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Online Learning Tips: टीचर्स के लिए सुपर इनोवेटिव टिप्स, ऐसे करें पढ़ाई में शामिल

कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण के लिए शिक्षकों को विभिन्न पहलुओं जैसे कि इंटरनेट का प्रयोग करना, आवश्यक कौशल सेट को समझना और समकालिक शिक्षण की जानकारी होना आवश्यक है, जो उन्हें अपने कार्यों में तेजी लाने में मदद कर सकते हैं।

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Published on: 31 Dec 2020 12:19 PM IST
Online Learning Tips: टीचर्स के लिए सुपर इनोवेटिव टिप्स, ऐसे करें पढ़ाई में शामिल
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Online Learning Tips: टीचर्स के लिए सुपर इनोवेटिव टिप्स, ऐसे करें पढ़ाई में शामिल

नई दिल्ली: केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक आज सीबीएसआई बोर्ड परीक्षाओं के तारीखों का ऐलान शाम 6 बजे करने वाले है। ऐसे में पढ़ाई को लेकर शिक्षक और विद्यार्थियों को चिंता होना लाचमी है। वहीं कोरोना काल में शिक्षको के लिए ऑनलाइन लर्निंग एक चुनौती साबित हो गई। इन्ही चुनौती को आसान करने के लिए आज हम लाए है आपके लिए सुपर टिप्स, जिससे आपके स्टूडेंट्स मन लगाकर पढ़ाई करेंगे, तो आइए जानते क्या है वो टिप्स...

'सत्र' से पहले शिक्षक तैयार करें खाका

बता दें कि शिक्षकों के लिए यह आवश्यक है कि वह 'सत्र' को सुचारु रूप से चलाने के लिए एक खाका तैयार करें और उसे योजना के मुताबिक शिक्षण की गति को पाठ्यक्रम में जोड़े, जिससे एक निर्धारित समय के अंदर कोर्स को कवर किया जा सकें। एजेंडा सेट करते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि छात्रों को जो पाठ पढ़ाना है, उसके सारे प्वाइंट क्लिर रहें। वहीं, असाइनमेंट या टेस्ट के लिए अलग से ड्राफ्ट तैयार रखें, ताकि कक्षा में सत्र बिना किसी देरी या बाधा के चलता रहे।

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स्टूडेंट्स को करें सेल्फ रेगुलेटेड

शिक्षक कक्षा की शुरू करने से पहले अपने स्टूडेंट्स सेल्फ रेगुलेटेड (स्व-विनियमित) करें। स्व-विनियमित शिक्षण यह सुनिश्चित करता है कि छात्र अपने सीखने के दृष्टिकोण में सक्रिय हैं, जो ऑफ़लाइन और ऑनलाइन कक्षा दोनों के वातावरण में आवश्यक है। सकारात्मक रूप से सोचने और उन्हें आजीवन सीखने के कौशल को विकसित करने में सशक्त बनाने के लिए सेल्फ रेगुलेटेड होना बहुत जरूरी है।

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विभिन्न पहलुओं पर शिक्षक रखें ध्यान

कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण के लिए शिक्षकों को विभिन्न पहलुओं जैसे कि इंटरनेट का प्रयोग करना, आवश्यक कौशल सेट को समझना और समकालिक शिक्षण की जानकारी होना आवश्यक है, जो उन्हें अपने कार्यों में तेजी लाने में मदद कर सकते हैं। ऑनलाइन क्विज़ आयोजित करने, परीक्षण करने और असाइनमेंट का मूल्यांकन करने के लिए शिक्षकों को उपकरणों के साथ बातचीत करने की भी आवश्यकता है। इतना हीं नहीं. शिक्षकों को अपने विषय के अलावा अलग-अलग विषयों के टॉपिक पर चर्चा करना चाहिए, इससे स्टूडेंट्स को आपके विषय में रूचि भी दिखाएंगा और आपकी क्लास को एंजॉय भी करेंगा।

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डायग्नोस्टिक असेसमेंट

कोरोनावायरस के इस विषम परिस्थिति में शिक्षकों के लिए डायग्नोस्टिक असेसमेंट (नैदानिक मूल्यांकन) के माध्यम से छात्रों के सीखने के अंतराल की पहचान करना और भी आवश्यक हो गया है। शिक्षक यह सुनिश्चित करें कि ऑनलाइन शिक्षण कक्षा शिक्षण कितना प्रभावी हो पा रहा है। नैदानिक मूल्यांकन स्कूल को फिर से खोलने पर ऑनलाइन पढ़ाए गए अवधारणाओं को फिर से पढ़ाने की आवश्यकता को कम करता है।

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