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UGC का शिक्षण संस्थानों को निर्देश, 12 Dec से 1 महीने तक चलाएं 'विसाका'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद केंद्र सरकार सहित उसके सभी अधीनस्थ संस्थान कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की मुहिम में लग गए हैं। यूजीसी की ओर से देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों को 12 दिसंबर से 1 माह तक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम (विसाका) चलाने के निर्देश जारी किया हैं।

priyankajoshi
Published on: 11 Dec 2016 12:22 PM GMT
UGC का शिक्षण संस्थानों को निर्देश, 12 Dec से 1 महीने तक चलाएं विसाका
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लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले के बाद केंद्र सरकार सहित उसके सभी अधीनस्थ संस्थान कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की मुहिम में लग गए हैं। यूजीसी की ओर से देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों को 12 दिसंबर से 1 माह तक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम (विसाका) चलाने के निर्देश जारी किया हैं।

इसमें सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उच्च शिक्षण संस्थानों को अनुदान उपलब्ध कराने वाले आयोग विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भी पहल शुरू कर दी है।

कैंटीन से लेकर फीस जमा करने के लिए बने कैशलेस व्यवस्था

-यूजीसी के सचिव प्रोफेसर डॉ जसपाल एस सिंधु ने देश के सभी महाविद्यालयो, विश्वविद्यालयों, आईआईटी, आईआईएम सहित उच्च शिक्षा के संस्थानों के वाईस चांसलर्स और डॉयरेक्टर्स को एक पत्र लिखा है।

-इसमें उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर द्वारा सभी संस्थानों में डिजिटल इकॉनमी को बढ़ावा देने की मुहिम चलने की अपील का हवाला दिया है।

-प्रोफेसर सिंधु ने इसमें वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के तहत शिक्षण संस्थानों में कैशलेस ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने की बात कही है।

-इसके तहत यूजीसी से अनुदान प्राप्त सभी संस्थानों में फीस जमा करने से लेकर कैंटीन तक कैशलेस व्यवस्था अपनाने के निर्देश दिए हैं।

-सभी शिक्षण संस्थान 12 दिसंबर से 12 जनवरी तक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम (विसाका) चलाएंगे।

-इसके तहत स्टूडेंट्स को डिजिटल इकॉनमी को अपगदलनाने पर व्याख्यान और तरीके बताए जाएंगे।

-प्रोफेसर डॉ जसपाल एस सिंधु के मुताबिक इस कार्यक्रम के तहत शिक्षण संस्थानों में डिजिटल इकॉनमी यानि कैशलेस व्यवस्था को प्रमोट करना है।

वाईस चांसलर्स और डायरेक्टर्स करेंगे निगरानी

-यूजीसी के सचिव प्रोफेसर जसपाल सिंधु के पत्र के मुताबिक मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर 1 माह तक विसाका चलाया जाएगा।

-इसकी निगरानी की जिम्मेदारी संस्थानों के कुलपतियो और डॉयरेक्टर्स पर रहेगी।

-एक माह के बाद इसकी रिपोर्ट यूजीसी को भेजी जाएगी, जिसका आंकलन किया जाएगा।

राजधानी के इन संस्थानों में होगी व्यवस्था

-राजधानी के सभी महाविद्यालयों में विसाका को लागू किया जाएगा।

-लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर विभूति राय के मुताबिक वर्तमान में लखनऊ यूनिवर्सिटी, डॉ शकुंतला मिश्रा नेशनल रिहैबिलिटेशन यूनिवर्सिटी, बीबीएयू, राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी समेत ज्यादातर शिक्षण संस्थानों में ई-पेमेंट की कोई व्यवस्था नहीं है।

-ऐसे में विसाका को लागू करना एक चुनौती होगी। हालांकि ये एक अच्छी पहल है।

priyankajoshi

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इन्होंने पत्रकारीय जीवन की शुरुआत नई दिल्ली में एनडीटीवी से की। इसके अलावा हिंदुस्तान लखनऊ में भी इटर्नशिप किया। वर्तमान में वेब पोर्टल न्यूज़ ट्रैक में दो साल से उप संपादक के पद पर कार्यरत है।

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