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Public Examinations Bill : पेपर लीक करने पर 10 साल की जेल व 1 करोड़ रूपए का जुर्माना

Public Examinations Bill: प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने के लिए केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र लोकसभा में यह बिल पेश करेंगे। इस बिल के माध्यम से सख्त से सख्त सजा देने का प्रावधान किया गया है।

Shikha Tiwari
Written By Shikha Tiwari
Published on: 5 Feb 2024 1:42 PM IST (Updated on: 5 Feb 2024 2:40 PM IST)
Public Examinations Bill :  पेपर लीक करने पर 10 साल की जेल व 1 करोड़ रूपए का जुर्माना
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Public Examinations Bill: केंद्र सरकारी प्रवेश परीक्षाओं में होने वाली नकल व पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने को लेकर सख्त हो गई है। इस तरह की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए केंद्र सरकार सोमवार को लेकसभा में बिल पेश करने जा रही है। बिल का नाम सार्वजनिक परीक्षा (अनुसूचित साधनों की रोकथाम ) विधेयक 2024 (The Public Examinations (Prevention Of Unfair Means) Bill, 2024 है। केंद्रीय मंत्री डॉक्टर जितेंद्र लोकसभा में यह बिल पेश करेंगे। इस बिल के माध्यम से सख्त से सख्त सजा देने का प्रावधान किया गया है।

बिल का मकसद नकल व पेपर लीक जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाना है ताकि इस वजह से बड़ी संख्या में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके। इसके साथ ही सार्वजनिक परीक्षा प्रणाली में अधिक पारदर्शिता, निष्पक्षता व विश्वसनीयता भी लाना है। जिससे देश के युवाओं को भरोसा हो कि उनकी ईमानदार मेहनत बेकार नहीं जाएगी व उनका भविष्य सुरक्षित है। बिल का मकसद UPSC, SSC, रेलवे, NEET, JEE और CUET सहित कई सार्वजनिक परीक्षाओं में धोखाधड़ी को रोकना है।

सजा का प्रावधान-

इस बिल के जरिए केंद्र सरकार अपनी प्रवेश परीक्षाओं में कदाचार रोकने के साथ ही परीक्षाओं में नकल को बढ़ावा देने वाले व्यक्तियों, समूहों या संस्थानों पर भी नकेल कसना चाहती है। बता दे कि पिछले कुछ महीनों में राजस्थान, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, गुजरात व झारखंड समेत अलग-अलग राज्यों में पेपर लीक जैसे कई मामलें सामने आए है। इस वजह से परीक्षाओं को भी रदद् करना पड़ा व प्रशासन को युवाओं की नाराजगी भी झेलनी पड़ सकती है।

बिल में नकल व पेपर लीक रोकने के लिए कड़े कानूनी प्रावधान किए गए है। बिल के प्रावधान के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा आयोजित भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक में शामिल लोगों को 10 साल तक की जेल व कम से कम एक करोड़ रूपए तक जुर्माना हो सकता है। इसके साथ ही उत्तर पुस्तिका में छेड़छाड़, मेरिट लिस्ट के दस्तावेजों में हेराफेरी या किसी और की जगह परीक्षा देने जैसे अपराध को शामिल किया गया है।

यदि जांच में कोई व्यक्ति पेपर लीक, नकल या किसी और की जगह परीक्षा देने में शामिल पाया जाता है। तो इस बिल में 3 से 5 साल तक की जेल व 10 लाख रूपए तक के जुर्माना का प्रावधान किया गया है। बिल के अनुसार, अगर जांच में यह बात सामने आती है कि लोगों ने संगठित अपराध (Organised Crime) किया है, तो ऐसे अपराध के लिए बिल में कम से कम 5 साल व अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान व साथ ही कम से कम एक करोड़ रूपए के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है।

विधेयक के अनुसार, यदि जांच में कोई संस्थान ऐसे में अपराध में संलिप्त पाया जाता है, तो उस संस्थान में प्रवेश परीक्षा में आयोजित कराने का खर्च वसूलने के साथ ही उसकी संपत्ति भी जब्त करने का प्रावधान किया गया है। विधेयक में जांच किसी ऐसे अधिकारी से कराने का प्रावधान किया गया है, जो पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त स्तर से नीचे का न हो, केंद्र सरकार के पास जांच को किसी भी केंद्रीय एजेंसी को सौंपने का भी अधिकार होगा। भविष्य में ये बिल राज्यों के लिए भी एक मॉडल ड्राफ्ट का काम करेगा।

साभार- Apna Bharat



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Shikha Tiwari

Shikha Tiwari

Senior Content Writer

मनोरंजन की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनानी है, इसलिए मैं हमेशा नई-नई स्किल सीखने और अपने काम को बेहतर बनाने में लगी रहती हूँ।

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