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UGC New Regulation : UGC के नये नियम के बाद क्या बेकार हो जाएगी आपकी PhD की डिग्री? समझिए
UGC New Regulation: UGC के नये नियम के लागू होने से पहले असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए PhD जरूरी थी। ऐसे में NET क्वालिफाइड या JRF पाने वाले कैंडिडेट्स को भी मजबूरन PhD करनी पड़ती थी। लेकिन अब इन नये नियम के बाद ऐसा नहीं करना पड़ेगा।
UGC New Regulation : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) की ओर से हाल ही में एक नया नोटिस जारी किया गया है। जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती की योग्यता मानदंड में बदलाव किया गया है। जिसके तहत अब असिस्टेंट प्रोफेसर पदों पर भर्ती के लिए उम्मीदवारों को PhD होना जरूरी नहीं है। UGC ने सभी उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर सीधी भर्ती के लिए NET/SET/SLET ही न्यूनतम मानदंड निर्धारित किया है। जिसके अनुसार अब इन परीक्षाओं को क्वालिफाई करने वाले उम्मीदवार सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर बन सकेंगे। उन्हें PhD करने की जरूरत नहीं होगी।
अब सवाल यह उठता है कि जिन लोगों ने PhD कर रखी है उनका क्या होगा। क्या उनकी ये ड्रिगी बेकार हो जाएगी ? आइये समझते हैं।
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती को लेकर लाया गया UGC का नया नियम 01 जुलाई 2023 से प्रभावी हो गया है।इस नये नियम के लागू होने से पहले असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए PhD जरूरी थी। ऐसे में NET क्वालिफाइड या JRF पाने वाले कैंडिडेट्स को भी मजबूरन PhD करनी पड़ती थी। लेकिन अब इन नये नियम के बाद ऐसा नहीं करना पड़ेगा। ऐसे में स्टूडेंट्स PhD की ड्रिगी का क्या होगा। इस बात को लेकर स्टूडेंट्स परेशान हैं।
बता दें 06 जुलाई को UGC की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में यह साफ शब्दों में बताया गया है कि अब असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए कैंडिडेट्स के पास 2 में से 1 योग्यता योग्यता होनी जरूरी है। यानि की NET/SET/SLET का एग्जाम क्वालिफाई होना या PhD की डिग्री में से एक होना जरूरी है।
इसका अर्थ ये है कि अगर आपके पास PhD की डिग्री है, तो असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए आपको NET/SET/SLET एग्जाम क्लियर करने की जरूरत नहीं है। अगर आप PhD कर रहे हैं या कर चुके हैं, तो भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि आपकी PhD की डिग्री बेकार नहीं होगी, बल्कि UGC NET के बराबर होगी।