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कई कांटों से गुजरे मनोज बाजपेयी, कभी करना चाहते थे सुसाइड, पत्नी ने दिया था तलाक
मनोज बाजपेयी के प्रोफेशनल जीवन से हटकर पर्सनल जीवन की बात करें तो वह भा आसान नहीं थी। मनोज ने अपने स्ट्रगलिंग के दौर में दिल्ली की एक लड़की से शादी की थी,
लखनऊ : बिहार के पश्चिमी चंपारण के एक छोटे से गाँव बेलवा से निकलकर मनोज बाजपेयी ने मुंबई तक का सफर तय किया। आज एक स्थापित अभिनेता के रुप में उनकी पहचान है। लेकिन जान लें कि आज के स्टार मनोज के लिए चंपारण की गलियों से निकलकर बॉलीवुड तक का सफ़र बहुत संघर्ष भरा रहा है।
बहुत मुश्किल से हुई पढाई-लिखाई
23 अप्रैल 1969 को जन्मे मनोज बाजपेयी अपने 6 भाई बहनों में दूसरे नंबर पर आते है। इनके पिता एक किसान थे जबकि मां हाउस वाइफ थी। ये बचपन से ही फिल्म अभिनेता बनना चाहते थे लेकिन इनके परिवार की स्थिति ऐसी थी की बहुत मुश्किल से ही इनकी पढाई-लिखाई पूरी हो पाई । नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से मनोज बाजपेयी के चार बार खारिज किया गया है। बाद में बैरी जॉन के साथ थियेटर किया।
मनोज बाजपेयी ने थिएटर से टीवी और फिल्मों तक का बड़ा लंबा सफर तय किया है। अपने रोल के प्रति उनकी खास अप्रोच उनके किरदारों को यादगार बनाती है। मनोज वाजपेयी की आज लाइफ जितनी शानदार और हसीन है। उसके लिए कहा जाता है कि उन्होंने बहुत से मुश्किल दौर देखें।
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पत्नी से 2 महीने में तलाक
मनोज बाजपेयी के प्रोफेशनल जीवन से हटकर पर्सनल जीवन की बात करें तो वह भा आसान नहीं थी। मनोज ने अपने स्ट्रगलिंग के दौर में दिल्ली की एक लड़की से शादी की थी, लेकिन दोनों की शादी लंबे समय तक नहीं चल पाई। कहा जाता है कि मनोज और उनकी पहली पत्नी 2 महीने में ही अलग हो गए थे। उनके अलग होने की वजह मनोज का स्ट्रगलिंग टाइम है।
सुसाइड करने वाले थे एक्टर
मनोज बाजपेयी का संघर्ष हम सबके लिये मिसाल है।उन्होंने एनएसडी की पढ़ाई से लेकर दिल्ली के स्ट्रगल तक घर से एक पैसा नहीं लिया था। बता दें कि मनोज बाजपेयी को एनएसडी ने चार बार रिजेक्ट किया था इसके बाद उन्होंने सुसाइड का मन बना लिया था, लेकिन बाद में दोस्तों के समझाने के बाद वे नुक्कड़-नाटक में एक्टिंग करते रहे।
उन्होंने नुक्कड़ नाटकों के साथ थिएटर भी करना शुरू कर दिया । उन्होंने एक मिनट की फिल्म ‘द्रोहकाल'(1994) से बतौर एक्टर डेब्यू किया। सत्या, शूल, जुबैदा, पिंजर, अलीगढ़ ऐसी ही कई कमाल की फिल्में देने वाले मनोज बाजपेयी को बचपन से ही थिएटर का शौक था और एनएसडी के बाद तो एक अलग ही मनोज नजर आने लगे थे।
यादगार फिल्म में काम मिला
साल(1994) में बैंडिट क्वीन जैसी यादगार फिल्म में काम मिला । लेकिन ये सभी फिल्में उन्हें कोई खास फायदा नहीं दे पाईं। करीब चार साल मेहनत के बाद साल 1998 उनकी जिंदगी में ‘सत्या’ आई। इस फिल्म में गैंगस्टर भीकू मात्रे के रोल में दिखा दिया कि मनोज बाजपेयी कितना दम रखते हैं।
