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सोशल मीडिया से दूर रहकर, सिर्फ दो घंटे की पढ़ाई से अंबुज ने हासिल किया 97.2%

आज सीबीएसई बोर्ड के 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस परीक्षा में 13 स्टूडेंट्स ने 500 में से 499 मार्क्स हासिल किए हैं।

Aditya Mishra
Published on: 6 May 2019 1:05 PM GMT
सोशल मीडिया से दूर रहकर, सिर्फ दो घंटे की पढ़ाई से अंबुज ने हासिल किया 97.2%
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लखनऊ: आज सीबीएसई बोर्ड के 10वीं का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस परीक्षा में 13 स्टूडेंट्स ने 500 में से 499 मार्क्स हासिल किए हैं। इसी कड़ी में शाहजहांपुर के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र अम्बुज गुप्ता ने भी इस परीक्षा में अपने शहर का नाम रोशन करते हुए 500 में से 486 नम्बर हासिल किए और अपने घरवालों के साथ साथ अपने स्कूल और शहर को भी गौरवान्वित किया है।

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इस खास मौके पर जब newstrack.com ने इस मेधावी छात्र से बातचीत की तो इस बातचीत में अंबुज ने अपनी सफलता के राज के बार एमें बताते हुए कुछ ऐसी बातें बताई जो शायद इस छात्र के लिए तो साधारण होंगी। लेकिन ये बातें बाकी स्टूडेंट्स को मोटीवेट करने के साथ उनके अंदर एक अलग जज्बा और जुनून पैदा कर देगी।

आइये आपको बताते हैं अम्बुज गुप्ता की इस सफलता के बारे में:

सबसे पहले हम आपको बता दें कि अम्बुज गुप्ता ने ने 500 में से 486 नम्बर हासिल किए हैं। जो कि 97.2 प्रतिशत रिजल्ट है और ऐसे रिजल्ट के लिए बहुत लोग सोच रहें होंगे कि कम से कम 5-6 घंटे कि पढ़ाई जरूरी है लेकिन अंबुज ने इस मिथक को तोड़ते हुए हमें बताया कि वे सिर्फ दो घंटे पढ़ाई करते थे और बाकी अपने सारे काम करते थे।

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ये थी उनकी दिनचर्या:

अंबुज रोजाना स्कूल जाते और वहाँ पर पहुँचकर क्लास में जो भी पढ़ाया जाता उसे अच्छी तरह से पढ़ते स्कूल से जो होम वर्क मिलता उसे पूरे मन से करते

इसके बाद वह रोजाना दो घंटे एक्सट्रा पढ़ाई करते

इस दौरान जहां एक तरफ सारे लड़के परीक्षा की टेंशन में खेलना कूदना छोड़ देते वहीं अंबुज ने क्रिकेट और बैडमिंटन को खेलना नहीं छोड़ा वह रोजाना शाम पाँच बजे खेलकूद करते और अपने दिमाग को फ्रेश रखते।

अंबुज वैसे तो टीवी देखना पसंद नहीं करते लेकिन कभी कभी दिमाग को तरोताजा करने के लिए कपिल शर्मा शो का सहारा लेते इन्हें फास्ट फूड खाना नहीं पसंद था ये हमेशा घर का खाना ही खाते थे।

सफलता का मूलमंत्र:

हमारे रिपोर्टर ने जब अंबुज गुप्ता से बात की तो अंबुज के जवाब काफी अलग और रचनात्मक नज़र आए इतनी कम उम्र में ऐसी परिपक्वता बहुत कम स्टूडेंट्स में देखने को मिलती है। लेकिन अंबुज से बात करने में कहीं भी ऐसा महसूस नहीं हुआ कि हम किसी स्टूडेंट से बात कर रहे हैं।

अंबुज ने बताया कि मुझे शुरू में डर लगता था पर जैसे पढ़ते गए वैसे डर खत्म होता गया। मैं स्कूल की पढ़ाई से अलग रोज़ दो- तीन घंटे पढ़ता था मैंने कोर्स पूरा होने के बाद एग्जाम के तीन महीने पहले कोचिंग छोड़ दी।

मैंने इस साल टीवी और कोई भी मूवी नहीं देखी। मम्मी पापा ने कभी नहीं डांटा और पढ़ाई पर प्रेशर नहीं था। मैं पाँच-छह दिन में एक बार ही फास्ट फूड खाता हूँ। मेरा फेसबुक और किसी भी सोशल मीडिया पर अकाउंट नहीं है मैंने सोचा था कि 10वीं के बाद ही बनाऊँगा।

अंबुज ने आगे बताया कि मेरी यूट्यूब ने पढ़ाई में बहुत मदद की यूट्यूब पर टीचर्स की विडियोस ने काफी मदद किया।मेरी बाकी स्टूडेंट्स को भी यही सलाह है कि हर चीज का एक वक़्त बनाकर उस पर काम करना चाहिए। मैं इंजीनियरिंग करना चाहता हूँ और इसी में अपना करियर बनाना चाहता हूँ।

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दिनचर्या:

5:30 बजे उठना

3:30 बजे तक स्कूल से लौटना

4:00 बजे तक खाना खाकर सो जाना

5:00 बजे सोकर उठना

5-6:30 बजे तक खेलना

6:30 बजे के बाद नाश्ता करके पढ़ने बैठ जाना

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इंटरेस्ट-स्पोर्ट्स

फेवरेट सब्जेक्ट-मैथ्स

पिता का नाम-अश्वनी कुमार गुप्ता

करियर-इंजीनियरिंग

पढ़ाई-तीन घंटे

Aditya Mishra

Aditya Mishra

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