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सुप्रीम कोर्ट ने एसएससी को दिया रिजल्ट जारी करने का आदेश
कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की 2017 की संयुक्त स्नातक स्तर और उच्चतर माध्यमिक स्तर की परीक्षाओं में बैठे लाखों छात्रों को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने इसके नतीजों पर लगाई गई रोक बृहस्पतिवार को हटाते हुए उन्हें जारी करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
नई दिल्ली: कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की 2017 की संयुक्त स्नातक स्तर और उच्चतर माध्यमिक स्तर की परीक्षाओं में बैठे लाखों छात्रों को राहत देते हुए उच्चतम न्यायालय ने इसके नतीजों पर लगाई गई रोक बृहस्पतिवार को हटाते हुए उन्हें जारी करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने सात सदस्यीय एक कमेटी का भी गठन किया, जिसका नेतृत्व शीर्ष न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश जी एस सिंघवी करेंगे। कमेटी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश परीक्षा को ‘फूलप्रूफ’ बनाने के उपाय सुझाएगी। कमेटी तीन महीनों के अंदर न्यायालय को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
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गौरतलब है कि पिछले साल 31 अगस्त को शीर्ष अदालत ने एसएससी 2017 की परीक्षाओं के परिणामों की घोषणा पर रोक लगाते हुए कहा था कि ऐसा प्रतीत होता है कि समूची परीक्षा और प्रणाली ‘दागदार’ है। दरअसल, इस परीक्षा में ‘‘पेपर लीक’’ के आरोप लगे थे।
पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने स्पष्ट कर दिया कि परीक्षा परिणामों की घोषणा मामले के अंतिम फैसले पर निर्भर करेगी।
कमेटी के अन्य सदस्यों में आईटी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक नंदन नीलेकणी, जाने-माने कंप्यूटर विज्ञानी विजय भाटकर, प्रख्यात गणितज्ञ आर एल करंदीकर, संजय भारद्वाज और केंद्र एवं सीबीआई के एक - एक प्रतिनिधि शामिल हैं।
याचिकाकर्ता शांतनु कुमार की ओर से पेश हुए अधिवक्ता गोविंद जी ने पीठ से कहा कि मामले की जांच - पड़ताल करने के लिए और भविष्य में इस तरह की परीक्षाएं आयोजित करने में व्यवस्थागत बदलाओं का सुझाव देने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाना चाहिए ।
कमेटी कई पहलुओं की जांच करेगी, जिनमें यह भी शामिल है कि 2017 की परीक्षाओं के पेपर लीक की सीबीआई द्वारा की गई जांच के मुताबिक क्या यह निष्कर्ष निकालना संभव है कि पूरी परीक्षा प्रणाली ही दागदार रही थी और यदि ऐसा है तो इसके लाभार्थियों की पहचान कैसे की जाएगी।
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यह भविष्य में किसी गड़बड़ी की आशंका को रोकने को ध्यान में रखते हुए परीक्षाओं के आयोजन के लिए जरूरी उपाय सुझाएगी।
शीर्ष न्यायालय ने 16 अप्रैल को सीबीआई को 2017 की एससीसी परीक्षा पेपर लीक की जांच पर एक ताजा स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था।
गौरतलब है कि एसएससी विभिन्न मंत्रालयों और सरकारी विभागों में कर्मचारियों की भर्ती के लिए परीक्षाएं आयोजित करती है। शीर्ष न्यायालय एक याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसके जरिए कथित पेपर लीक की जांच करने और पेपर रद्द करने की मांग की गई थी।
एसएससी परीक्षा में हुई गड़बड़ी के चलते कई दिनों तक अभ्यर्थियों ने व्यापक प्रदर्शन किया था। शुरूआत में शीर्ष न्यायालय ने 2017 की परीक्षाएं रद्द करने और छात्रों के हित में इसे नये सिरे से नेशनल टेस्टिंग एजेंसी या सीबीएसई द्वारा कराने का समर्थन किया था। हालांकि, केंद्र ने कहा था कि समूचे पेपर की फिर से परीक्षा लेने की कोई जरूरत नहीं है ।
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