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इस प्रिंसिपल ने अपनों के प्यार से महरूम और वंचित लोगों में जाकर सेलिब्रेट किया बर्थ डे, दिया ये संदेश...
अमेठी: स्वयं के लिए हर कोई जीवन जी लेता है और जीवन की खुशियां मना लेता है। लेकिन अपनी खुशियों को समाज के उस तबके में बांटना जिनको वाकई इन खुशियों की जरूरत है ऐसा कुछ ही लोग कर पाते हैं। इन्हीं में एक नाम जुड़ा है राजकीय बालिका इण्टर कालेज की प्रधानाचार्य फूलकली गुप्ता का। जिन्होंने वृद्धा आश्रम में आज अपना जन्मदिन सेलिब्रेट केक काटकर और फल बाट कर मनाया।
अपनों के प्यार से महरूम लोगों को है सम्मान की जरूरत
इस मौके पर उन्होंंने कहा कि आज हमारा जन्मदिन था, हमनें इसे इस तरीके से सेलिब्रेट करने को सोचा के जो लोग अपनों के प्यार से महरूम और वंचित हैं, उनको प्यार और सम्मान की जरूरत है। वो उनको उनके औलादों के द्वारा नहीं मिला। हमनें सोचा आज उनको परिवार वाला टच दिया जाए, वो फील कराया जाए इसलिए वृद्धा आश्रम में जन्मदिन मनाया।
श्रवण कुमार जैसों की संस्कृति में इधर आ रही गिरावट
उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य है हमारी संस्कृति कभी ये नही रही। हमारे देश में तो श्रवण कुमार जैसे लोग पैदा हुए, और भी बहुत सारी औलादों ने ऐसे कृतिमान स्थापित किए हैं। पता नही क्या वजह है के हमारी संस्कृति में इधर गिरावट आ रही है। निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में पांच मिनट के लिए काउंसलिंग की जरूरत है। के हम अपने पूर्वजों के प्रति सम्मान डेवलेप कर सके। ये हमारी ड्यूटी, इस ड्यूटी के तहत प्रतिदिन हम कुछ न कुछ बताते भी है। अभी तक तो नैतिकता के आधार पर हम ये सोचते रहे के नैतिक रूप से शायद ये बदल जाए। लेकिन ऐसा नही हुआ तो कड़े प्राविधान और कानून होना चाहिए।
होने चाहिए कड़े प्राविधान
क्योंकि हमारे मां-बाप जब असहाय हो जाते हैं, उनकी शारीरिक क्षमता कम हो जाती है तो ऐसी अवस्था में उन्हें हम छोड़ते हैं। हमारी ड्यूटी होनी चाहिए के हम अपने मां-बाप की सेवा करें। नहीं कर रहे तो कड़े प्राविधान होने चाहिए।