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एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा....1942 अ लव स्टोरी, को हुए आज 25 साल
सन 1994 में आयी इस फिल्म में अनिल कपूर और मनीषा कोईराला मुख्य भूमिका में थे और इस फिल्म 1942 अ लव स्टोरी की रिलीज को आज 25 साल हो गए हैं। और इस फिल्म की मेकिंग से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं।
मुम्बई: 1942 अ लव स्टोरी का वो गाना... एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा.... जिसको जवान तो जवान, बच्चे और भी गुनगुनाते थे यह ऐसा गाना है कि सबको पता है कि इसको कब गुनगुनाना है और मौका मौसम देखते ही यह गाना अपने आप दिल से होते हुए होंठों पर ये तराना तैरने लगता है, ये तो हुआ इस गाने को लेकर इसके सुनने और गुनगुनाने वालों के मन की बात।
अब हम आपको बताते हैं इस गाने कि रिकार्डिंग के समय की दिलचस्प कहानी
सन 1994 में आयी इस फिल्म में अनिल कपूर और मनीषा कोईराला मुख्य भूमिका में थे और इस फिल्म 1942 अ लव स्टोरी की रिलीज को आज 25 साल हो गए हैं। और इस फिल्म की मेकिंग से जुड़े कई किस्से मशहूर हैं।
हम आपको बता दें कि उन्हीं में से एक किस्सा शेविंग से जुड़ा है। दरअसल विधु विनोद चाेपड़ा ने एक लड़की को देखा... को गाने से पहले कुमार सानू को घर वापस भेज दिया था। वजह सिर्फ इतनी थी कि वे रिकॉर्डिंग से पहले बिना शेव किए चले गए थे। जबकि विधु विनोद चाहते थे कि गाना यंग साउंड करे, इसलिए रिकार्डिंग रोक दी गई। और जब कुमार सानू अगले दिन शेव करके आये तब जाकर गाना कम्पलीट हुआ था।
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फिल्म से जुड़े खास किस्से और भी हैं
मुंबई के मेट्रो सिनेमा में फिल्म का प्रीमियर था। 9.30 बजे से होने वाला प्रीमियर 5 मिनट देर से शुरू हुआ। विधु विनोद ने थिएटर के सारे दरवाजे 9.35 पर बंद करवा दिए। उनका कहना था कि इस फिल्म के लिए उन्होंने अपने चार साल दिए हैं। वे नहीं चाहते कि लोग बीच में आकर दूसरे दर्शकों को डिस्टर्ब करें। ऐसा करने के कारण थिएटर के बाहर कई सेलेब्स इंतजार ही करते रह गए थे।
फिल्म रिलीज से पहले नहीं रहे पंचम
महान म्यूजिक डायरेक्टर आरडी बर्मन को इस फिल्म के बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का तीसरा फिल्म फेयर अवॉर्ड मिला था। हालांकि फिल्म रिलीज से चार महीने पहले ही उनका निधन हो गया था। पंचम दा के जाने के बाद उनके असिस्टेंट बासु-मनोहर ने फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर तैयार किया था। फिल्म में लता मंगेशकर ने गाना कुछ न कहो, पंचम के निधन के बाद ही रिकॉर्ड किया था।
माधुरी थीं लीड एक्ट्रेस
फिल्म की लीड एक्ट्रेस रज्जो, माधुरी दीक्षित प्ले करने वाली थीं। जावेद अख्तर ने एक लड़की को देखा गाना उन्हें ही ध्यान में रखकर लिखा था। लेकिन बाद में मनीषा को यह रोल मिला। खास बात यह थी कि इस रोल के लिए हुए ऑडिशन में मनीषा पहले अटैम्प्ट में फेल हो गईं थीं। उन्हें दूसरे अटैम्प्ट में सफलता मिली और बाद में यह रोल भी उन्होंने ने ही प्ले किया।
लंदन से लाए थे डॉल्बी स्टीरियो साउंड
विधु विनोद चोपड़ा इस फिल्म के लिए डॉल्बी साउंड लेने लंदन गए थे। यह पहली हिंदी फिल्म थी जिसमें डॉल्बी स्टीरियो साउंड का प्रयोग हुआ था। फिल्म की कहानी 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन पर आधारित थी। आजादी से पहले के भारत की कहानी दिखाने के लिए इसकी शूटिंग चम्बा के डलहौजी, खज्जर और काला टॉप में हुई थी।
इस फिल्म का गाना 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा' तो काफी हिट हुआ, लेकिन साथ ही साथ इसके और भी सारे गाने काफी पसंद किये गए थे जो इस प्रकार हैं ।
1"एक लड़की को देखा" कुमार सानु
2"कुछ न कहो" (उदासीन) लता मंगेशकर
3"कुछ न कहो" (कोरस)
4"कुछ न कहो" कुमार सानु
5"प्यार हुआ चुपके से" कविता कृष्णमूर्ति
6"रिम झिम रिम झिम" कुमार सानु, कविता कृष्णमूर्ति
7"रूठ ना जाना" कुमार सानु
8"ये सफर" शिवाजी चट्टोपाध्याय
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फिल्म के मुख्य कलाकार जो इस प्रकार हैं
अनिल कपूर - नरेन सिंह
मनीषा कोइराला - राजेश्वरी "रज्जो" पाठक
जैकी श्रॉफ - शुभंकर
अनुपम खेर - रघुवीर पाठक
डैनी डेन्जोंगपा - मेजर बिष्ट
प्राण - अबीद अली बेग
चांदनी - चंदा
रघुवीर यादव - मुन्ना
सुषमा सेठ - गायत्री देवी सिंह
मनोहर सिंह - दीवान हरि सिंह
आशीष विद्यार्थी - आशुतोष
ब्रायन ग्लोवर - जनरल डगलस
हम आपको फिल्म को मिले नामांकन और पुरस्कारों के बारे में भी बता ही देते हैं
1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार - जैकी श्रॉफ
1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार - कुमार सानु
1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार - कविता कृष्णमूर्ति
1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ संगीतकार पुरस्कार - राहुल देव बर्मन
1995 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार - जावेद अख्तर
तो इतना सब कुछ जानने के बाद आपका फर्ज बनता है कि इस फिल्म को फिर से देखिये और अपनी 25 साल पुरानी यादों को तरोताजा कर लीजिये और फिर गुनगुनाइए कि "एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा...............