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UGC New Norms: असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए अब नहीं देनी होगी कोई परीक्षा, जानें क्या हैं UGC के नए नियम
UGC NET NEW NORMS: UGC द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर कुलपति आदि पदों के लिए कुछ नए नियम बनाए गए है
UGC New Norms: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा कुछ अहम निर्णय के लिए परिवर्तन किए गए हैं. नए नियमों के अंतर्गत सहायक प्रोफेसरों पदों पर नियुक्ति के लिए नई संस्तुति जारी की गयी है। एमई और एमटेक में प्रवेश हेतु क्वालिफाई होना जरूरी नहीं है। वाइस चांसलर के नियमों में भी परिवर्तन किये गए हैं. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में अध्यापक की नियुक्ति हेतु नए निर्देश जारी किए हैं.
असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए नए नियम
मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (एमई) और मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक) में पीजी डिग्री हेतु सहायक प्रोफेसर के पद पर आवेदन करने हेतु भर्ती की परमिशन प्रदान की जाएगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा उत्तीर्ण होनी जरूरी नहीं है।
ये हैं नए नियम
यदि कुलपति पद के लिए आवेदन करना है तो 10 वर्ष का शिक्षण अनुभव होना अनिवार्य नहीं है. संबंधित क्षेत्र में दस वर्ष कार्य किया है और जिनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा है वे ही इस पद के लिए योग्य अभ्यर्थी होंंगे,
नेट एवं पीएचडी विषय से कर सकते हैं आवेदन
यूजीसी द्वारा नेट संबंधित विषयों में भी कुछ नए नियम लागू किए हैं इसके लिए कुछ अहम नीतियाँ तैयार की गयी हैं यदि NET परीक्षा का विषय ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट से भिन्न है तो वे संबंधित विषयों से net परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विषय । यूजीसी द्वारा तैयार की गयी नई संस्तुति के अनुसार यदि पीएचडी विषय , यूजी और पीजी सब्जेक्टस से परे है तो वह पीएचडी के विषयों से प्रोफेसर बन सकते हैं ।
यूजी और पीजी में सबंधित विषयों की अनिवार्यता नहीं होगी।असिस्टेंट से एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रमोशन पाने हेतु कैंडिडेट्स के पास पीएचडी की डिग्री होनी जरूरी है।अभी तक अभ्यर्थी के पास असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए पोस्ट ग्रेजुएट या net से संबंधित एक विषय होना जरूरी था, नए नियम के तहत ये अनिवार्यता खत्म कर दी गयी है
असिस्टेंट प्रोफेसर पोस्ट पर अप्लाई करना चाहते हो तो पोस्ट ग्रेजुएट और नेट में से किसी एक विषय का होना अनिवार्य था पर नए नियम में अब ये योग्यता निश्चित नही है .