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UPSC : यूपीएससी में मुसलमानों की भागीदारी बढ़ी, इस बार सफल हुए 46 उम्मीदवार
UPSC : देश की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित परीक्षा संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) का मंगलवार (16 अप्रैल, 2024) को परिणाम जारी कर दिया गया है। इस बार एक मुसलमान महिला उम्मीदवार टॉप 10 में जगह बनाने में कामयाब हुई।
UPSC : देश की सबसे बड़ी और प्रतिष्ठित परीक्षा संघ लोकसेवा आयोग (UPSC) का मंगलवार (16 अप्रैल, 2024) को परिणाम जारी कर दिया गया है। इस बार एक मुसलमान महिला उम्मीदवार टॉप 10 में जगह बनाने में कामयाब हुई। यूपीएससी परीक्षा में कुल 1016 उम्मीदवार सफल हुए हैं, जिसमें से 46 उम्मीदवार मुसलमान समुदाय से हैं। बता दें कि यूपीएससी परीक्षा में बीते 10 सालों से मुसलमान समुदाय की भागीदारी में लगातार सुधार हो रहा है।
संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा - 2023 के आए परिणाम में 1016 उम्मीदवारों ने सफलता प्राप्त की है। इस बार राजधानी लखनऊ के आदित्य श्रीवास्तव ने पहला स्थान हासिल किया है, जबकि दूसरे स्थान पर अनिमेष प्रधान रहे। वहीं, डोनुरु अनन्या रेड्डी ने तीसरा स्थान हासिल किया है। यूपीएससी के इन सफल उम्मीदवारों की भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) समेत कई केंद्रीय पदों के लिए नियुक्ति होगी।
यूपीएससी में बढ़ी भागीदारी
सिविल सेवा परीक्षाओं में बीते 2010 से अब तक प्रतिवर्ष आए परिणामों में मुसलमान उम्मीदवारों भागीदारी लगातार बढ़ी है। सिविल सेवा परीक्षा -2010 में 31, 2011 में 21, 2012 में 31, 2013 में 34 मुस्लिम, 2014 में 40 और 2015 में 37 और 2016 में 50 उम्मीदवार सफल हुए थे। वहीं, 2017 में 52 उम्मीदवार सफल हुए हुए थे, जो सबसे ज्यादा है। वहीं, 2018 में 27, 2019 में 42, 2020 में 31, 2021 में 21 और 2022 में 30 उम्मीदवार मुसलमान समुदाय से सफल हुए हैं। इस बार संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा - 2023 में 46 उम्मीदवार मुसलमान समुदाय से हैं।
ये हैं 46 मुस्लिम उम्मीदवार
संघ लोक सेवा आयोग परीक्षा - 2023 में मुसलमान समुदाय से नौशीन ने प्रथम स्थान हासिल करते हुए टॉप टेन में जगह बनाते हुए 9वीं रैंक हासिल की है। वहीं, टॉप 100 में वर्द्धा खान (18वीं रैंक), जुफिशान हक़ (34वीं रैंक) और फबी रशीद (71वीं रैंक) ने अपनी जगह बनाई है। इसके अलावा टॉप 500 में आरफा उस्मानी (111वीं रैंक), सैयद आदिल मोहसीन (157वीं रैंक), खान सायमा सिराज अहमद (165वीं रैंक), सईम रज़ा (188वीं रैंक), जमादार फरहान इरफ़ान (191वीं रैंक), फरहीन जाहिद (241वीं रैंक), अरीबा सगीर (253वीं रैंक), एहतेदा मुफ़स्सिर (278वीं रैंक), नाज़िश उमर अंसारी (311वीं रैंक), सैयद मुस्तफा हाशमी (312वीं रैंक), फातिमा शिम्ना परावथ (317वीं रैंक), शाहिदा बेगम एस (323वीं रैंक), हामिद नावेद (332वीं रैंक), अरीबा नोमान (339वीं रैंक), मोहम्मद हारिस मीर (345वीं रैंक), मोहम्मद फरहान सेह (369वीं रैंक), एमडी ताबिश हसन (374वीं रैंक), गुलाम माया दीन (388वीं रैंक), अलीफा खान (418वीं रैंक), दानिश रब्बानी खान (477वीं रैंक), जोहरा बानो (469वीं रैंक), एमडी आसिम मुज्तेबा (481वीं रैंक) ने अपना स्थान हासिल किया।
वहीं, अब्दुल फसल पी.वी (507वीं रैंक), मोहम्मद आफताब आलम (512वीं रैंक,) अफजल अली (574वीं रैंक), मोहम्मद रिसविन I (659वीं रैंक), नाज़िया परवीन (670वीं रैंक), सैयद तालिब अहमद (677वीं रैंक), शोएब (730वीं रैंक), अब्दुल्ला जाहिद (744वीं रैंक), तस्लीम एम (745वीं रैंक), सोफिया सिद्दीकी (758वीं रैंक), एमडी शहंशाह सिद्दीकी (762वीं रैंक), मोहम्मद अशफाक (770वीं रैंक), आतिफ वकार एकराम अंसारी (819वीं रैंक), एमडी बुरहान ज़मान (822वीं रैंक) सैयद सादिक (826वीं रैंक) नजमा ए सलाम (839वीं रैंक), रशीद अली ए (840वीं रैंक) जे आशिक हुसैन (845वीं रैंक), एमडी वाशीद खान (1012वीं रैंक), अज़मल हुसैन (1013वीं रैंक) ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।
सच्चर कमेटी ने कभी जताई थी चिंता
बता दें कि सच्चर कमेटी ने वर्ष 2006 में अपनी एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें मुसलमान समुदाय की स्थिति को अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से नीचे बताया गया था। इसके साथ ही रिपोर्ट में देश की सरकारी नौकरियों में मुसलमान समुदाय के खराब प्रतिनिधित्व को लेकर भी चिंता व्यक्त की गई थी। इस रिपोर्ट ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचा था।