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Neet Exam Result 2024: गलत जवाब और गलत किताब ने बना दिया 44 को टॉपर
Neet Exam Result 2024: टॉपर छात्रों का जवाब उत्तर उनकी पुरानी कक्षा 12 की एनसीईआरटी विज्ञान की किताब में दिए गलत संदर्भ पर आधारित था। यानी किताब में जो गलत छपा उसे पढ़ कर गलत जवाब लिखा और बदले में "इनाम" भी पा गए।
Neet Exam Result 2024: 2024 नीट-यूजी के नतीजों में 67 उम्मीदवारों को फुल स्कोर (720 में से 720) मिला और इनमें से 44 टॉप पर पहुंच गए। विडंबना यह है कि इन्हें टॉप पर पहुँचने में बुनियादी भौतिकी के एक सवाल का उत्तर गलत दिया था और इसके लिए उन्हें "ग्रेस मार्क्स" मिल गए।
ऐसा हुआ क्यों? वजह भी अजीब है। इन टॉपर छात्रों का जवाब उत्तर उनकी पुरानी कक्षा 12 की एनसीईआरटी विज्ञान की किताब में दिए गलत संदर्भ पर आधारित था। यानी किताब में जो गलत छपा उसे पढ़ कर गलत जवाब लिखा और बदले में "इनाम" भी पा गए।
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर के मुताबिक 2019 के बाद से नीट यूजी के किसी भी वर्ष में तीन से ज्यादा टॉपर नहीं रहे हैं। 2019 और 2020 में एक-एक टॉपर था। 2021 में तीन टॉपर, 2022 में एक और 2023 में दो टॉपर थे। 720 अंक पाने वाले 67 उम्मीदवारों में से अधिकांश राजस्थान (11) से हैं, इसके बाद तमिलनाडु (8), महाराष्ट्र (7) और फिर आंध्र प्रदेश और बिहार से चार-चार उम्मीदवार हैं।
एनसीआरटी की किताब में गलत जवाब
जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि देश में एमबीबीएस एडमिशन के लिए एकमात्र जरिया नीट पास करना होता है। बीते 29 मई को एनटीए ने अपनी आंसर शीट जारी की थी। फिजिक्स का जो विवादित सवाल था उसका जो सही विकल्प बताया गया उसे दस हजार से ज्यादा उम्मीदवारों ने इस आधार पर चुनौती दी कि कक्षा 12 की एनसीआरटी की किताब के पुराने संस्करण में जवाब ही गलत दिया गया था। जो सही उत्तर था वह तो एनसीआरटी की केमेस्ट्री की पाठ्यपुस्तक के नए संस्करण में दिया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, एनटीए के एक अधिकारी ने कहा है कि सभी उम्मीदवारों को नीट की तैयारी के लिए सिर्फ एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों से पढ़ने की सलाह दी जाती है सो उन सभी उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देने का फैसला किया गया जिन्होंने गलत विकल्प को उत्तर के रूप में चिह्नित किया।
इस निर्णय से 44 उम्मीदवारों के नंबर 715 से बढ़कर 720 हो गए और वे सब इस साल की नीट-यूजी टॉपर्स की अभूतपूर्व संख्या में शामिल हो गए। हालांकि एनटीए ने यह कहा कि 67 छात्रों को प्रथम रैंक दी गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सभी 67 एम्स में प्रवेश पा लेंगे। इसके लिए एनटीए के पास एक टाई-ब्रेकर नीति है। आल इंडिया रैंक 1 हासिल करने वाले हर छात्र को टाई-ब्रेकर नीति के अनुसार बनाई गई मेरिट सूची में उनकी वास्तविक स्थिति दिखाई देगी।
टॉप करने वालों की संख्या इतनी ज्यादा क्यों रही, इसके बारे में बताया गया है कि इस साल पेपर तुलनात्मक रूप से आसान था और परीक्षा देने वालों की संख्या में भारी वृद्धि हुई थी। इस साल, नीट यूजी के लिए रिकॉर्ड 23.81 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया जबकि पिछले साल 20.87 लाख पंजीकरण थे। कुल 9.96 लाख लड़के और 13.32 लाख लड़कियां और 17 ट्रांसजेंडर उम्मीदवार परीक्षा में शामिल हुए।