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अक्षय की लक्ष्मी : पहले भी ट्रांसजेंडर्स पर बनी हैं ये फिल्में, ऐसी है उनकी कहानी

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की लक्ष्मी बम आज रिलीज़ होने वाली है। इस फिल्म में अक्षय एक ट्रान्सजेंडर के किरदार में नज़र आ रहे हैं। इस रूप में अक्षय पहली बार दर्शकों के सामने आए हैं।

Monika
Published on: 9 Nov 2020 12:31 PM IST
अक्षय की लक्ष्मी : पहले भी ट्रांसजेंडर्स पर बनी हैं ये फिल्में, ऐसी है उनकी कहानी
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अक्षय की फिल्म लक्ष्मी रिलीज़, पहले भी ट्रांसजेंडर्स पर बनी फ़िल्में

बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार की लक्ष्मी बम आज रिलीज़ होने वाली है। इस फिल्म में अक्षय एक ट्रान्सजेंडर के किरदार में नज़र आ रहे हैं। इस रूप में अक्षय पहली बार दर्शकों के सामने आए हैं। उन्होंने खुद माना है कि ये रोल अब तक का सबसे मुश्किल रोल रहा है। ये फिल्म एक हॉरर कॉमेडी फिल्म है। लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में पहले भी ट्रान्सजेंडर्स और उनकी लाइफ पर कई फ़िल्में बन चुकी हैं। आइए जानते है कौन सी हैं वो फ़िल्में ..

जस्ट अनदर लव स्टोरी

इस बंगाली फिल्म को निर्देशन कौशिक गांगुली ने बनाई थी। फिल्म में रितुपर्णो घोष मेन लीड रोल में नजर आए थे। इस फिल्म की काफी प्रशंसा हुई थी। बता दें, कि बंगाली में इसे 'Arekti Premer Golpo' नाम से रिलीज किया गया था जो फिल्म का ऑरिजनल टाइटल है। इस फिल्म में रितुपर्णो ने दिल्ली बेस्ड ट्रान्सजेंडर का रोल प्ले किया था।

दायरा

अमोल पालेकर निर्देशित फिल्म दायरा भी ट्रान्सजेंडर पर आधारित थी। इस फिल्म में ट्रान्सवेस्टिज्म जैसे मुद्दे को दर्शाया गया था। इस फिल्म में दिखाया गया था कि एक शख्स अपने अपोजिट जेंडर की तरह गेटअप लेना और डांस करना पसंद करता है। फिल्म में अनेक पहलू थे. सोनाली कुलकर्णी और निर्मल पांडे फिल्म में अहम रोल में नजर आए थे।

दर्मियां

इस फिल्म का निर्देशन कल्पना लाजमी ने किया था। फिल्म में ट्रान्सजेंडर समाज के बारे में दिखाया गया था। इस फिल्म में पहले शाहरुख़ खान लीड रोल में थे। बाद में आरिफ जकारिया ने दमदार रोल प्ले किया। फिल्म में एक किन्नर बच्चे की परवरिश करती है। उसे किस परिस्थितियों से गुजरना पड़ता है। फिल्म में किरण राव और तब्बू भी अहम रोल में थीं।

गुलाबी आईना

गुलाबी आईना 90 के दशक का पहला ट्रान्सजेंडर फिल्म माना जाता है। फिल्म में दो हिजड़ों और एक गे के बीच के लव ट्राएंगल को दर्शाया गया था। इस फिल्म को उस वक़्त का विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन कई लोग इसके लोगों का इस फिल्म को सपोर्ट भी मिला था।फिल्म आज भी भारत समेत कई देशों में बैन है। हालांकि कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में इसकी स्क्रीनिंग भी की जा चुकी है।

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68 पेजेस

ये फिल्म पूरी तरह से तो ट्रान्सजेंडर पर बेस्ड नहीं थी लेकिन इस फिल्म में किन्नर समाज के कुछ पहलुओं पर जरूर गौर किया गया था। फिल्म की कहानी एक ट्रान्ससेक्शुअल बार डांसर, सेक्स वर्कर और एक गे के इर्द-गिर्द घूमती नजर आई थी।

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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