TRENDING TAGS :
Don Movie: जब डॉन फिल्म में अमिताभ बच्चन ने खाया 40 पान, जानें फिल्मी परदे के पीछे की कहानी
Amitabh Bachchan Khaike Paan Banaras Wala: कल्याण जी आनन्द जी के संगीत और अंजान के गीतों ने फिल्म को सुपर हिट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अमिताभ बच्चन की दोहरी भूमिका वाली इस फिल्म की खास बात यह है कि डायरेक्टर चंद्र बारोट ने डान के बाद फिर किसी फिल्म का निर्देशन नहीं किया।
Kishore Kumar and Amitabh Bachchan Khaike Paan Banaras Wala: सत्तर का दशक अमिताभ बच्चन के फिल्मी कैरियर का सबसे बेहतरीन दौर कहा जाता हैं । हांलाकि अस्सी के दौर की शुरुआत में कुछ फिल्में हिट हुई । पर इसके मध्य में ‘मर्द’ जैसी फिल्म आने के बाद अमिताभ बच्चन का ग्राफ नब्बे के दौर में “खुदा गवाह” आते आते डगमगाने लगा। पर इसके पहले जब उनकी फिल्में लगातार हिट हो रही थीं। उसी दौर में निर्देशक चन्द्र बारोट की फिल्म ‘डान’ बेहद हिट फिल्म रही। 12 मई , 1978 को रिलीज हुई फिल्म ‘डान’ को निर्देशक चंद्र बारोट ने अमिताभ बच्चन , जीनत अमान प्राण कमल कपूर और इफ्तेखार,ओम शिवपुरी के अभिनय से सजाने का काम किया। कल्याण जी आनन्द के संगीत और अंजान के गीतों ने फिल्म को सुपर हिट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अमिताभ बच्चन की दोहरी भूमिका वाली इस फिल्म की खास बात यह है कि डायरेक्टर चंद्र बारोट ने ‘डान’ के बाद फिर किसी फिल्म का निर्देशन नहीं किया। यह उनके कैरियर की अकेली फिल्म थी। चद्र बारोट ने इस फिल्म में थ्रिल , सस्पेंस और लोकेशन की जबर्रदस्त जुगलबंदी की है। चंद्र बारोट इसके पहले वह निर्माता निर्देशक और अभिनेता मनोज के सहायक थे। मनोज कुमार के निर्देशन में बनी ‘रोटी कपडा और मकान’ में अमिताभ के साथ काम किया था।
‘डान’ यह उस साल की सबसे हिट फिल्म थी। हांलाकि उसी साल ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘कस्मेवादे’, ‘गंगा की सौगन्ध’ और ‘ त्रिशूल’ भी आई थी । पर इनके मुकाबले इस फिल्म ने धूम मचा दी थी। दिलचस्प बात यह है कि फिल्म की कहानी काफी दिनों से सलीम जावेद के पास पडी थी । पर उसे कोई खरीदने को तैयार ही नहीं था। धर्मेन्द्र ,जितेन्द्र , देवानन्द और मनोज कुमार के पास वह कई चक्कर लगा चुके थे । लेकिन किसी को भी यह कहानी पसन्द नहीं आ रही थी। आखिरकार चंद्र बारोट को यह कहानी पसंद आई और उन्होने इसे खरीद लिया। फिल्म बनाने के पहले मनोज कुमार ने फिल्म का नाम ‘मिस्टर डान’ रखने को कहा था पर चंद्रा बारोट ने केवल ‘ डान’ रखा। फिल्म सफल रही पर उसके निर्माता नरीमन ईरानी की शूटिंग के दौरान ही एक हादसे में मौत हो गयी थी। फिल्म की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक्टर अमिताभ बच्चन के अलावा किशोर कुमार ,आशा भोसले को फिल्म फेयर अवार्ड मिला।
कभी चंद्र बारोट के बास रहे मनोज कुमार इस फिल्म में भी उनकी मदद करते रहे। उन्होंने सुझाव दिया कि पूरे तीन घंटे की फिल्म में लगातार दर्शक दिमाग नहीं लगा सकते। इसलिए कोई गीत डालना जरूरी है जिससे दर्शक थोडा ब्रेक ले सके। उन्होंने एक गीत रखने का सुझाव दिया और कहा कोई ऐसा गीत मिल जाए जो मस्ती भरा हो। इसी बात पर चर्चा करते हुए संगीतकार कल्याण जी आंनद जी ने याद दिलाया कि देवानन्द की फिल्म बनारसी बाबू में किशोर कुमार का गाना था ‘‘हम है बनारस बाबू।’’ तय हुआ कि कुछ मिलता जुलता गीत बनाया जाए। लेकिन किशोर कुमार को पुरबिया शब्द ‘खाई के’ पंसद नहीं आया। बडी मान मनौव्वल के बाद आखिरकार वह तैयार हुए । फिर फिल्म का सीन क्रियेट करने के लिए जीनत अमान को लाया गया और किशोर कुमार ने भी कई पान खाए तब यह गीत गाया गया और सबसे हिट गीत साबित हुआ।
फिल्म का सबसे हिट गीत ओ खाईके पान वनारस वाला की शूटिंग के दौरान वास्तविकता लाने के लिए अमिताभ बच्चन ने भी चालीस पान खाए। एक बात और जब अमिताभ ने इस गीत को परदे पर जब गाया तब उनके एक पैर में फै्रक्चर भी था । बावजूद इसके उन्होंने जबरदस्त नृत्य किया। ‘‘ये है बम्बई नगरिया तू देख बबुआ’’ का गाना संजीव कुमार की फिल्म नया गीत नई रात से प्रेरित था।
मजेदार बात यह है कि फिल्म की शूटिंग की शुरुआत में ही प्राण के पैर में चोट लग गयी। इस पर फिल्म की कहानी में ट्विस्ट लाया गया फिर प्राण को लंगडे के रूप में ही दिखाया गया। खास बात यह कि इस फिल्म में प्राण ने अमिताभ बच्चन से अधिक फीस ली थी। फिल्म में डीएसपी डी सिल्वा की भूमिका पहले संजीव कुमार को दी गयी थी पर डेट्स की प्राब्लम के चलते उनके हाथ से यह फिल्म निकल गयी।