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UP New central school and veterinary college : उत्तर प्रदेश में बनेंगे 5 नये केंद्रीय विद्यालय और 2 पशु महाविद्यालय, UP में होंगे सर्वाधिक सेंट्रल स्कूल
Up new central school and veterinary college: उत्तर प्रदेश में जल्द ही 5 नये केंद्रीय विद्यालय और पशु महाविद्यालय खुलेंगे.
UP new kendriya vidyalay :उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी राज्य को शिक्षा क्षेत्र में नया कार्य करने जा रही है. UP सरकार जल्द ही राज्य में दो नए पशु चिकित्सा महाविद्यालय और 5 जिलों में केंद्रीय विद्यालय का निर्माण करने जा रही है। निर्देशानुसार UP के अयोध्या, बिजनौर, जौनपुर, कन्नौज और महाराजगंज में नए केंद्रीय विद्यालय विकसित होंगे. इसके साथ ही यूपी के दो क्षेत्र गोरखपुर और भदोही में पशु चिकित्सालय शुरू होंगे.
क्यों विकसित होंगे केंद्रीय विद्यालय
वही यूपी सरकार के निर्देशनुसार इधर लगातार देखा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश लेने पर अभिभावकों का भरोसा बढ़ता जा रहा है और प्रवेश के लिए आवेदन भी बढ़ते जा रहे हैं. उसका सबसे बड़ी वज़ह केंद्रीय विद्यालय की शिक्षा प्रणाली और उच्चतम शिक्षा है. यही वजह है कि उत्तर प्रदेह के अयोध्या बिजनौर कन्नौज जौनपुर और महाराजगंज इन पांच क्षेत्रों में केंद्रीय विद्यालय संचालित करने का निर्णय लिया है.
सर्वाधिक केंद्रीय विद्यालय उत्तर प्रदेश में होंगे
केंद्रीय विद्यालय बनने के बाद उत्तर प्रदेश में इन विद्यालयों की संख्या 127 हो जाएगी. सरकार के निर्देश अनुसार सेंट्रल स्कूल के संचालन हेतु up के तीन जिलों आगरा, लखनऊ और वाराणसी में विभाजित किया गया है.हालांकि अभी तक राज्य में 112 केंद्रीय विद्यालय हैं up के इन पांच नये विद्यालय बनने से इनकी संख्या बढ़ जाएगी और उत्तर प्रदेश सबसे अधिक केंद्रीय विद्यालय संचालन करने वाला प्रदेश होगा
पशु चिकित्सा विद्यालय में मिलेंगी बेहतर सुविधाएं
वही पशु चिकित्सा के लिए सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट महाविद्यालय विकास हेतु प्रस्तावित किए है। इन दोनो ही पशु चिकित्सा महाविद्यालय में अस्पताल, एकेडमिक ब्लॉक, स्टाफ क्वॉर्टर और छात्रावास जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, जिससे छात्रों को बेहतर अध्ययन और शोध करने का अवसर मिलेगा। उत्तर प्रदेश सरकार का मानना है इन दोनो संस्थानों के खुलने से vetnary यानि पशु चिकित्सा के क्षेत्र में शिक्षा और प्रशिक्षण का स्तर बढ़ेगा, बल्कि पशुधन के संरक्षण और दूध उत्पादन में विकास होगा.