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प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- IIT में जल्द होगा छात्राओं के लिए स्पेशल कोटा
केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक के दौरान अतिरिक्त कोटा शुरू कर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने की योजना को भी मंजूरी दी गई। यह देश के 23 आईआईटी से संबंधित सर्वोच्च समन्वय समिति है। आईआईटी शिक्षा परिसरों में आत्महत्या की बढ़ती संख्या से चिंतित है। इस मानसिक तनाव से निपटने में स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए वेलनेस सेंटर स्थापित करेंगे। नए स्टूडेंट्स के लिए गैर शिक्षक परिचय कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इस संबंध में आईआईटी परिषद की एक बैठक में फैसला लिया गया।
मुंबई: केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक के दौरान अतिरिक्त कोटा शुरू कर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) में महिला प्रतिनिधित्व बढ़ाने की योजना को भी मंजूरी दी गई। यह देश के 23 आईआईटी से संबंधित सर्वोच्च समन्वय समिति है।आईआईटी परिषद की बैठक में शुक्रवार (28 अप्रैल) को मुंबई में इस बारे में चर्चा की गई। इस बैठक में मौजूदा समय में आईआईटी में सालाना 8 से 9 प्रतिशत लड़कियां प्रवेश पाती हैं, जिसको 2020 तक बढ़ाकर 20 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
आईआईटी शिक्षा परिसरों में आत्महत्या की बढ़ती संख्या से चिंतित है। इस मानसिक तनाव से निपटने में स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए वेलनेस सेंटर स्थापित करेंगे। नए स्टूडेंट्स के लिए गैर शिक्षक परिचय कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इस संबंध में आईआईटी परिषद की एक बैठक में फैसला लिया गया।
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क्या कहना है एचआरडी मिनिस्टर का?
प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि इस बारे में ज्यादा से ज्यादा छात्रओं को दाखिला देने का निर्णय किया गया है। सूत्रों के अनुसार वह पाठ्यक्रम में के हिसाब से छात्राओं के लिए अतिरिक्त सीटें अलग रखी जाएंगी। इससे आईआईटी में अधिक छात्राओं को एडमिशन मिल सकेगा।
जावड़ेकर का कहा कि आईआईटी में शैक्षिक एवं साथियों के दवाब से निपटने में स्टूडेंट्स की मदद करने के लिए अब वेलनेस सेंटर होंंगे। वे उपचार में मदद करेंगे। उनका कहना है कि आईआईटी में आने वाले स्टूडेंट्स के लिए एक परिचय प्रोग्राम होगा। जिससे छात्रों को संस्थान के माहौल में ढलने और अन्य चीजों को लेकर मदद मिलेगी।
छात्राओं के लिए होगी अतिरिक्त सीटों की व्यवस्था
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि ‘हमने आईआईटी में छात्राओं के लिए अतिरिक्त सीटों की व्यवस्था करने का फैसला किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनकी भागीदारी मौजूदा 8 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो जाए।’ सात घंटे चली बैठक में कई दूसरे मुद्दों पर भी चर्चा की गई। जिनमें शिक्षा शुल्क में 122 प्रतिशत की वृद्धि करना और विशेष श्रेणी के छात्रों को वित्तीय रियायतें देने के फैसलों की समीक्षा शामिल थे।
प्रतिष्ठित संस्थान में ज्यादातर पुरूष प्रधान
मौजूदा समय में देश के टॉप इंजिनियरिंग कॉलेज में ज्यादातर पुरुष प्रधान हैं। इसका प्रमाण यह है कि हर साल होने वाली जेईई (एडवांस) एग्जाम में 4,500 छात्राएं शामिल होती हैं, जिनमें से केवल 800 लड़कियां ही जेईई एग्जाम पासकर आईआईटी में प्रवेश पाती हैं। इसके अलावा IIT काउंसिल ने ज्यादा से ज्यादा विदेशी स्टूडेंट्स को आकर्षित करने के लिए भी तरीके ढूंढने के बारे में चर्चा की। पोस्टग्रेजुएट (PG) छात्रों की फीस बढ़ाने पर भी बात हुई।
केवल 800 छात्राएं ही लेती है दाखिला
एक सूत्र के अनुसार, आईआईटी हर साल एक स्टूडेंट पर करीब 1 लाख 24 हजार रुपए खर्च करता है, लेकिन हर स्टूडेंट से हर साल सिर्फ 20 हजार रुपए ही चार्ज किए जाते हैं। हालांकि फीस बढ़ाने के बारे में कोई फैसला अब तक पेंडिंग ही पड़ा है। आईआईटी परिषद ने इस बात का संज्ञान करते हुए छात्राओं के लिए अतिरिक्त कोटा को मंजूरी दे दी कि जहां विभिन्न आईआईटी में एडमिशन के लिए होने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) 4,500 लड़कियां पास करती हैं, जिमें से केवल 800 ही विभिन्न कोर्सेज में एडमिशन लेती हैं।