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हेराफेरी : काले कारनामों के चलते यूनिवर्सिटी से बाहर हुआ लाल परिवार

सैम हिगिन्‍बॉटम यूनिवर्सिटी आफ टेक्‍नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) पर एक जमाने से कब्‍जा जमाकर करोड़ों की काली कमा करने वाले लाल परिवार के कारनामे अब एक एक करके उजागर हो रहे हैं। पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय के पास मौजूद फाइलें चीख-चीख कर इनके काले कारनामों की गवा

Anoop Ojha
Published on: 5 Jan 2018 6:02 PM IST
हेराफेरी : काले कारनामों के चलते यूनिवर्सिटी से बाहर हुआ लाल परिवार
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हेराफेरी : काले कारनामों के चलते यूनिवर्सिटी से बाहर हुआ लाल परिवार

रतिभान त्रिपाठीतिभान त्रिपाठी

लखनऊ: सैम हिगिन्‍बॉटम यूनिवर्सिटी आफ टेक्‍नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) पर एक जमाने से कब्‍जा जमाकर करोड़ों की काली कमा करने वाले लाल परिवार के कारनामे अब एक एक करके उजागर हो रहे हैं। पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय के पास मौजूद फाइलें चीख-चीख कर इनके काले कारनामों की गवाही दे रही हैं।

भरभरा गया रसूख का किला

सैम हिगिन्‍बॉटम यूनिवर्सिटी आफ टेक्‍नोलॉजी एंड साइंसेज (शुआट्स) के वाइस चांसलर होने के नाते राजेंद्र बी. लाल ने अपने संत और वैज्ञानिक होने के रसूख का जो किला खड़ा किया था, वह उनके कारनामें उजागर होते ही भरभरा गया। वह परिवार जिसके घर जाकर सपा के अहम नेता शिवपाल सिंह यादव, एमएलसी रामवृक्ष यादव जैसे तमाम नेता खुद को गौरवशाली महसूस करते थे, वह कैसे कारनामे कर रहा है, इसका अंदाजा शायद इन लोगों को अब हुआ होगा।

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मुंह छिपाते घूम रहे पूर्व वाइस चांसलर

24 करोड़ रुपये की हेराफेरी के आरोपी आरबी लाल, उनके भाई एसबी लाल और विनोद बी लाल के पीछे जो लोग जी हुजूरी करते घूमते थे, वह अब कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। वजह कि उनके आका अब खुद ही पुलिस से भागते फिर रहे हैं। विनोद बी लाल तो महीने भर से जेल के सीखचों में है लेकिन घोटाले के आरोपों से घिर जाने पर वाइस चांसलर पद से हटा दिए गए आरबी लाल अब खुद मुंह छिपाते घूम रहे हैं। पुलिस की टीमें दिल्‍ली, नोएडा, हरियाणा, आदि जगहों पर उनकी तलाश कर रही है। जबकि एक भाई एसबी लाल ने अदालत के एक आदेश के सहारे किसी तरह अपने को गिरफ्तारी से बचा रखा है।

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बैंक से मिलीभगत करके डकारी रकम

लाल परिवार पर आरोप है कि इसने ऐक्सिस बैंक में यूनिवर्सिटी के अलग अलग खातों से 24 करोड़ रुपये दूसरे खातों में डलवाकर हजम कर लिये। इस जालसाजी में ऐक्‍सिस बैंक के 25 कर्मचारियों के भी शामिल होने का आरोप था। इनमें से 12 लोग जेल में हैं और 13 लोगों के खिलाफ नॉन बेलेबुल वारंट जारी किया जा चुका है।

अदालत से स्‍टे लिया लेकिन पुलिस ने वह भी खारिज करा दिया। आरबी लाल ने हाईकोर्ट के चीफ जस्‍टिस की अदालत में गुहार लगाई लेकिन वहां भी अर्जी खारिज हो गई तो अब भागे भागे फिर रहे हैं।

खटखटाया प्रभावशाली नेताओं का दरवाजा

पिछले चार महीने से चर्चा में आया यह मामला इन दिनों देश-प्रदेश की सरकारों के भी संज्ञान में इसलिए है कि आरबी लाल और उनके भाइयों ने खुद को बचाने के लिए किसी भी ऐसे प्रभावशाली नेता का दरवाजा खटखटाने में कोताही नहीं बरती जिससे जरा भी राहत की गुंजाइश रही हो। वह अपने करीबी कांग्रेसी, बसपाई और सपाई नेताओं के जरिए पहले पुलिस को बंदरघुड़की दिलवाई लेकिन जब दाल नहीं गली तो भाजपा नेताओं की गणेश परिक्रमा करने लगे। इलाहाबाद, लखनऊ से लेकर दिल्‍ली तक नेताओं को करोड़ों का आफर दिया लेकिन मामला इतना संगीन और पेचीदा है कि कोई भी नेता हाथ डालने से कतरा रहा है। यहां तक कि मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के यहां भी लाल परिवार ने पहुंच बनाने की कोशिश की लेकिन उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की वजह से वहां भी उनकी एक नहीं चली।

