीन हो जाता है कि अब पूरा दिन आराम से गुजार सकते हैं और किसी तरह की परेशानी भी नहीं होगी। कठिन काम को भी टुकड़ों में तोडक़र पूरा कर लेना चाहिए। इससे भी काम बढ़ेगा।

खुद के तरीके बनाएं

जब भी आप कोई काम करते हैं तो टाइप-ए पर्सनेलिटी पर फिट बैठता है तो जरूरी नहीं है कि वह आप पर भी फिट बैठे। खुद को समझना चाहिए और उसी हिसाब से तरीकों का निर्माण करना चाहिए। हो सकता है कि आपको लोगों से मिलना-जुलना और सोना ज्यादा पसंद हो। ऐसे में प्रोडक्टिविटी के लिए अन्य तरीकों के बारे में विचार करना चाहिए। पता करें कि कैसे आप खुद को प्रोडक्टिव बना सकते हैं। इसके लिए खुद का तरीका विकसित करें ताकि काम ज्यादा से ज्यादा हो सके।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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