स्मृति शेष : भोजपुरी कोकिला शारदा सिन्हा, देह की मुक्ति लेकिन कल से बजेंगे उनके ही छठ के गीत

Folk Singer Sharda Sinha : भोजपुरी की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा जी का अभी अभी निधन हो गया है। उन्होंने स्वयं को अपनी देह को मुक्त कर दिया है । लेकिन उनके स्वर अमर हैं।

Sanjay Tiwari
Written By Sanjay Tiwari
Published on: 5 Nov 2024 4:59 PM GMT (Updated on: 5 Nov 2024 5:25 PM GMT)
स्मृति शेष : भोजपुरी कोकिला शारदा सिन्हा, देह की मुक्ति लेकिन कल से बजेंगे उनके ही छठ के गीत
X

Folk Singer Sharda Sinha : भोजपुरी की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा जी का अभी अभी निधन हो गया है। उन्होंने स्वयं को अपनी देह को मुक्त कर दिया है । लेकिन उनके स्वर अमर हैं। छठ पर कल उनके ही गीत विश्व के कोने कोने में सुनाई देंगे। छठ के उनके गीतों ने छठ की महिमा बढ़ाने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। सूरज देव के उगने का आवाहन करने वाली दैहिक शारदा सांस रुक गई है।

यह भी पढ़ें : Sharda Sinha Net Worth: भोजपुरी सिंगर शारदा सिन्हा की हालत नाजुक जानिए कितनी अमीर हैं

दुनिया में शारदा जी ने भोजपुरी को जिस माधुर्य के साथ स्थापित किया उसके लिए भोजपुरी भाषा और संस्कृति उनके प्रति सदैव ऋणी रहेगी।

शारदा सिन्हा बिहार की एक लोकप्रिय गायिका हैं। इनका जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को हुआ‌ था। गांव हुलास, राघोपुर, सुपौल जिला, बिहार का एक बहुत पिछड़ा क्षेत्र है। उनकी ससुराल बेगूसराय जिले के सिहमा गांव में है। पति ब्रिज किशोर सिंहा का निधन पिछले वर्ष हो गया था। उसके बाद से ही शारदा जी बहुत व्यथित और अस्वस्थ रहने लगी थीं।उन्होंने अपने करियर की शुरुआत मैथिली लोक गीत गाकर की थी।


यह भी पढ़ें : Sharda Sinha Famous Songs: शारदा सिन्हा ने लोकगीतों को दिलायी अलग पहचान, छठ महापर्व उनके गीतों के बिना अधूरा

इन्होंने मैथिली, भोजपुरी के अलावे हिन्दी गीत गाये हैं। मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन तथा गैंग्स ऑफ वासेपुर जैसी फिल्मों में इनके द्वारा गाये गीत काफी प्रचलित हुए हैं। इनके गाये गीतों के कैसेट संगीत बाजार में सहजता से उपलब्ध है। दुल्हिन, पीरितिया, मेंहदी जैसे कैसेट्स काफी बिके हैं। बिहार एवं यहाँ से बाहर दुर्गा-पूजा, विवाह-समारोह या अन्य संगीत समारोहों में शारदा सिन्हा द्वारा गाये गीत अक्सर सुनाई देते हैं।

यह भी पढ़ें : Bihar News: प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा पर टूटा दुखों का पहाड़, ब्रेन हेमरेज से पति का निधन

लोकगीतों के लिए इन्हें 'बिहार-कोकिला', 'पद्म श्री' एवं 'पद्म भूषण' सम्मान से विभूषित किया गया है।

विश्व का कोई ऐसा कोना नहीं है जहां शारदा सिन्हा के स्वर न पहुंचे हों। खास तौर पर वे देश जहां भोजपुरी समाज के लोग रहते हैं , वहां के प्रत्येक सामाजिक सांस्कृतिक आयोजन शारदा सिन्हा जी के स्वर से ही पूरे होते हैं। कल से छठ की शुरुआत हो रही है। यह संयोग ही है कि छठ के साए में ही शारदा जी ने अंतिम सांस ली है।


Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

Next Story