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IIT और NIT में 5000 शिक्षकों के पद खाली, विश्व रैंकिंग पर पड़ा असर

भारत की प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में 2000 शिक्षकों के पद खाली है। वहीं नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में 3000 नए शिक्षकों की जरूरत है। जबकि दोनों ही संस्थानों में कुल 5000 शिक्षकों के पद खाली है।

priyankajoshi
Published on: 7 Dec 2016 8:37 AM GMT
IIT और NIT में 5000 शिक्षकों के पद खाली, विश्व रैंकिंग पर पड़ा असर
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नई दिल्ली : भारत की प्रतिष्ठित इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) में 2000 शिक्षकों के पद खाली हैं। वहीं नेशनल इंस्टिटयूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में 3000 नए शिक्षकों की जरूरत हैं। दोनों ही संस्थानों में कुल 5000 शिक्षकों के पद खाली हैं।

इस कारण घटी है रैंकिंग

एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि शिक्षकों की कमी के बावजूद छात्रों की पढ़ाई पर शिक्षकों के खाली पदों पर कोई असर नहीं पड़ा है। शिक्षकों और छात्रों का अनुपात खराब होने की वजह से विश्व में आईआआईटी और एनआईटी की रैंकिंग घटी है।

कितनी सीट्स खाली?

-आंकड़ों के अनसार आईआईटी में 5073 शिक्षकों के पद हैं, जिसमें 2671 शिक्षकों का पद खाली हैॆ।

-दूसरी ओर एनआईटी में 5428 शिक्षकों का पद हैं, जिसमें 3183 पद खाली हैं।

-वहीं, आईआईएम में भी कुछ ऐसा ही हाल है। कुल 703 फैकल्टी के स्ट्रेंथ वाले आईआईएम में 212 शिक्षकों की सीट खाली हैं।

फैकल्टी की कमी से रैंकिंग प्रभावित

-आईआईटी दिल्ली के एक उच्च पदाधिकारी ने बताया कि फैकल्टी की घटती संख्या हमारी रैंकिंग को प्रभावित कर रही है।

-संस्थान में छात्र और शिक्षकों का अनुपात खराब हो गया है।

-ऐसा तब हो रहा है, जब सरकार खुद आईआईटी की रैंकिंग को विश्वजीत प्रोजेक्ट के जरिए बढ़ाना चाहती है।

-टीचर्स की घटती संख्या के कारण विश्वजीत प्रोजेक्ट में रुकावट डाल रही है।

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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