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UDISE Plus Report: छात्रों के नामांकन और शिक्षकों की भर्ती में यूपी पहले नंबर पर, रिपोर्ट में हुआ खुलासा

UDISE Plus Report: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने UDISE+ रिपोर्ट 2021-22 से संबंधित एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में छात्रों का नामांकन और शिक्षकों की भर्ती सबसे अधिक हुई है।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 3 Nov 2022 4:17 PM IST
UDISE Plus Report Improvement in enrollment disclosed in report
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UDISE Plus Report Improvement in enrollment disclosed in report (Social Media)

UDISE Plus Report: भारत में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर स्कूली बच्चों के ग्रास एनरोलमेंट रेशियो (जीईआर) में पिछले वर्ष की तुलना में 2021-22 में सुधार हुआ है, जैसा कि शिक्षा मंत्रालय की यूडीआईएसई+ रिपोर्ट (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस) के ताजा आंकड़ों से पता चलता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने UDISE+ रिपोर्ट 2021-22 से संबंधित एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश में सरकारी स्कूलों में छात्रों का नामांकन और शिक्षकों की भर्ती सबसे अधिक हुई है।

इतने लाख छात्रों का हुआ इजाफा

मंत्रालय ने कहा कि 2021-22 में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक नामांकित कुल छात्रों की संख्या 25.57 करोड़ थी, जबकि 2020-21 में यह 25.38 करोड़ थी, और यह अब 19.36 लाख की वृद्धि है। एक ऑफिशियल स्टेटमेंट में कहा गया कि 2020-21 में 4.78 करोड़ की तुलना में 2021-22 में अनुसूचित जाति नामांकन की कुल संख्या बढ़कर 4.82 करोड़ हो गई।

इसी तरह, कुल अनुसूचित जनजाति नामांकन 2020-21 में 2.49 करोड़ से 2021-22 में बढ़कर 2.51 करोड़, जबकि अन्य पिछड़े छात्र भी 2021-22 में बढ़कर 11.48 करोड़ हो गए, जो 2020-21 में 11.35 करोड़ थे। उच्च माध्यमिक में जीईआर ने 2020-21 में 53.8% से 2021-22 में 57.6% तक महत्वपूर्ण सुधार किया है।

इतने लाख लड़कियों ने लिया एडमिशन

मंत्रालय ने आगे कहा कि 2021-22 में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (CWSN) का नामांकन 2020-21 में 21.91 लाख की तुलना में 22.67 लाख है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 3.45% का सुधार है।

2021-22 में 12.29 करोड़ से अधिक लड़कियों ने प्राथमिक से उच्च माध्यमिक में दाखिला लिया है, जो 2020-21 में लड़कियों के नामांकन की तुलना में 8.19 लाख की वृद्धि दर्शाती है। जीईआर का लिंग समानता सूचकांक (जीपीआई) दर्शाता है कि स्कूली शिक्षा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व इसी आयु वर्ग की जनसंख्या में लड़कियों के प्रतिनिधित्व के समान है।

स्कूलों की संख्या में दर्ज हुई भारी गिरावट

मंत्रालय के अनुसार देश में स्कूलों की संख्या में गिरावट देखी गई है। वर्ष 2020-21 में स्कूलों की संख्या 15.09 लाख थी, जो 2021-22 में घटकर 14.89 लाख हो गई। यानी वर्ष 2021-22 में स्कूलों की संख्या घटकर 20 हजार हो गई।

ऐसा विभिन्न राज्यों में निजी और अन्य प्रबंधन स्कूलों को बंद करने के कारण हुआ। सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार स्कूली शिक्षा के सभी स्तरों पर जीपीआई मूल्य एक या अधिक स्कूली शिक्षा में लड़कियों की अधिक भागीदारी को दर्शाता है।



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