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इस यूनिवर्सिटी के स्‍टूडेंट्स एप से भरेंगे फीस-करेंगे पढ़ाई, चरखा चलानेे की भी है अनिवार्य शर्त

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Published on: 13 Dec 2016 9:32 AM GMT
इस यूनिवर्सिटी के स्‍टूडेंट्स एप से भरेंगे फीस-करेंगे पढ़ाई, चरखा चलानेे की भी है अनिवार्य शर्त
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लखनऊ: यूपी की उत्‍तर प्रदेश राजर्षि टंडन ओपन यूनिवर्सिटी (यूपीआरटीओयू) देश की पहली ऐसी ओपेन यूनिवर्सिटी बन गई है, जिसमें अब एप की मदद से पढ़ाई करवाई जाएगी। इतना ही नहीं फीस भरने से लेकर नोट्स पाने के लिए स्‍टूडेंटस को एप पर सारी जानकारी उपलब्‍ध रहेगी। इसके अलावा पीएचडी स्‍कॉलर्स को वहां चरखा चलाना सीखकर आस पास के लोगों को भी इस विधा में ट्रेंड करने की अनिवार्य शर्त पाठ्यक्रम में जोड़ ली गई है।

मोबाइल पर गुरूजी लेंगे क्‍लास, टेलीकम्‍यूनिकेशन डिपार्टमेंट करेगा हेल्‍प

- यूपीआरटीओयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर एमपी दुबे ने बताया कि यहां डिजिटल एजुकेशन को बढ़ावा देने की कवायद चल रही है।

- इसके तहत यूनिवर्सिटी ने एक मोबाइल एप का लांच किया है।

- इस एप से जुड़कर यूनिवर्सिटी के लाखों स्‍टूडेंट्स प्रोफेसर्स के लेक्‍चर लाइव और डाउनलोड करके सुन सकेंगे।

- इतना ही नहीं एक क्लिक पर स्‍टूडेंटस के लिए स्‍टडी मैटेरियल से लेकर रिफरेंस बुक का भंडार उपलब्‍ध रहेगा।

-इस एप के जरिए स्‍टूडेंट फीस भरने से लेकर एक्‍जामिनेशन शेडयूल और जरूरी नोटिफिकेशंस के बारे में अपडेट होते रहेंगे।

- इस एप को स्‍टूडेंटस फ्री में एक्‍सेस कर सकेंगे।

- फर्स्‍ट फेज मे इस एप से यूपीआरटीओयू के 10 रीजनल सेंटर्स के 6 लाख स्‍टूडेंटस को कनेक्‍ट किया जाएगा।

- इस मुहिम में केंद्र सरकार का टेलीकम्‍यूनिकेशन डिपार्टमेंट यूपीआरटीओयू की पूरी मदद कर रहा है।

बेस्‍ट डिजिटल सेंटर्स और टीचर होंगे सम्‍मानित

- यूपीआरटीओयू के वीसी प्रोफेसर एम पी दुबे ने बताया कि इस एप केे लिए स्‍टूडेंट्स को मोटिवेट किया जाएगा।

- इतना ही नहीं पूरे एकेडमिक ईयर में सारे रीजनल सेंटर्स सहित प्रोफेसर्स की मानिटिरिंग की जाएगी।

- हर साल एक बेहतर प्रदर्शन करने वाले 5 स्‍टडी सेंटर्स, एक रीजनल सेंटर और बेस्‍ट टीचर को सम्‍मानित किया जाएगा।

- हमारा मकसद डिजिटल एजुकेशन केे क्षेत्र में क्रांति करने का है।

लखनऊ में खुलेगा स्‍थाई रीजनल सेंटर, ये होंगी खासियत

- वीसी प्रोफेसर दुबे ने बताया कि एमएचआरडी की अनुमति के बाद अब यूपीआरटीओयू राजधानी में अपना एक परमानेंट रीजनल सेंटर स्‍टैबलिश करने जा रहा है।

- यह सेंटर सिटी के वृंदावन योजना क्षेत्र में 100 स्‍कवायर मीटर के एरिया में बनाया जाएगा।

- इसका इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर भी डिसाइड कर लिया गया है।

- यहां एक कांफ्रेंस रूम, लैब और क्‍लासरूम के साथ साथ कंप्‍यूटर लिट्रेसी सेंटर भी बनाया जाएगा।

- सिटी क‍े स्‍टूडेंटस की कापियां यहीं चेक हो सकेंगी।

- यहां योग पर कुछ नए कोर्स शुरू किए जाएंगे और यूजी और पीजी कोर्सेज संचालित किए जाएंगे।

-इतना ही नहीं उर्दू पत्रकारिता, न्‍यूज एंकरिंग के साथ साथ ज्‍वैैलरी मेकिंग के कोर्स भी संचालित होंगे।

- यहां कुछ नए तकनीकी कोर्सेज भी शुरू होंगे।

- यहां के पीएचडी स्‍कालर्स केे पाठयक्रम में चरखा चलाने की अनिवार्यता रखी गई है।

- ये स्‍कॉलर्स खुद चरखा चलाना सीखकर अपने आस पास के एरियाज के लोगों को भी इस विधा में पांरगत करेंगे।

-इसके लिए अलग से मार्क्‍स भी दिए जाएंगे।

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