एसपी क्राइम ने कहा, छोड़ेंगे नहीं

मामले की जांच कर रही पुलिस टीम के अगुआ और इलाहाबाद के एसपी क्राइम बृजेश मिश्र कहते हें कि हमारी टीमें सक्रिय हैं। हम जल्‍द ही आरबी लाल को गिरफ्तार कर लेंगे। उनकाे किसी भी सूरत में छोड़ेंगे नहीं। हालांकि उसने काफी दबाव बनवाने की कोशिश की लेकिन हमारी टीम उसके दबाव और प्रलोभन के आगे झुकी नहीं।

सभी शिक्षण संस्‍थाओं पर कब्‍जा करने की नीयत

लाल परिवार जैसे तैसे इलाहाबाद की अधिकांश क्रिश्‍चियन शिक्षण संस्‍थाओं में कब्‍जा करने की कोशिश में था। आरबी लाल ने अपने भाई विनोद बी लाल को इस काम में लगा रखा था। इलाहाबाद के ब्‍वायज हाईस्‍कूल, गर्ल्‍स हाईस्‍कूल, मेरी ल्‍ूयूकस स्‍कूल, होली ट्रिनिटी आदि पर अपने करीबी लोगों को बैठा दिया था। इस परिवार की नजर यूइंग क्रिस्‍िचयन कालेज और दूसरी संस्‍थाओं पर भी थी। जब तक सीवी ईनिस व्ब्‍वायज हाईस्‍कूल के प्रिंसिपल थे, यह स्‍कूल ठीक से चलता रहा। अब तो यहां का माहौल अच्‍छा नहीं रह गया। यही हालत इससे संबंधित अन्‍य स्‍कूलों की हो गई है।

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चंगाई के सहारे गरीबों पर रुतबा झाड़ते रहे आरबी लाल

शुआट्स परिसर के आसपास के जमीनों को कब्‍जा करके आरबी लाल का परिवार उनमें यीशू दरबार लगाता रहा है। आरबी लाल अपने को एक अलग समूह के बिशप के रूप में पेश करते थे। अपनी पत्‍नी को भी यीशू दरबार में बुलाते थे। पति पत्‍नी खुद को महान संत की तरह पेश करते थे और घोषणा करते थे कि उनकी झाड़ फूंक से सबके कष्‍ट दूर हो जाते हैं। दो साल पहले विनोद बी लाल के बेटे का अचानक निधन हो गया। यह दुखद अवसर था लेकिन आरबी लाल ने अपने चमचों के जरिए यह बात उड़वाई कि अगर मैं होता तो उस बच्‍चे को बचा लेता। इस बात का काफी हल्‍ला मचा था। एक तकनीकी यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर का झाड़ फूंक और चंगाई करना तमाम लोगों को खल रहा था। उन पर धर्म परिवर्तन कराने के भी आरोप चस्‍पा हैं। एक जमाने में यीशू दरबार के खिलाफ तत्‍कालीन विहिप नेता और मौजूदा उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने जमकर आंदोलन किया था। उस समय आरबी लाल के प्रभाव में केशव प्रसाद को कई बार पुलिस की लाठियां खानी पड़ेगी।

नेताओं की सिफारिश से और क्रिश्‍चियन बनकर नौकरी

लाल परिवार को अपना रसूख कायम रखने के लिए कुछ ऐसे उपाय करने पड़ते थे कि उनका नाम और आम शोहरत खराब न होने पाए। इसके लिए कुछ प्रभावशाली लोगों विनोद बी लाल के जरिए शुआट्स में नौकरी मिली थी। इनमें एक साउथ इंडियन आईपीएस के भाई, कुछ अफसरों और नेताओं के रिश्‍तेदार शामिल हैं। कुछ लोगों ने दिल्‍ली के नेताओं से सिफारिश करके नौकरी पाई है। कुछ लोग ऐसे भी हैं जो जाति के ब्राह्मण हैं लेकिन क्रिश्‍चियन बनकर यहां नौकरी कर रहे हैं। इलाहाबाद के कमिश्‍नर आशीष गोयल इस पहलू की भी जांच की थी कि इस यूनिवर्सिटी को अपने मुताबिक चलाने के लिए आरबी लाल और उनके परिवार ने कितने लोगों को बख्‍शीश में नौकरी दे रखी है। कमिश्‍नर गोयल ने यह तो नहीं बताया कि जांच में क्‍या तथ्‍य प्रकाश में आए हैं लेकिन पूछने पर यह जरूर कहा कि मैंने जो जांच की थी, उसकी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। पहले कमिश्‍नर का इसमें वित्‍तीय अधिकार था लेकिन अब नहीं रह गया है।



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Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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