इसके बाद मनोज बाजपेयी ने साल 2006 में बॉलीवुड एक्टर नेहा से शादी की। नेहा का असली नाम शबाना रजा है।नेहा ने फिल्म ‘करीब’ से बॉलीवुड में साल 1998 में एंट्री की थी। इस फिल्म में वो अभिनेता बॉबी देओल के अपोजिट नजर आईं थीं। फिल्म ‘करीब’ के डायरेक्टर विधू विनोद चोपड़ा ने उनका नाम बदलकर नेहा रखा था। इसके बाद अब ज्यादातर लोग उन्हें नेहा नाम से ही जानते हैं।
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करीब की नेहा को लाएं जीवन में
मनोज और नेहा ने फिल्म ‘करीब’ के रिलीज होने के बाद ही एक- दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था। दोनों ने साल 1998 में डेटिंग शुरू की थी। लगभग 7 साल एक दूसरे को डेट करने के बाद साल 2006 में दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद नेहा ने 1-2 फिल्मों में ही काम किया और फिलहाल वो बॉलीवुड से दूर हैं। दोनों की एक बेटी भी है जिसका नाम अवा नायला है।
मनोज बाजपेयी ने कई यादगार और बेहतरीन शॉर्ट फ़िल्मों में भी काम किया है। कीर्ति इस शॉर्ट फ़िल्म में मनोज बाजपेयी नजर आए हैं राधिका आप्टे और नेहा शर्मा के साथ। बता दें कि ये शॉर्ट फ़िल्म काफी कॉन्ट्रोवर्सी में रही। इसके बावजूद लोगों ने इसको खूब पसंद किया।
परफॉर्मेंस को खूब तारीफें
मनोज बाजपेयी के आने वाली फिल्मों की बात करें तो वह लव सोनिया, इन दि शैडो, सोन चिरैया और सत्यमेव जयते में नजर आने वाले हैं। बाघी-2 और अय्यारी में उनकी परफॉर्मेंस को खूब तारीफें मिली थीं। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर ‘मुंबई में का बा’... भोजपुरी रैप में मनोज बाजपेयी छाए रहे। आज उनकी कोरोना की खबर से उनके फैंस में निराशा जरूर है।लेकिन एक उम्मीद और दुआ है कि एक बार फिर बीमारी की जंग से लड़कर बॉलीवुड का यह बेहतरीन और उम्दा एक्टर उठ खड़ा होगा। तब तक सब उनकी सलामती की दुआ करें।
लखनऊ : बिहार के पश्चिमी चंपारण के एक छोटे से गाँव बेलवा से निकलकर मनोज बाजपेयी ने मुंबई तक का सफर तय किया। आज एक स्थापित अभिनेता के रुप में उनकी पहचान है। लेकिन जान लें कि आज के स्टार मनोज के लिए चंपारण की गलियों से निकलकर बॉलीवुड तक का सफ़र बहुत संघर्ष भरा रहा है।
बहुत मुश्किल से हुई पढाई-लिखाई
23 अप्रैल 1969 को जन्मे मनोज बाजपेयी अपने 6 भाई बहनों में दूसरे नंबर पर आते है। इनके पिता एक किसान थे जबकि मां हाउस वाइफ थी। ये बचपन से ही फिल्म अभिनेता बनना चाहते थे लेकिन इनके परिवार की स्थिति ऐसी थी की बहुत मुश्किल से ही इनकी पढाई-लिखाई पूरी हो पाई । नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा से मनोज बाजपेयी के चार बार खारिज किया गया है। बाद में बैरी जॉन के साथ थियेटर किया।
मनोज बाजपेयी ने थिएटर से टीवी और फिल्मों तक का बड़ा लंबा सफर तय किया है। अपने रोल के प्रति उनकी खास अप्रोच उनके किरदारों को यादगार बनाती है। मनोज वाजपेयी की आज लाइफ जितनी शानदार और हसीन है। उसके लिए कहा जाता है कि उन्होंने बहुत से मुश्किल दौर देखें।
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पत्नी से 2 महीने में तलाक
