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रोया पूरा बॉलीवुड! नहीं रहे हॉरर फिल्मों के दिग्गज शख्सियत
बॉलीवुड को गेस्ट हाउस, सामरी, बंद दरवाजा, पुरानी हवेली और वीराना जैसी होर्रेर फिल्में देने वाले निर्देशक श्याम रामसे का आज 18 सितम्बर बुधवार सुबह निधन हो गया। काफी समय से वो निमोनिया की समस्या से जूझ रहे थे। वह अपने पीछे दो बेटियों साशा और नम्रता को छोड़ गए हैं।
मुंबई: बॉलीवुड को गेस्ट हाउस, सामरी, बंद दरवाजा, पुरानी हवेली और वीराना जैसी होर्रेर फिल्में देने वाले निर्देशक श्याम रामसे का आज 18 सितम्बर बुधवार सुबह निधन हो गया। काफी समय से वो निमोनिया की समस्या से जूझ रहे थे। वह अपने पीछे दो बेटियों साशा और नम्रता को छोड़ गए हैं। रामसे ब्रदर्स में से एक श्याम रामसे हॉरर फिल्में बनाने के लिए मशहूर थे। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक 67 वर्षीय श्याम रामसे का अंतिम संस्कार मुंबई के विले पार्ले क्रिमेटोरियम में किया जाएगा।
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90 के दशक में रामसे ब्रदर्स ने भारतीय सिनेमा में ढेरों हॉरर फिल्में बनाई हैं। एक समय में वे हॉरर जॉनर पर रूल किया करते थे। अगर श्याम रामसे के डायरेक्शन में बनी फिल्मों की लिस्ट देखेंगे तो उनमें से अधिकतर हॉरर ही हैं। सोशल साइट पर फिल्ममेकर सुमित काडेल ने लिखा, ''रेस्ट इन पीस श्याम रामसे जी। उन्होंने हमें ढेरों यादगार हॉरर फिल्में दी हैं। उनके परिवार को दिल से सहानुभूति।'' अतुल मोहन ने भी अपने ट्वीट में श्याम रामसे को श्रद्धांजलि दी है।
अतुल मोहन ने लिखा, "बुरी खबर है। हॉरर फिल्मों के किंग, श्याम रामसे आज सुबह निमोनिया से कई दिनों तक लड़ने के बाद 67 साल की उम्र में गुजर गए हैं। 17 मई 1952 को जन्मे श्याम ने बंद दरवाजा और वीराना समेत कुल 30 फिल्मों का निर्देशन किया था। वह टीवी सीरीज जी हॉरर के लिए भी जाने जाते हैं।" उनके परिवार के एक सदस्य ने बताया, "उन्हें बुधवार को अस्पताल में भर्ती किया गया था क्योंकि वह स्वस्थ महसूस नहीं कर रहे थे।"
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अतुल मोहन ने बताया, "उनके परिवार के सदस्यों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती किया था। अस्पताल में ही निमोनिया के चलते उनका निधन हो गया।" श्याम फिल्मों का निर्देशन करने के अलावा फिल्मों की एडिटिंग का काम भी संभाला करते थे। उनके द्वारा एडिट की गई फिल्मों में वीराना, खेल मोहब्बत का, टेलीफोन, पुराना मंदिर, घुंघरू की आवाज, दहशत, सबूत और गेस्ट हाउस शामिल हैं।" इनमें से अधिकतर फिल्में उनके द्वारा ही निर्देशित की हुई हैं जो ये बताती हैं कि वह अपनी फिल्मों का निर्देशन और एडिटिंग खुद ही करते थे।