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Education Award: इविवि की वीसी को सारस्वत और प्रो.सिद्दीकी को डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक सम्मान

Education Award:15 से अधिक देशों के शिक्षक विश्वविद्यालय में नियुक्ति हो चुके हैं। मुझे आश्चर्य हुआ कि वे भारत वापस क्यों आ रहें हैं। उन्होंने कहा वे देश की सेवा करना चाहते हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 3 Sept 2022 2:54 PM IST
Saraswat and Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Teacher Award
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Saraswat and Dr. Sarvepalli Radhakrishnan Teacher Award (Social Media)

Education Award: एस एस खन्ना गर्ल्स पीजी कॉलेज में इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो.संगीता श्रीवास्तव को सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं सम्मानित महसूस कर रही हूं कि मुझे विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति के रूप में काम करने का मौका मिला है। विश्वविद्यालय के उत्थान के मेरे प्रयासों में एक बहुत बड़ी टीम जिसने मेरे साथ मिल कर काम किया है और जो विश्वविद्यालय का गौरव बढ़ाने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

नई पीढ़ी ज्यादा स्मार्ट है और हमें खुद को ऊपर उठाने की जरूरत है ताकि हम शिक्षक के रूप में सार्थक भूमिका निभा सकें। 15 से अधिक देशों के शिक्षक विश्वविद्यालय में नियुक्ति हो चुके हैं। इससे मुझे आश्चर्य हुआ कि वे भारत वापस क्यों आ रहें हैं। उन्होंने जवाब दिया कि वे देश की सेवा करना चाहते हैं।

ऐसे भावना से उत्साहित हूँ और मुझे विश्वास है कि ऐसे शिक्षकों के साथ विश्वविद्यालय जल्द ही सबसे अगली पंक्ति में आ जायेगा। निजी विश्वविद्यालयों के बहुत से शिक्षक हमसे जुड़ने के लिए आ रहे हैं क्योंकि उन्हें वहां कम वेतन दिया जाता है और इनमें से कई विश्वविद्यालयों में प्रयोगशालाएं भी नहीं है।



प्रो. संगीता श्रीवास्तव को खत्री पाठशाली की ओर से सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया।

सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को किया जा रहा है कमजोर- प्रो.संगीता श्रीवास्तव

प्रो.संगीता श्रीवास्तव ने कहा कि मैं वर्तमान के लिए नहीं बल्कि भविष्य के लिए काम करती हूं। युवा छात्रों को मेरी सलाह है कि साधारण काम चलाने की मनोवृत्ति से बाहर आयें। अपनी क्षमता के अनुसार काम में उत्कृष्टता विकसित करने का प्रयास करें। मैं खुद को आजीवन सीखने वाला मानती हूं, गहन पेशेवर इच्छाशक्ति को बनाये रखती हूं और जो कुछ भी करती हूं उसमें उत्कृष्टता के लिए प्रयास करती हूं।

हमें जीवन में लगातार बाधाओं का सामना करना पड़ता है और कठिन परिस्थितियों से लड़ने की जरूरत होती है। विश्वविद्यालय में ऐसी ही परिस्थितियों से सामना हो रहा है। 110 साल से फीस जस की तस है। अगर फीस नहीं बढ़ाई गई होती तो संस्था खत्म हो जाती।

ऐसा लगता है कि एक योजनाबद्ध तरीके से सार्वजनिक विश्वविद्यालयों को कमजोर किया जा रहा है और निजी संस्थाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। अगर मैंने अभी कदम नहीं उठाया तो इलाहाबाद यूनिवर्सिटी भी नष्ट हो जाएगी। हमें संस्था को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए प्रयास करने का दृढ़ संकल्प रखना होगा।

असफलता से लेनी चाहिए सीख

छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लड़कियों में काफी संभावनाएं होती हैं और अगर वे ठान लें तो बहुत कुछ कर सकती हैं। और जब आप कोई काम करते हैं तो उसमें असफलताएं भी मिलती हैं,पर आपको निराश नहीं होना चाहिए बल्कि उनसे सीखना चाहिए।

इसे एक अनुभव के रूप में लेना चाहिए और अपने आप को एक बेहतर इंसान बनाना चाहिए। दरअसल बात, व्यक्तित्व विकास में उत्कृष्टता की है और खराब संचार, गलत भाषा और सॉफ्ट स्किल की कमी आपके व्यक्तित्व पर बहुत खराब प्रभाव डालती है।

अच्छा संचार कौशल और सॉफ्ट स्किल बहुत महत्वपूर्ण हैं और इसमें निरन्तर बेहतर होने का प्रयास करना चाहिए।

कार्यक्रम में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एवं संस्था की प्रबंधन समिति के प्रमुख संचालक जस्टिस अरुन टंडन और कॉलेज की प्रधानाचार्या प्रो.लालिमा सिंह ने कुलपति का स्वागत करते हुए उनके प्रयासों की सराहना की।

5 सितंबर को प्रो.ए.आर सिद्दीकी को मिलेगा सम्मान


प्रोफेसर ए.आर सिद्दीकी को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक सम्मान से नवाजा जाएगा।

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर ए.आर सिद्दीकी को डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय युवा पुरस्कार प्राप्त डॉ नम्रता आनंद द्वारा स्थापित दीदी जी फाउंडेशन जो कि सामाजिक कार्यों के लिए पूरे देश में जाना जाता है आने वाले 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।




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