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प्रोटॉन थेरेपी ऐसे करेगी कैंसर का खात्मा
लखनऊ: कैंसर के सटीक इलाज में प्रोटॉन थेरेपी बेहद कारगर है। भारत के कुछ संस्थानों में प्रोटॉन थेरेपी मशीन स्थापित की जा रही है। इससे कैंसर पर सीधे वार होगा। यह जानकारी केजीएमयू के रेडियोथेरेपी और रेडियोलॉजी विभाग के 32वें स्थापना दिवस की पूर्व संध्या पर हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन आंकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया (एआरओआई) के अध्यक्ष डॉ. राजेश वशिष्ठ ने दी।
डॉ राजेश ने कहा कि कैंसर तेजी से बढ़ रहा है। बीमारी के साथ इलाज की तकनीक भी विकसित हो रही है। शुरुआत में कैंसर को पकड़ना आसान हो गया है। उन्होंने बताया कि प्रोटॉन थेरेपी मशीन कैंसर मरीजों के लिए वरदान साबित होगी। इससे सिर समेत शरीर के दूसरे हिस्से के ट्यूमर के इलाज में आसानी होगी। चेन्नई,मुंबई , दिल्ली, कोलकाता स्थित टाटा एम्स समेत दूसरे संस्थानों में प्रोटॉन मशीन लगाई जानी है।
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स्वस्थ्य कोशिकाओं को नहीं होगा रेडिएशन का खतरा
डॉ राजेश ने बताया कि लीनैक या कोबाल्ट मशीन से रेडिएशन दिया जाता है। इससे मरीज की स्वस्थ्य कोशिकाओं को भी नुकसान होता है। प्रोटॉन थेरेपी में ऐसा नहीं होगा। रेडिएशन सीधे ट्यूमर व कैंसर सेल को नष्ट करेगा। खास बात यह है कि इस मशीन से शुरुआत में रेडिएशन की डोज कम निकलेगी। जैसे ही रेडिएशन कैंसर वाले हिस्से में पहुंचेगा उसकी पूरी डोज निकलेगी। कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट कर देंगी। इससे स्वास्थ्य कोशिकाओं को रेडिएशन के खतरों से बचाया जा सकेगा।
ज़रूरत से आधी हैं मशीनें
डॉ राजेश वशिष्ठ ने कैंसर के सीमित संसाधनों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि लीनैक मशीन से कैंसर मरीजों की सिकाई की जाती है। अफसोस की बात है कि पूरे देश में करीब 300 से 350 मशीने ही हैं। जबकि कैंसर मरीजों की संख्या के मद्देनजर कम से कम 700 से 800 मशीनें होनी चाहिए।
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इलाज के लिए भटक रहे मरीज
कैंसर के इलाज के संसाधन सीमित होने का खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। केजीएमयू कुलपति डॉ एमएलबी भट्ट ने कहा कि कैंसर मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। संसाधन कम है। नतीजतन मरीजों को इलाज के लिए बड़े शहरों की तरफ भटकना पड़ रहा है।
स्थापना दिवस समारोह आज
केजीएमयू रेडियोथेरेपी विभाग के डॉण् सुधीर सिंह ने कहा कि सोमवार को रेडियोथेरेपी व रेडियो डायग्नोसिस विभाग का 32 वां स्थापना दिवस समारोह मनाया जाएगा। रेडियोथेरेपी विभाग में 61 बेड हैं। एक लीनैक मशीन है। दो कोबाल्ट और एक ब्रेकथ्रु थेरेपी मशीन है। एक सीटी व एक कन्वेंशनल थेरेपी मशीन है। विभाग में तीन सीनियर व 18 जूनियर रेजिडेंट हैं। विभाग में नौ डॉक्टर तैनात हैं।
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