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बीएचयू : बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले

seema
Published on: 6 Oct 2017 8:26 AM GMT
बीएचयू : बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले
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आशुतोष सिंह

वाराणसी: लगभग दो हफ्ते तक की अशांति और ऊहापोह के बाद बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय अमन की राह पर लौट आया है। कैंपस में अब धीरे-धीरे सियासत का शोर नहीं बल्कि शिक्षा का माहौल दिखने लगा है। हॉस्टल फिर से गुलजार हो उठे हैं। वीटी पर फिर से छात्रों की अड़ी लगनी शुरू हो गई है तो मधुबन 'जोड़ों' की आमद से महक उठा है, लेकिन बीएचयू के दामन पर छेडख़ानी का जो दाग लगा है वो यहां के छात्रों के जहन में नश्तर की तरह चुभ रहा है।

विश्वविद्यालय प्रशासन खासतौर से कुलपति जी.सी.त्रिपाठी का रवैया छात्रों के लिए हैरान करने वाला रहा। छेडख़ानी और बवाल के बाद कुलपति ने डैमेज कंट्रोल की जो कोशिश की, उसने हर छात्र को सकते में डाल दिया। छात्राओं के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय वीसी साहब एक के बाद एक झूठ बोलते रहे। आखिरकार जब झूठ बेनकाब हुआ तो उन्हें छुट्टी पर जाने को मजबूर होना पड़ा।

वीसी लगातार बोलते रहे झूठ

23 सितंबर की रात छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज की तस्वीरों को मीडिया व चैनलों के जरिये सबने देखा। सभी ने छात्राओं से जुड़ी इस खबर को प्रमुखता से दिखाया, लेकिन ये तस्वीरें शायद बीएचयू के कुलपति को दिखाई नहीं दीं। अगली सुबह यानी 24 सितंबर को जब कुलपति मीडिया के सामने आए तो उन्होंने लाठीचार्ज जैसी किसी भी घटना से साफ इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि किसी छात्रा के ऊपर लाठी नहीं चलाई गई। वीसी ने इस घटना के लिए जेएनयू और इलाहाबाद यूनिवॢसटी सहित बाहरी छात्रों को जिम्मेदार बता दिया। यही नहीं वीसी ने चैनलों के लाइव डिबेट में भी यही बात कही।

इस बीच 26 सितंबर की शाम कुलपति अपने कुछ प्रमुख सलाहकारों के साथ त्रिवेणी हॉस्टल पहुंचे। छात्राओं से बातचीत के दौरान भी कुलपति का अडिय़ल रवैया बरकरार रहा। अपनी गलती मानने के बजाय कुलपति छात्राओं पर ही धौंस जमाते हुए दिखे। एक छात्रा को समझाते हुए धर्म और अधर्म का तर्क देना शुरू कर दिया। छात्राओं के साथ बातचीत का ये वीडियो मीडिया में लीक हो गया।

वीसी ने कबूल की अपनी गलती

28 सितंबर को छात्राओं से बातचीत के लिए वीसी एक बार फिर निकले। इस बार उन्होंने महिला महाविद्यालय का रुख किया। बताया जा रहा है कि इस दौरान छात्राओं और वीसी के बीच जमकर बहस हुई। छात्राओं ने बातचीत का पूरा ऑडियो रिकार्ड कर लिया।

इस ऑडियो के मुताबिक वीसी जीसी त्रिपाठी ने छात्राओं के सामने अपनी गलती स्वीकार की। उन्होंने कहा कि बवाल के जो फुटेज उन्हें दिखाई गए थे उसमें लाठीचार्ज की तस्वीरें नहीं थीं। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि छेडख़ानी की घटना को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से गलतियां हुई हैं। महिला महाविद्यालय का ये ऑडियो भी मीडिया में लीक हो गया। इस ऑडियो के बाद वीसी पूरी तरह बेनकाब हो गए। इस ऑडियो को मानव संसाधन मंत्रालय ने भी गंभीरता से लिया।

नहीं मिल सकी सम्मानजनक विदाई

विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि कुलपति जीसी त्रिपाठी को सम्मानजनक विदाई भी नसीब नहीं हो पाई जबकि उन्होंने कैंपस में कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे। उनके कार्यकाल में बीएचयू की रैंङ्क्षकग में काफी सुधार हुआ।

प्रोफेसर के मुताबिक वीसी ने अपने अडिय़ल रवैये के चलते सबकुछ सत्यानाश कर दिया। दरअसल जीसी त्रिपाठी ने जब से बीएचयू का कार्यभार संभाला, वे लगातार विवादों में रहें। उनके कार्यकाल के दौरान कई बार ऐसे मौके आए जब वे सीधे विपक्ष के निशाने पर रहे। विपक्षी दलों ने उन पर विश्वविद्यालय में हिन्दुत्व के एजेंडे को लागू करने का आरोप लगाए। यही नहीं अपने कुछ फैसलों को लेकर वे छात्राओं के निशाने पर भी थे।

वीसी की छुट्टी को लेकर चलता रहा सस्पेंस

मीडिया में ऑडियो आने की अगली सुबह वीसी शहर से बाहर चले गए। विश्वविद्यालय की ओर से दावा किया गया कि वह दशहरे की छुट्टी मनाने इलाहाबाद स्थित अपने पैतृक घर गए हुए हैं। उन्हें 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर कैंपस में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेना था। इसके लिए विश्वविद्याल प्रशासन की ओर से बाकायदा प्रेस रिलीज भी जारी की गई, लेकिन गांधी जयंती के मौके पर कुलपति कैंपस से गायब दिखे तो कानाफूसी होने लगी।

अपना भारत ने इस बाबत बीएचयू की चीफ प्रॉक्टर रोयना सिंह और पीआरओ राजेश सिंह से बातचीत की, लेकिन कोई भी वीसी के बारे में बताने के लिए तैयार नहीं हुआ। पूरे कैंपस में वीसी को लेकर अजीब खामोशी पसरी हुई थी। इसी बीच यह खबर आई कि वीसी दिल्ली में संघ से लॉबिंग करने में लगे हुए हैं। वे किसी कटवरिया सराय स्थित लालबहादुर शास्त्री संस्कृत विद्यापीठ के गेस्ट हाउस में रुके हुए हैं। शाम होते-होते यह खबर आई कि वीसी अनिश्चितकालीन छुट्टी पर चले गए हैं। 3 अक्टूबर को मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उनकी छ्ट्टी पर मुहर लगाई। फिलहाल उनकी जगह रजिस्ट्रार नीरज त्रिपाठी कार्यवाहक कुलपति के तौर पर तैनात रहेंगे। कुलपति जीसी त्रिपाठी का कार्यकाल 30 नवंबर को खत्म हो रहा है।

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सीमा शर्मा लगभग ०६ वर्षों से डिजाइनिंग वर्क कर रही हैं। प्रिटिंग प्रेस में २ वर्ष का अनुभव। 'निष्पक्ष प्रतिदिनÓ हिन्दी दैनिक में दो साल पेज मेकिंग का कार्य किया। श्रीटाइम्स में साप्ताहिक मैगजीन में डिजाइन के पद पर दो साल तक कार्य किया। इसके अलावा जॉब वर्क का अनुभव है।

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