मनोज बाजपेयी के प्रोफेशनल जीवन से हटकर पर्सनल जीवन की बात करें तो वह भा आसान नहीं थी। मनोज ने अपने स्ट्रगलिंग के दौर में दिल्ली की एक लड़की से शादी की थी, लेकिन दोनों की शादी लंबे समय तक नहीं चल पाई। कहा जाता है कि मनोज और उनकी पहली पत्नी 2 महीने में ही अलग हो गए थे। उनके अलग होने की वजह मनोज का स्ट्रगलिंग टाइम है।
सुसाइड करने वाले थे एक्टर
मनोज बाजपेयी का संघर्ष हम सबके लिये मिसाल है।उन्होंने एनएसडी की पढ़ाई से लेकर दिल्ली के स्ट्रगल तक घर से एक पैसा नहीं लिया था। बता दें कि मनोज बाजपेयी को एनएसडी ने चार बार रिजेक्ट किया था इसके बाद उन्होंने सुसाइड का मन बना लिया था, लेकिन बाद में दोस्तों के समझाने के बाद वे नुक्कड़-नाटक में एक्टिंग करते रहे।
उन्होंने नुक्कड़ नाटकों के साथ थिएटर भी करना शुरू कर दिया । उन्होंने एक मिनट की फिल्म ‘द्रोहकाल'(1994) से बतौर एक्टर डेब्यू किया। सत्या, शूल, जुबैदा, पिंजर, अलीगढ़ ऐसी ही कई कमाल की फिल्में देने वाले मनोज बाजपेयी को बचपन से ही थिएटर का शौक था और एनएसडी के बाद तो एक अलग ही मनोज नजर आने लगे थे।
यादगार फिल्म में काम मिला
साल(1994) में बैंडिट क्वीन जैसी यादगार फिल्म में काम मिला । लेकिन ये सभी फिल्में उन्हें कोई खास फायदा नहीं दे पाईं। करीब चार साल मेहनत के बाद साल 1998 उनकी जिंदगी में ‘सत्या’ आई। इस फिल्म में गैंगस्टर भीकू मात्रे के रोल में दिखा दिया कि मनोज बाजपेयी कितना दम रखते हैं।
इसके बाद मनोज बाजपेयी ने साल 2006 में बॉलीवुड एक्टर नेहा से शादी की। नेहा का असली नाम शबाना रजा है।नेहा ने फिल्म ‘करीब’ से बॉलीवुड में साल 1998 में एंट्री की थी। इस फिल्म में वो अभिनेता बॉबी देओल के अपोजिट नजर आईं थीं। फिल्म ‘करीब’ के डायरेक्टर विधू विनोद चोपड़ा ने उनका नाम बदलकर नेहा रखा था। इसके बाद अब ज्यादातर लोग उन्हें नेहा नाम से ही जानते हैं।
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करीब की नेहा को लाएं जीवन में
मनोज और नेहा ने फिल्म ‘करीब’ के रिलीज होने के बाद ही एक- दूसरे को डेट करना शुरू कर दिया था। दोनों ने साल 1998 में डेटिंग शुरू की थी। लगभग 7 साल एक दूसरे को डेट करने के बाद साल 2006 में दोनों ने शादी कर ली। शादी के बाद नेहा ने 1-2 फिल्मों में ही काम किया और फिलहाल वो बॉलीवुड से दूर हैं। दोनों की एक बेटी भी है जिसका नाम अवा नायला है।
मनोज बाजपेयी ने कई यादगार और बेहतरीन शॉर्ट फ़िल्मों में भी काम किया है। कीर्ति इस शॉर्ट फ़िल्म में मनोज बाजपेयी नजर आए हैं राधिका आप्टे और नेहा शर्मा के साथ। बता दें कि ये शॉर्ट फ़िल्म काफी कॉन्ट्रोवर्सी में रही। इसके बावजूद लोगों ने इसको खूब पसंद किया।
परफॉर्मेंस को खूब तारीफें
मनोज बाजपेयी के आने वाली फिल्मों की बात करें तो वह लव सोनिया, इन दि शैडो, सोन चिरैया और सत्यमेव जयते में नजर आने वाले हैं। बाघी-2 और अय्यारी में उनकी परफॉर्मेंस को खूब तारीफें मिली थीं। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर ‘मुंबई में का बा’... भोजपुरी रैप में मनोज बाजपेयी छाए रहे। आज उनकी कोरोना की खबर से उनके फैंस में निराशा जरूर है।लेकिन एक उम्मीद और दुआ है कि एक बार फिर बीमारी की जंग से लड़कर बॉलीवुड का यह बेहतरीन और उम्दा एक्टर उठ खड़ा होगा। तब