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UP बोर्ड परीक्षा: अब चहेतों को invigilator बनवाने की होड़, अधिकारियों को बुलानी पड़ी इमरजेंसी मीटिंग
सुधांशु सक्सेना
लखनऊ: यूपी बोर्ड परीक्षा को नकलविहीन बनाने के लिए जहां एक ओर अधिकारी कई एहतियात बरत रहे हैं। वहीं, निजी कॉलेजों के प्रबंधक इसमें चहेतों को इनविजलेटर बनवाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं। आलम यह है, कि जिला विद्यालय निरीक्षक के बार-बार भेजे गए रिमाइंडर नोटिस के बावजूद किसी कॉलेज से दो तो कहीं से मात्र चार परिचय पत्र ही विभागीय कार्यालय को काउंटर साइन के लिए मिल रहे हैं।
इस गंभीर स्थिति को देखते हुए डीआईओएस लखनऊ ने 5 जनवरी को एक मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में ढुलमुल रवैया अपनाने वाले विद्यालयों के खिलाफ एक्शन प्लान बनाया जाएगा।
विभाग के बाबुओं के पास लग रहा जुगाड़
माध्यमिक शिक्षा विभाग के एक कर्मचारी ने बताया, कि 'हर साल निजी कॉलेज के प्रबंधक समय पर कक्ष निरीक्षकों के परिचय पत्र काउंटर साइन करवाने के लिए नहीं भेजते हैं। बोर्ड परीक्षा से ठीक पहले बिलकुल ऐन टाइम पर विभागीय बाबू की सेटिंग से अपने चहेतों को बतौर कक्ष निरीक्षक सत्यापित करवा लेते हैं। इतना ही नहीं कक्ष निरीक्षकों की डयूटी लगवाने में भी सेटिंग होती है। बाबुओं की जेब गर्म करके कक्ष निरीक्षकों को मनमाने कॉलेज में भेजा जाता है। इस समय कई विभागीय बाबू इस काम का गुपचुप ढंग से ठेका लेकर बैठे हैं। बोर्ड परीक्षा से ठीक पहले इन्हें अपना काम करना होता है। यही कारण है, कि बार-बार रिमाइंडर के बावजूद किसी भी कॉलेज ने एक या दो कक्ष निरीक्षकों से ज्यादा किसी का परिचय पत्र अब तक कार्यालय में उपलब्ध नहीं करवाया है।
सीसीटीवी इंसटॉलेशन का काम भी अधूरा
डीआईओएस मुकेश कुमार सिंह ने बताया, कि 'यूपी बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर विद्यालयों के लिए एक गाइडलाइन बनायी गई थी। जिसमें समय से अपने यहां के अध्यापकों का परिचय पत्र काउंटर साइन के लिए डीआईओएस आफिस भेजना, फर्नीचर की रिपोर्ट भेजना, सीसीटीवी इंस्टॉल कराना, बाउंड्रीवाल की मरम्मत समेत सभी बुनियादी काम शामिल थे। इसके लिए कॉलेजों को बार-बार रिमाइंडर नोटिस भी दी गई। लेकिन, अभी कई विदयालयों ने न तो पूरी तरह से कक्ष निरीक्षकों के परिचय पत्र भेजे और न ही सीसीटीवी को इंस्टॉल करवाकर उसकी रिपोर्ट कार्यालय को भेजी है। कई कॉलेजों द्वारा इस गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन नहीं किया गया है।
फाइनल नोटिस भेजने की तैयारी
इस ढुलमुल रवैये पर कार्यवाही के लिए एक फाइनल नोटिस जारी की जा रही है। इसमें सभी कालेजों को 5 जनवरी से पहले सभी औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया है। जो कॉलेज इस बात को गंभीरता से नहीं लेंगे, उनकी मान्यता प्रत्याहरण पर विचार किया जाएगा।