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ऐसे भी होते हैं स्कूल: गरीब घरों के बच्चे पढ़ने जाते हैं अमेरिका और लंदन

Aditya Mishra
Published on: 19 July 2018 12:31 PM GMT
ऐसे भी होते हैं स्कूल: गरीब घरों के बच्चे पढ़ने जाते हैं अमेरिका और लंदन
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लखनऊ: देश में जहां एक तरफ समय पर फ़ीस नहीं जमा करने पर कुछ स्कूल संचालक बच्चों को टार्चर करने का काम रहे है। वहीं राजधानी में एक ऐसा स्कूल भी है। जो गरीब बच्चों के लिए संचालित होता है। टीचर्स बच्चों को फ़ीस और पढ़ाई के लिए डांटना तो दूर बल्कि उनसे कभी उंची आवाज में बात तक नहीं करते है। हर साल यहां पढ़ाई करने वाले गरीब बच्चे स्टडी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत अमेरिका, लंदन और आस्ट्रेलिया जाते है। हम बात कर रहे है प्रेरणा स्कूल की।

newstrack.com आपको प्रेरणा स्कूल की खासियतों के बारे में बता रहा है।

6 बच्चों से शुरू हुआ था ये स्कूल

स्‍टडी हॉल की संस्‍थाप‍क डॉ उर्वशी साहनी ने एक खास विजन के साथ इस स्कूल की शुरुआत 2003 में की थी। जब इस स्कूल की शुरुआत हुई। तब सिर्फ 6 बच्चे थे।

ये वो बच्चे थे जो पैसे की दिक्कत की वजह से पढ़ लिख नहीं पाते। आज स्कूल के अंदर ऐसे बच्चों की संख्या 1 हजार तक पहुंच गई है। स्कूल में उनको शिक्षा के साथ-साथ सेल्फ डिफेंस के हुनर भी सिखाए जाते हैं।

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टीचर्स को आंटी कहकर पुकारते हैं बच्‍चे

प्रेरणा स्कूल के मीडिया कोआर्डिनेटर सिद्दार्थ बताते हैं कि बच्चों से अपनापन रहे, इसलिए बच्चे लेडी टीचर को आंटी कह कर बुलाते हैं। मैडम या टीचर बुलाने से बच्चे उस अपनेपन से नहीं जुड़ पाते हैं।

जिस बैकग्राउंड के बच्चे यहां आते हैं, ऐसे में जरूरी है कि उनका कांफिडेंस लेवल बढ़ा हो।

मैथ पढ़ाने वाली सीमा यादव बताती हैं कि उन्हें शुरुआत में आंटी सुनने में अजीब लगता था, लेकिन अब आदत हो गई है और अच्‍छा भी लगता है।

बीच-बीच में बच्चे छोड़ देते हैं स्कूल

इस स्कूल में बच्चों को फीस नहीं देनी होती है। सिद्दार्थ ने बताया कि गरीब घरों के बच्चे रहते हैं, ऐसे में यदि फैमिली कहीं दूसरी जगह शिफ्ट हुई तो बच्चों को पढ़ाई बीच में छोड़नी पड़ जाती है।

घर-घर जाकर बच्चों के पैरेंट्स को इन्हें पढ़ाने के लिए कहा जाता है। कुछ बच्चे वाकई टैलेंटेड होते हैं, जिन्हें प्रमोट भी किया जाता हैं।

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मुफ्त में मिलती हैं कॉपी-किताबें

- यहां गरीब बच्चों को पढ़ाई, खाना-पीना, किताबें और ड्रेस सब मुफ्त में दिए जाते हैं।

- मेंटेनेंस के तौर पर छात्राओं से साल में सिर्फ 100 रुपए लिए जाते हैं।

- यह भी इसलिए लिया जाता है, ताकि बच्चों को जिम्‍मेदारी का भी एहसास रहे।

बच्‍चों को सिखाया जाता है सेल्‍फ डिफेंस

- राखी के अनुसार, हर शनिवार और रविवार को छात्राओं के लिए सेल्‍फ डिफेंस की भी क्‍लास लगती है।

- सभी छात्राओं को अपने साथ काली मिर्च और लाल मिर्च की पुड़िया रखने को कहा जाता है। जिसस जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल कर वे अपनी रक्षा कर सके।

- डिफेंस की क्लास में बच्चों को मुसीबत के वक्त लंच बॉक्स, पेंसिल बॉक्‍स या अन्य चीज को अपनी रक्षा के लिए कैसे इस्‍तेमाल किया जाए, इसके बारे में बताया जाता है।

मिलती है स्‍पेशल स्‍कॉलरशिप

- इस स्कूल में स्पेशल स्कॉलरशिप की व्यवस्था भी है।

- 12वीं पास करने के बाद जो लड़कियां आगे की पढ़ाई करना चाहती हैं, उन्हें स्पेशल स्‍कॉल‍रशिप दी जाती है।

- ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए 5 हजार रुपए और पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए 20 हजार रुपए दिए जाते हैं।

प्लेसमेंट की भी है सुविधा

-प्रेरणा स्कूल इन बच्चों को प्लेसमेंट की भी सुविधा देता है।

-यहां स्कूल की लाइब्रेरी में बच्चों को प्लेसमेंट की सुविधा मिलती है, वहीं दीदी फूड्स (टिफिन सेंटर) में भी यह सुविधा है।

-3 साल कंपलीट करने के बाद इन बच्चों को डिग्री कोर्स भी करवाया जाता है, ताकि बच्चे अच्छी कंपनी में जॉब कर सकें।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

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