×

जन्मदिन विशेष: लोगों के दिलों पर राज करते थे प्रेमनाथ, ऐसा रहा फिल्मी सफर

फिल्मी दुनिया में प्रेमनाथ एक ऐसे कलाकार थे जिन्हें विलेन होने के बाद भी दर्शक दिल से चाहते थे। मध्यप्रदेश टीकमगढ़ में आज ही के दिन प्रेमनाथ 21 नवम्बर 1926 को पैदा हुए थे।

Newstrack
Published on: 21 Nov 2020 5:00 AM GMT
जन्मदिन विशेष: लोगों के दिलों पर राज करते थे प्रेमनाथ, ऐसा रहा फिल्मी सफर
X
जन्मदिन विशेष: लोगों के दिलों पर राज करते थे प्रेमनाथ, ऐसा रहा फिल्मी सफर

मुम्बई: फिल्मी दुनिया में प्रेमनाथ एक ऐसे कलाकार थे जिन्हें विलेन होने के बाद भी दर्शक दिल से चाहते थे। मध्यप्रदेश टीकमगढ़ में आज ही के दिन प्रेमनाथ 21 नवम्बर 1926 को पैदा हुए थे। 1947 में फिल्म दौलत के लिए से अपना फिल्मी कैरियर शुरू करने वाले प्रेमनाथ ने देश प्रेमी, क्रोधीजगीरा धन दौलत गेस्ट हॉउस, ढ़ोंगी, जानी दुश्मन, मुकाबला, गौतम गोविन्दा, विश्वनाथ, हीरालाल पन्नालाल, शालीमार, चाँदी सोना, चला मुरारी हीरो बनने, जादू टोना, दरिन्दा,फरिश्ता या कातिल, शिरडी के साईं बाबा, जानेमन, दस नम्बरी, आप बीती, जय बजरंग बली, नागिन, कालीचरण, धर्मात्मा, सन्यासी,धरम करम, दफा 302, धोती लोटा और चौपाटी आदि लगभग 70-80 फिल्मों में काम किया।

ये भी पढ़ें: Birthday Special: नेहा शर्मा की ये बातें नहीं जानते होंगे आप, ऐसा है फिल्मी सफर

अमिताभ बच्चन-जया भादुड़ी की फिल्म ‘अभिमान’ की स्टोरी एक्ट्रेस बीना राय और एक्टर प्रेमनाथ की लाइफ से इंस्पायर्ड थी. इसकी स्टोरी का मैसेज था कि पति-पत्नी यदि एक ही पेशे में होते हैं तो उनमें प्रतिस्पर्धा का भाव पैदा होना स्वाभाविक है।

शादी के बाद करियर पूरी तरह से चरमरा गया

शादी के बाद प्रेमनाथ का करियर पूरी तरह से चरमरा गया। लेकिन उनकी बीवी बीना राय ‘अनारकली’, ‘ताजमहल’ और ‘घूंघट’ जैसी हिट फिल्में कीं. बीना शोहरत की ऊंचाईयों पर पहुंच गईं। प्रेमनाथ का करियर इस दौर में पहुंच गया कि उनकी पहचान बीना राय के नाम से की जाने लगी।

1970 तक प्रेमनाथ अपने करियर के बुरे दौर से निकलने की कोशिश कर रहे थे तो बीना ‘तीसरी मंजिल’, ‘बहारों के सपने’ और ‘आम्रपाली’ जैसी हिट फिल्में कर रही थीं। 1970 में विजय आनंद की फिल्म ‘जॉनी मेरा नाम’ ने उनके कैरियर को नई उंचाईयां दी। फिर प्रेमनाथ ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

प्रेमनाथ की बहन का विवाह निर्माता निर्देशक और अभिनेता राजकपूर से हुआ था। इसलिए राजकपूर उन्हे अपनी हर फिल्म में लेते थें। इसके अलावा मनोज कुमार की भी फिल्मों में प्रेमनाथ को खूब मौका मिला।

मधुबाला के लिए हमेशा दिल में जगह बनी रही

प्रेमनाथ ने ‘धर्मात्मा’, ‘बॉबी’, ‘कालीचरण’ और ‘कर्ज’ जैसी हिट फिल्मों की झड़ी लगा दी थी। कभी मधुबाला से इश्क के बाद उनसे शादी की चाहत रखने वाले प्रेमनाथ बहुत भावुक और उदार व्यक्ति थे। शायद धर्म के कारण मधुबाला से उनकी शादी नहीं हो पाई, फिर भी उनके दिल में हमेशा मधुबाला के लिए जगह बनी रही।

ये भी पढ़ें: मुश्किल में करण जौहर: मधुर भंडारकर ने लगाया बड़ा आरोप, किया ये ट्वीट

प्रेमनाथ जब बडे़ हुए और पिता की मर्जी के खिलाफ अभिनय करने मुंबई चले गए। 1952 में उन्होंने एम्पायर टाकीज खरीद ली। मालिक बनने के बाद जब प्रेमनाथ ने टाकीज का उद्घाटन किया तो प्रेमनाथ ने कुर्सी से उठकर झापड़ मारने वाले टिकिट चेकर को बिठाया और फूलमाला पहनाकर उसका स्वागत किया और टिकिट चेकर को गले लगाया और उससे बोले यदि तुमने मुझे झापड़ मार कर भगाया न होता तो आज मैं इस एम्पायर टाकीज का मालिक नहीं बनता।

दरअसल बचपन में बिना टिकट के दीवाल फांदकर प्रेमनाथ टाकीज के अंदर आ गए थें तब टिकट चेकर ने उन्हे कुर्सी से उठाकर थप्पड मारकर भगा दिया था। उस समय प्रेमनाथ ने कहा कि था कि देखना एक न एक दिन यह टाकीज खरीदूंगा।

श्रीधर अग्निहोत्री

Newstrack

Newstrack

Next Story