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सही तरीके से वर्कप्लेस पर बनती है अच्छी इमेज

raghvendra
Published on: 1 Jun 2018 4:56 PM IST
सही तरीके से वर्कप्लेस पर बनती है अच्छी इमेज
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वर्कप्लेस में आपको रोज तरह-तरह के निर्णय लेने पड़ते हैं और उनके अनुरूप काम भी करना पड़ता है। कई बार आपके सामने ऐसी स्थितियां भी आ सकती हैं, जो आपके वैल्यूज और इथिक्स को चुनौती दें। ऐसे में आप सही निर्णय नहीं ले पाते हैं। पता करते हैं ऐसी ही कुछ खास परिस्थितियों के बारे में जिनको जानकर आप अपनी अच्छी इमेज बना सकते हैं।

टारगेट पूरा रखें

हो सकता है कि आप एक ऐसे सेल्समैन हों, जिसका सालाना टारगेट पूरा नहीं हो रहा हो। इससे आपका बोनस और प्रमोशन प्रभावित हो सकता है। ऐसे में आपको अपने फेवरिट क्लाइंट से निवेदन करना चाहिए कि वह अगले क्वार्टर की खरीद एडवांस में करने का ईमेल भेजे। अगर क्लाइंट ऐसा नहीं कर सकता, तो इससे आपका टारगेट पूरा नहीं हो पाएगा और आपको नुकसान हो सकता है। इस स्थिति में आपको अपनी टीम और बॉस की मदद लेनी चाहिए। आपकी टीम आपकी काफी मदद कर सकती है। इसलिए कोशिश करें कि अपना टारगेट पूरा रहे ताकि आपको कोई कुछ कहे नहीं और परेशान न हो।

जब क्रेडिट कोई और ले

आप एक एनालिस्ट हैं, जिसने अकेले घंटों मेहनत करके शानदार रिपोर्ट तैयार की लेकिन आपका सीनियर टीममेट या सुपरवाइजर आपका क्रेडिट ले लेता है। ऐसे में आपको गुस्सा जरूर आएगा। किसी भी संस्थान में यह स्थिति अस्वीकार्य होती है। सीनियर कलीग ऐसा करे तो आप अपने बॉस से मीटिंग करें और अपने काम के सबूत दिखाएं। हो सकता है कि यहां पर आपसे सीनियर कलीग की ओर से माफी मांगी जाए। अगर आपका बॉस दोषी है तो पता करें कि आपके प्रयासों का परिणाम इन्क्रिमेंट या प्रमोशन के समय तो नहीं मिलेगा। तो इसके लिए आप आपने सीनियर से बात करें ताकि किसी को ये ण लगे की आप अपनी बात नहीं रख सकते हैं।

डाक्यूमेंटेशन करना चाहिए

अगर ऐसा नहीं है तो मैनेजमेंट से अपने काम को पहचान दिलाने के लिए बात करें। आप चाहें तो एचआर से किसी दूसरी टीम के साथ काम करने के लिए कह सकते हैं। किसी व्यक्ति द्वारा आपका क्रेडिट ले जाने पर आपको दुखी नहीं होना चाहिए, बल्कि अपना पक्ष मजबूती के साथ रखना चाहिए। इस तरह की घटनाओं से भविष्य के लिए सबक लेना चाहिए और सारे कार्यों का डाक्यूमेंटेशन करना चाहिए। इससे आप समय पडऩे पर सबूत के तौर पर डॉक्यूमेंट पेश कर सकते हैं।

अच्छी स्ट्रेटजी बनायें

अगर आप किसी दूसरी फर्म से अच्छी जॉब का ऑफर स्वीकार कर लिया है। जब आप इस्तीफा सौंपेंगे तो एम्प्लॉयर आपसे रुकने के लिए कहेगा और काउंटर ऑफर देगा। अब चूंकि आपने नए एम्प्लॉयर को वायदा कर दिया है। ऐसे में आप तय नहीं कर पाएंगे कि आगे क्या करना है। इस बात का ध्यान रखें कि अगर आप वापस कंपनी में काम करना शुरू कर देते हैं तो इससे आपकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचेगा। अगर आप वापस जाते हैं तो एम्प्लॉयर के दिमाग में आपके बारे में यह सोच बन जाएगी कि आप कुछ ही दिनों में कंपनी छोड़ देंगे। अगर आप अपने मौजूदा एम्प्लॉयर से नेगोशिएट करना चाहते हैं तो नए एम्प्लॉयर का ऑफर स्वीकार करने से पहले ही अपने बॉस के साथ ऑफर को लेकर चर्चा करें। तभी आप कॉर्पोरेट जगत में अपनी स्थिति को मजबूत बना सकते हैं। अपने कॅरियर के बारे में एक बार में ही मजबूत फैसला लें।

कंपनी के रिसोर्स यूज़ न करें

कई बार जब आप कंपनी का रिसोर्स ज्यादा यूज़ करने लगते है तो लोगों को आपके प्रति खराब राय बनाने लगती है। क्या आप कंपनी के फोन का इस्तेमाल लंबी दूरी की पर्सनल कॉल्स के लिए कर रहे हैं? क्या ऑफिस के इंटरनेट का इस्तेमाल पॉपुलर वेबसाइट्स देखने के लिए कर रहे हैं? ऑफिस की सुविधाओं का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना नैतिक रूप से गलत है। ध्यान रखें कि आपका इंटरनेट यूजेज रिकॉर्ड किया जा रहा है और ऑफिस कॉल्स की डिटेल्ड कॉल रिकॉड्र्स तैयार किए जा रहे हैं। हो सकता है कि एम्प्लॉयर अभी आपकी हरकतों पर ध्यान न दे, पर कुछ भी गलत होने पर वह सवाल जरूर करेगा।

झूठ - फरेब करने से बचें

हो सकता है कि आपका बॉस आपसे गलत काम करवा. झूठे ट्रैवल बिल्स सब्मिट करने का आइडिया दे। अगर आपके इथिक्स और वैल्यू इसकी इजाजत नहीं देते तो आपको बुरा लगेगा। जब ऐसी स्थिति आती है तो आपको शुरू में यह सिर्फ एक आदेश लगता है, लेकिन आपको बॉस की बात का पूरी तरह से विरोध करने के बजाय बॉस से कहना चाहिए कि आप इस काम को करने के लिए सही व्यक्ति नहीं है। इस बात को सुनकर आपका बॉस खुद ही हट जाएगा और आगे से गलत काम करने के लिए नहीं कहेगा। अगर आप अपने जीवन मूल्यों को जीवन में सबसे ज्यादा महत्व देते हैं, तो उन पर डटे रहें।



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raghvendra

raghvendra

राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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