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रिक्शा चालक के 3 वर्षीय बेटे से मिल हैरान रह गए डीएम, फिर ऐसे करी Help
हरदोई: जिले में डीएम कैंप आफिस का नजारा देखने लायक था। एक रिक्शा चालक के बेटे भानू के हुनर को डीएम परख रहे थे। वहीं बिना डरे तीन साल का भानू डीएम पुलकित खरे को एक से लेकर 40 तक पहाड़े सुना रहा था। डीएम के हर सवाल का तपाक से उत्तर दे रहा था। तीन साल के भानू से डीएम इतना प्रभावित हुए कि उसकी शिक्षा-दीक्षा का पूरा खर्च उठाने का मन बना लिया। उन्होंने तुरंत उसका एडमिशन जिले के प्रतिष्ठित लखनऊ पब्लिक स्कूल में करवाया और उसे एडमिशन और हॉस्टल की सुविधा दिलवाई। अब भानू हॉस्टल में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकेगा।
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पिता चलाते हैं रिक्शा
यूपी के हरदोई जिले के भरावन ब्लाक के मड़ौली मजरा कौड़िया में रहने वाले रिक्शा चालक कन्ने का करीब 3 साल का बेटा भानु बेहद प्रतिभावान है। काफी दिन पहले वह अपने गांव की प्रधान नीलम देवी के पति संतराम कश्यप के साथ डीएम पुलकित खरे के आवास पंहुचा तो डीएम ने मुलाकात करते हुए भानु की प्रतिभा को परखा। भानु ने डीएम को 1 से 40 तक का पहाड़ा बिना रुके सुना दिया और कई प्रश्नों के उत्तर भी दिए थे। उसकी विलक्षण प्रतिभा देख डीएम पुलकित खरे ने उसका एडुकेशनल गार्जियन बनने और उसकी स्नातक तक की पढ़ाई का खर्च निजी स्तर पर उठाने का संकल्प लिया। भानू के पिता गरीबी के चलते उसे पढ़ा नहीं पा रहे थे। इसलिए डीएम ने भानू की पूरी शिक्षा का खर्च उठाने का संकल्प लिया।
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गार्जियन बनकर पहुंचे डीएम
डीएम पुलकित खरे भानु और उसके पिता को लेकर माधौगंज स्थित लखनऊ पब्लिक स्कूल पंहुचे। जहां पर उन्होंने भानू का एडमिशन अपने निजी खर्चे पर कराया। डीएम पुलकित खरे ने बकायदा एक सामान्य गार्जियन की तरह कालेज के संस्थापक पूर्व एमएलसी एसपी सिंह और प्रधानाचार्य सरोज कटियार से केजी कक्षा में प्रवेश के लिए जानकारी ली और भानू के दाखिले के लिए भरे जाने वाले प्रवेश फार्म पर अभिभावक के स्थान पर स्वयं हस्ताक्षर किए। उन्होंने केजी कक्षा में पढा रही शिक्षिका रूचि शर्मा से बच्चों की पढाई के तौर तरीके की जानकारी कर भानू का वहां पढ़ रहे बच्चों से परिचय भी कराया।
कांफिडेंस के साथ भानू ने मिलाया हाथ
डीएम ने जैसे ही भानू का परिचय उसकी क्लास के बाकी बच्चों से कराया। भानु प्रताप ने पूरे कांफिडेंस के साथ क्लास के अन्य बच्चों से हाथ मिलाकर उनका अभिवादन किया। डीएम पुलकित खरे ने हास्टल की वार्डेन से बच्चों के भोजन की व्यवस्था और ठहरने के इन्तजाम के बारे में जानकारी की। अब भानू वहां हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करेगा।
ग्रेजुएशन भी कराएंगे डीएम साहब
रिक्शा चालक के होनहार बेटे भानू का प्रदेश के जाने माने स्कूल में दाखिला कराने के बाद डीएम पुलकित खरे ने कहा कि भानू के अन्दर समान्य बच्चों की अपेक्षा सोचने व समझने की क्षमता अधिक है। उसकी इसी क्षमता से प्रभावित होकर उन्होंने अपने निजी खर्चे पर उसे अच्छी शिक्षा दिलाने का संकल्प लिया है। भानू की केजी से लेकर इण्टर तक की शिक्षा यहीं से होगी। उसके बाद की शिक्षा भानू की रूचि के अनुसार कराएगें। उन्होंने कहा कि जिले से स्थानान्तरण के बाद वह जहां भी होगें वहीं से प्रधानाचार्य व बच्चे के पिता से सम्पर्क बनाए रखेगें। पिता का एकाउन्ट नम्बर व मोबाइल नम्बर उन्होंने ले रखा है जिससे वह बराबर सम्पर्क में बने रहेगें। रिक्शा चालक के बच्चे का भाग्य उसकी छिपी प्रतिभा से उजागर हुआ। बच्चे की मां माधुरी गृहणी है। भानू के गांव की प्रधान के पति सन्तराम कश्यप ने बताया कि भानुप्रताप प्राथमिक विद्यालय मड़ौली में कक्षा एक मे पढ़ने जाता था और उसमें बिलक्षण प्रतिभा है। जिसे डीएम ने पहचानकर उसकी पढ़ाई की पूरी जिम्मेदारी ली है।