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स्टूडेंट्स ने कहा- लखनऊ यूनिवर्सिटी को नहीं बनने देंगे JNU

Newstrack
Published on: 19 Feb 2016 12:30 PM GMT
स्टूडेंट्स ने कहा- लखनऊ यूनिवर्सिटी को नहीं बनने देंगे JNU
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लखनऊ: दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में कुछ छात्रों द्वारा भारत विरोधी नारे लगाये जाने से पूरे देश में रोष पैदा हो गया है और उन छात्रों की गिरफ्तारी की मांग की जा रही है। राष्ट्र देशभक्ति की विचारधाराओं को लेकर दो खेमों में बँट चुका है। इस संबंध में लखनऊ यूनिवर्सिटी (एलयू) के छात्रों का कहना है कि किसी भी हालात में जेएनयू जैसा माहौल नहीं बनने देंगे।

स्टूडेंटस का क्या कहना है?

एलयू के बीए प्रथम वर्ष के छात्र आयूष और शुभम ने कहा, हम राष्ट्र विरोधी नारेबाजी करने वालों के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद रखेंगे, जबकि एमकॉम की छात्रा दीपिका का कहना है कि जेएनयू में जो कुछ भी हुआ है उसके पीछे राजनीतिक पार्टियों का हाथ है। वहीं बीए प्रथम वर्ष के छात्र रुद्र प्रताप सिंह का कहना है कि शिक्षण संस्थानों में राजनीतिक हस्तक्षेप शिक्षा के मंदिर को दूषित कर रहा है। राजनेताओ और राजनीतिक दलों के विभिन्न छात्र संघठनो के ऊपर नियंत्रण लगाना शिक्षा और राष्ट्रहित के लिए आवश्यक है। संविधान में मिले अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर एलयू की छात्रा सुम्मी ने कहा कि देश के अंदर चाहे जितने भी आंतरिक मतभेद हो लेकिन राष्ट्रहित सर्वोपरि है।

प्रो.शीला मिश्रा का क्या कहना है?

एलयू की प्रोफेसर शीला मिश्रा का कहना है, जेएनयू जैसे प्रसिद्ध शिक्षण संस्थानों में ऐसी देश विरोधी अप्रिय घटना किसी बहुत बड़ी साजिश का हिस्सा लगता है। संविधान ने हमें अभिव्यक्ति की आजादी दी है न की एंटीनेशनल एक्टिविटी करने की स्वतंत्रता। उनका यह भी कहना है कि कॉलेजो में छात्रसंघ चुनाव होना चाहिए और इसके लिए लड़कियों को भी अपनी भागीदारी दर्ज करानी चाहिए। हम विश्वविद्यालय में ये भी सन्देश दे रहे हैं कि जिस छात्र-छात्रा की छवि अच्छी होगी वही चुनाव लड़ेगा। जो भी स्टूडेंट्स छात्रसंघ के चुनाव प्रचार के लिये परिसर में पोस्टर लगाकर परिसर को गन्दा करता है। उस पर विश्वविद्यालय प्रशासन कार्रवाही करता है। उनका यह भी कहना है कि एलयू के किसी भी छात्र-छात्राओं और शिक्षकों के मन में देश विरोधी भावना नहीं है और न ही हम कभी होने देंगे।

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