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DDU University Gorakhpur: शिक्षकों को स्मृति चिन्ह देकर किया गया सम्मानित

DDU University Gorakhpur: शिक्षक केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए ही नहीं हैं बल्कि वो जीवन के शिक्षक हैं। वो अपनी लेबोट्ररी में छात्रों में शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों का सूत्रपात करते हैं।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 5 Sep 2022 3:05 PM GMT
Teachers were honored with a memento in DDU University Gorakhpur
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Teachers were honored with a memento in DDU University Gorakhpur (Social Media)

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DDU University Gorakhpur: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस के अवसर पर 81 शिक्षकों को दीक्षा भवन में प्रमाणपत्र और चेक देकर सम्मानित किया गया। शिक्षकों को स्मृति चिन्ह और शॉल ओढ़ाकर कुलपति प्रो.राजेश सिंह और मुख्य अतिथि डॉ. हरीश शेट्टी ने सम्मानित किया। कुलपति ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षक दिवस के अवसर पर यूजीसी की ओर से सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए एक योजना आज लांच की जा रही है।

इसके अंतर्गत सेवानिवृत्त शिक्षकों से सेवाएं लेने के लिए 50, 000 रूपये प्रतिमाह और कंटीजेंसी के मद में 50,000 रूपये प्रदान किया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस योजना को अपने विश्वविद्यालय में भी लागू किया जाएगा।


सेवानिवृत्त शिक्षकों को 50,000 मानदेय देगा विश्वविद्यालय- कुलपति

कुलपति ने कहा कि वर्ष 2020 में आज ही के दिन कुलपति के रूप में विश्वविद्यालय का कार्यभार ग्रहण किया। तब विश्वविद्यालय को प्रगति के पथ पर ले जाने के लिए नैक मूल्यांकन, एनआईआरएफ रैंकिंग, गुणवत्तापूर्ण रिसर्च, नए कोर्स, नए इंस्टीट्यूट के संचालन सरीखे कुछ रोडमैप तैयार किए। दिनरात उस पथ पर आगे बढ़ने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। हमारे पास कम संसाधन और सुविधाएं हैं, मगर उससे ही हम बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं।

एक शिक्षक केवल पाठ्यक्रम का ही नहीं ब‌ल्कि जीवन का भी होता है शिक्षक- डॉ.शेट्टी

मुख्य अतिथि मुंबई के डॉ. एलएच हीरानंदानी हॉस्पिटल के ख्यातिलब्ध मनोविज्ञानिक डॉ. हरीश शेट्टी ने कहा कि शिक्षक केवल पाठ्यक्रम पढ़ाने के लिए ही नहीं हैं बल्कि वो जीवन के शिक्षक हैं। वो अपनी लेबोट्ररी में छात्रों में शिक्षा के साथ मानवीय मूल्यों का सूत्रपात करते हैं। आज भारत में सात में से एक व्यक्ति मानसिक रोग से ग्रसित है। इसे योग से दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक छात्र जीवन के तीन आधार बिंदु होते हैं।

इनमें मानसिक ताकत छात्र को समस्याओं से लड़ना सिखाती है। छात्र इस गुण में पारंगत हुआ तो देश मजबूत होता है। संबंध उसे बेहतर करने के‌ लिए प्रेरित करते हैं। इसके साथ ही कुछ नया सीखने की लालसा के माध्यम से वो अपनी संस्कृति को जागाकर, राष्ट्रप्रेम को जागृत करता है। कार्यक्रम का संचालन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय सिंह ने किया। धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव विशेश्वर प्रसाद ने किया।


गोरखपुर के शिक्षक ऐसे नहीं हैं, लगे ठहाके

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि ने शिक्षकों के प्रकार पर प्रकाश डाला। कहा कि इसमें पहले पायदान पर पीठ शिक्षक आते हैं। जो केवल ब्लैक बोर्ड पर लिखते रहते हैं। दूसरे नंबर पर अपने नोट से पढ़ाने वाले, तीसरे नंबर में घुमंतू शिक्षक, चौथे नंबर पर पाठ्यक्रम शिक्षक, पांचवें नंबर पर शमसान भूमि शिक्षक आते हैं। खासबात ये है कि इनमें से कोई शिक्षक अपने गोरखपुर में नहीं हैं। मुख्य अतिथि से शिक्षकों के प्रकार का बखान सुन पूरा दीक्षा भवन ठहाकों से गूंज उठा।

50 शिक्षकों को मिलेगी शीड मनी

कुलपति ने कहा कि 50 शिक्षकों को रिसर्च कार्य के लिए शीड मनी भी विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से दी जाएगी। इसका आवेदन फार्म विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। शिक्षक आवेदन फार्म को भरकर कर शीड मनी का लाभ ले सकते हैं।

दो किताबों का हुआ विमोचन

कार्यक्रम के दौरान मुख्य अतिथि डॉ. हरीश शेट्टी और कुलपति प्रो.राजेश सिंह ने गोरखपुर विश्वविद्यालय के प्राणिविज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष और सेवानिवृत्त प्रो.डीके सिंह और उनकी पत्नी डॉ. सीमा सिंह के द्वारा लिखित पर्यावरण, पृथ्वी और मानव, प्रो. डीके सिंह और प्रो. विनय कुमार सिंह के द्वारा लिखित और अंतरराष्ट्रीय पब्लिकेशन स्प्रिंगर द्वारा प्रकाशित फैशियोलिएसिसः कॉजेज, चैलेंजेंस और कंट्रोल पुस्तक का विमोचन किया।

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