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माध्यमिक शिक्षक संघ और लुआक्टा ने की बैठक, अब साथ मिलकर करेंगे आंदोलन
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ और लखनऊ यूनिवर्सिटी असोसिएटेड कॉलेज टीचर्स असोसिएशन (लुआक्टा) ने रविवार काेे एक साथ बैठक की। इस बैठक में दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने माध्यमिक एवं महाविद्यालय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षकों के संघर्ष की लड़ाई करने का ऐलान किया। इसके पहले फेज में यह संगठन नवयुग कन्या इंटरव्यू कॉलेज के प्रबंधक के मनमाने आचरण के खिलाफ आगामी 12 दिसंबर को सांकेतिक धरना देकर अपने आंदोलन की शुरूअात करेगा।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ और लखनऊ यूनिवर्सिटी असोसिएटेड कॉलेज टीचर्स असोसिएशन (लुआक्टा) ने रविवार काेे एक साथ बैठक की। इस बैठक में दोनों संगठनों के पदाधिकारियों ने माध्यमिक एवं महाविद्यालय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले शिक्षकों के संघर्ष की लड़ाई करने का ऐलान किया।
इसके पहले फेज में यह संगठन नवयुग कन्या इंटरव्यू कॉलेज के प्रबंधक के मनमाने आचरण के खिलाफ आगामी 12 दिसंबर को सांकेतिक धरना देकर अपने आंदोलन की शुरूअात करेगा।
शिक्षिकाओं के उत्पीड़न के खिलाफ उठाएंगे आवाज
-माध्यमिक एवं महाविद्यालय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ आर पी मिश्र ने बताया कि नवयुग डिग्री कालेज और नवयुग कन्या इंटर कॉलेेज में प्रबंधक मनमानी पर उतारू हैं।
-कुलपति के आदेशों के बावजूद प्रबंधक दवारा डा ममता वर्मा और डॉ साधना मिश्रा को शिक्षक का कार्यभार ग्रहण नहीं कराया जा रहा है।
-इन शिक्षिकाओं के हक की लड़ाई लड़ने के लिए लुआक्टा अध्यक्ष डॉ मनोज पांडे ने आवाज उठाई।
-इनकी आवाज को दबाने के लिए प्रबंधक दवारा डॉ मनोज पांडे और शिक्षिकाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी गई।
इसलिए हमने इस संघर्ष में एक होकर आंदोलन करने का फैसला किया है।
नवयुग प्रबंधक पर लगाए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप
-लुआक्टा के अध्यक्ष डॉ मनोज पांडे ने बताया कि नवयुग डिग्री के अलावा इंटरव्यू कालेज में भी प्रबंधक ने काफी भ्रष्टाचार किए हैं।
-इन भ्रष्टाचारों का खुलासा इंटर कॉलेज के एक वर्षीय आडिट रिपोर्ट में हो चुका है।
-लेकिन डीआईओएस समेत अन्य अधिकारियों की मिलीभगत के चलते अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है।
-ऐसा तब है जब खुद ज्वाइंटर डायरेक्टर दवारा इसके चार वर्षों के आडिट कराए जाने के आदेश बहुत पहले ही दिए जा चुके हैं।
-प्रबंधक दवारा 2 करोड़ 95 लाख की एफडी का दुरुपयोग करने का मामला भी सामने आया है।
-इतना ही नहीं संपत्ति पर दुरुपयोग से लेकर अवैध वसूली, वित्तीय अनियमितताओं, शिक्षिकाओं के उत्पीड़़न समेत कई आरोप प्रबंधक पर लगे हैं और साबित हुुए हैं।
-कोई कार्यवाही ना होते देखकर हम लोगों ने आंदोलन के जरिए आवाज उठाने का संकल्प लिया है।