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RTI: अब यूपी के निजी स्कूल आरटीआई के दायरे में, मांगी गई सूचनाओं के लिए होंगे बाध्य

RTI: उत्तर प्रदेश के सभी निजी स्कूलों (Private Schools) को अब सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के दायरे में माना जाएगा।

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Newstrack NetworkPublished By Chitra Singh
Published on: 15 July 2021 3:56 AM GMT
RTI Private Schools
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आरटीआई- प्राइवेट स्कूल (डिजाइन फोटो- सोशल मीडिया)

RTI: उत्तर प्रदेश के सभी निजी स्कूलों (Private Schools) को अब सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के दायरे में माना जाएगा। इसके तहत मांगी गई जानकारी प्रदान करने के लिए प्राइवेट स्कूल बाध्य होगा। अपीलार्थी संजय शर्मा के बाद राज्य के सूचना आयुक्त प्रमोद कुमार तिवारी ने यह व्यवस्था की है। जन सूचना अधिकारी/मुख्य सचिव उ.प्र. शासन को सिफारिश करते हुए उन्होंने कहा है कि प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों को भी जन सूचना अधिकारी घोषित किया जाए।

दरअसल, संजय शर्मा बनाम जन सूचना अधिकारी/मुख्य सचिव उ.प्र. शासन ने दो प्रतिष्ठित प्राइवेट स्कूलों को लेकर राज्य सूचना आयोग लखनऊ में द्वितीय अपील की थी, जिसमें कहा गया था कि "यदि विकास प्राधिकरण निजी स्कूलों की स्थापना के लिए रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराता है, तो सुप्रीम कोर्ट के के डीएवी कॉलेज ट्रस्ट एंड मैनेजमेंट सोसायटी (DAV College Trust and Management Society) और अन्य बनाम डायरेक्टर ऑफ पब्लिक इंसट्रक्शन व अदर्स में प्रतिपादित विधि मुताबिक स्कूलों को राज्य से पर्याप्त रूप से वित्त पोषित माना जाएगा।"

बता दें कि सूचना का अधिकार अधिनियम-2005 के तहत प्राइवेट स्कूल कोई भी सूचना नहीं देते थे, क्योंकि वे राज्य से वित्त पोषित नहीं हैं और अधिनियम के दायरे से भी बाहर हैं। इस मामले में आयोग ने तर्क दिया कि वर्ष 2009 में बच्चों के नि:शुल्क शिक्षा के लिए अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम (Right to Compulsory Child Education Act) के लागू होने के बाद ऐसे सभी स्कूल जो उपरोक्त अधिनियम के दायरे में आते हैं। साथ ही अधिनियम व यूपी निःशुल्क, अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार नियम-2011के प्रपत्र-1 एवं 2 के अनुसार वे जिला शिक्षाधिकारी को सूचित करते हैं। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी आरटीआई एक्ट की धारा 6(1) के तहत सूचनाओं के मांगे जाने पर याचिकाकर्ता को सारी जानकारी देने के लिए बाध्य हैं।

Chitra Singh

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