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इन बातों का रखें ध्यान तो नहीं जाएगी नौकरी

raghvendra
Published on: 31 Aug 2018 12:21 PM GMT
इन बातों का रखें ध्यान तो नहीं जाएगी नौकरी
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कोई भी जॉब बड़ी मुश्किल से मिलता है। इसी कारण कोई भी व्यक्ति जॉब नहीं खोना चाहता। लेकिन कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है कि जॉब चला जाता है। ज्यादातर लोग यह तो बता सकते हैं कि नौकरी कैसे हासिल की जाए मगर यह सुनना बड़ा हास्यास्पद लगता है कि नौकरी कैसे खोई जाए। अगर आप जान जाते हैं कि कैसा काम करने पर जॉब जा सकता है तो सावधान रहेंगे और आपका इससे बचाव होगा। इस तरह व्यवहार में बदलाव कर समय रहते सही कदम उठा सकते हैं।

टाइम से पहुंचें ऑफिस

कुछ लोग टाइम से ऑफिस समय से पहुंच सकते हैं, लेकिन आदत ऐसी होती है कि वे रोज वर्कप्लेस पर लेट पहुंचते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि शुरुआती 30 मिनट में मीटिंग में कुछ नहीं होता है, इसलिए वे मीटिंग में लेट पहुंचते हैं। अगर आप डेडलाइन्स को मिस कर देते हैं और लोगों को इंतजार करवाते हैं तो नौकरी से निकाला जा सकता है। आपके ऑफिस में न रहने पर कई जरूरी काम अटक सकते हैं। इसलिए सवाधान रहें।

ऑफिस टाइम में गप्पे न लड़ाएं

कई लोग ऑफिस पहुंचते ही किसी व्यक्ति के बारे में गॉसिप करने लगते हैं तो नौकरी पर संकट आ सकता है। अगर आप कलीग की निजी जानकारियां या कोई रहस्य लोगों के साथ साझा करते हैं तो आपकी छवि खराब होती है। अगर आप हमेशा नेगेटिव रहते हैं और मनगढ़ंत कहानियां बनाकर लोगों को सुनाते रहते हैं तो आपको तुरंत नौकरी से निकाला जा सकता है। अगर आपको बातें करनी है तो आपको अपनी कम्पनी के लिए ही बातें करना चाहिए कि कैसे कम्पनी को और आगे ले जा सकते हैं।

जरूरत होने पर ही बोलें

कहा जाता है कि मौन रहना सर्वोत्तम होता है, पर इसका मतलब यह नहीं है कि बॉस के सवालों का कोई जवाब न दें। वर्कप्लेस पर किसी भी कलीग से काम के बारे में चर्चा नहीं करेंगे तो गलत छवि बनेगी। कुछ लोग लगातार गलतियां होने पर भी गलती नहीं मानते हैं। वर्कप्लेस पर लोगों की निगाह में नहीं रहते हैं तो भारी नुकसान हो सकता है। सही समय पर सही बात बोलने की आदत डालें। इससे आपकी कम्पनी के साथ आपके व्यक्तिव पर भी सही असर पड़ता है।

प्रोफाइल के अनुसार काम करें

ऑफिस में सिर्फ वही काम करते हैं, जो उनके वर्क प्रोफाइल में लिखा होता है। उन्हें पहले से कुछ न बताएं तो वे किसी भी काम को मना कर देते हैं। वे कोई जिम्मेदारी नहीं लेते और लोगों की मदद नहीं करते। वे एक्स्ट्रा प्रोजेक्ट्स पर स्वेच्छा से काम नहीं करते हैं। ऐसे एम्प्लॉइज मुश्किल से कंपनी की उम्मीदों पर खरा उतर पाते हैं। जब भी जिम्मेदारी मिले तो उसे जरूर पूरा करना चाहिए।

सुझावों पर अमल करें

कई ऐसे वर्कर होते हैं जो वर्कप्लेस पर लोगों की बातों को अनसुना करना शुरू कर देते हैं तो हो सकता है कि कुछ ही दिनों में ऐसे लोगों को नौकरी से हाथ धोना पड़े। यदि आप सवालों, जिज्ञासाओं और सुझावों से दूर भागने लगते हैं तो खुद को नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आप सबसे यही कहेंगे कि मैं तो इसी तरह से काम करूंगा तो कंपनी आपका रिप्लेसमेंट खोजना शुरू कर देगी। जैसे ही कोई दूसरा विकल्प मिल जाता है, कम्पनी इम्प्लाई बदल देती है।

ड्रेस का ध्यान रखें

कई बार देखने को मिलता है कि कुछ लोग पार्टी वियर पहनकर ही ऑफिस आ जाते हैं। एक दो बार तो संस्थान अनदेखी करता है,लेकिन कुछ लोगों की आदत होती है कि रात को जिन कपड़ों में पार्टी करते हैं, सुबह उन्हीं कपड़ों में ऑफिस पहुंच जाते हैं। इससे खराब कुछ भी नहीं हो सकता। सही कपड़े पहनकर और ऑफिस के नियमों का पालन करते हुए वर्कप्लेस पर पहुंचना चाहिए। जरूरी नहीं है कि वर्कप्लेस पर हर बात लिखित में ही बताई जाए। कुछ बातों का खुद ख्याल रखना पड़ता है। सही पहनावा भी उनमें से एक ही है।

बिना सोचे न बोलें

बिना सोचे-समझे कोई बात न बोलें। इससे खराब असर पड़ता है। कुछ लोग लगातार किसी न किसी बात को लेकर शिकायत करते रहते हैं। वे बिना सोचे बोलने में यकीन रखते हैं। वे सार्वजनिक रूप से अपने साथियों की बुराई करते हैं। वे लोगों के काम का क्रेडिट लेने की कोशिश करते हैं। इस तरह की चतुराई कंपनी पकड़ लेती है और इस कारण आपकी नौकरी भी जा सकती है। इसे कलीग्स भी बुरा मानते हैं। इसलिए इस तरह का काम छोड़ देना चाहिए।

सोशल मीडिया से बचें

कंपनी चाहती है कि कर्मचारी अपना काम सही से करे, लेकिन वर्कर वर्कप्लेस पर पूरे दिन मोबाइल फोन पर लगे रहते हैं और सोशल साइट्स जैसे फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम खोले रखते हैं। यह बात नहीं छिपती और कंपनी कभी यह नहीं चाहेगी कि आप अपने कीमती समय का इस्तेमाल सोशल साइट्स के लिए करें। ऑफिस में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर आपको नौकरी से निकाला भी जा सकता है। इसलिए अगर आप भी ऐसा करते है तत्काल छोड़ दें नहीं तो आपकी भी नौकरी जा सकती है।

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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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