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Adipurush Controversy: आदिपुरुष ने पैदा की भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास, ये है विवाद की असल वजह

Adipurush Controversy: फिल्म आदिपुरुष का विवाद अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं रह गया है, पड़ोसी देश नेपाल में भी इसकी तीखी आलोचना हो रही है।

Krishna Chaudhary
Published on: 18 Jun 2023 7:23 AM GMT
Adipurush Controversy: आदिपुरुष ने पैदा की भारत और नेपाल के रिश्तों में खटास, ये है विवाद की असल वजह
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Adipurush Controversy (Image: Social Media)

Adipurush Controversy: महाकाव्य रामायण को आधुनिक स्टाइल में दर्शकों के सामने पेश करने का दावा करने वाली फिल्म आदिपुरुष को लेकर इन दिनों जबरदस्त हंगामा बरपा हुआ है। एक तरफ जहां फिल्म बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ कमाई कर रही है, वहीं दूसरी तरफ फिल्म को लेकर नए-नए विवाद सामने आ रहे हैं। धार्मिक से लेकर राजनीतिक संगठन तक फिल्म की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। मामला कोर्ट तक पहुंच चुका है। विवाद अब केवल भारत तक ही सीमित नहीं रह गया है, पड़ोसी देश नेपाल में भी इसकी तीखी आलोचना हो रही है।

भारत में जहां आदिपुरूष में दिखाए गए कैरेक्टरों, वीएफएक्स और घटिया डायलॉग्स को लेकर बवाल मचा हुआ है, वही नेपाल में इसके पीछे की वजह कुछ और ही है। मामला इतना गंभीर है कि राजधानी काठमांठू के सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन को रोक दिया गया है। काठमांठू के मेयर ने तो शहर में किसी अन्य भारतीय फिल्म को रिलीज न होने की धमकी तक दे डाली है। तो आइए जानते हैं कि आदिपुरूष के किस बात को लेकर नेपाल इतना भड़का हुआ है।

सीता माता से जुड़े डायलॉग पर नेपाल की सख्त आपत्ति

पौराणिक फिल्म आदिपुरूष में माता सीता को भारत की बेटी बताया गया है। जो बात नेपालियों को नागवार गुजरी है। काठमाठूं के मेयर बालेंद्र शाह ‘बलेन’ ने गुरूवार को इस पर सख्त आपत्ति दर्ज कराते हुए फिल्म मेकर्स को माता सीता के जन्मस्थान को लेकर की गई गलती को ठीक करने की चेतावनी दे डाली। उन्होंने कहा कि अगर इस गलती को ठीक नही किया गया तो काठमांठू में किसी भी भारतीय फिल्म की स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस विवाद के बाद नेपाल के सेंसर बोर्ड ने देश में आदिपुरूष की स्क्रीनिंग की अनुमति को वापस ले लिया है।

माता सीता को लेकर क्या है विवाद ?

नेपाल और भारत के बीच माता सीता के जन्मस्थान को लेकर लंबे समय से मतभेद है। समय-समय पर यह विवाद जोर भी पकड़ता रहा है। इसके कारण दोनों देशो के रिश्तों में खटास भी आ चुकी है। दरअसल, नेपाल सरकार का कहना है कि माता सीता का जन्म नेपाल के तराई वाले क्षेत्र जनकपुर में हुआ था। जहां आज भव्य जानकी मंदिर स्थित है। वहीं, भारत का कहना है कि सीता माता का जन्म नेपाल की सीमा से सटे बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिले में हुआ था।

ऐताहिसक तथ्य क्या हैं ?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा जनक मिथिलांचल साम्राज्य के राजा थे। जो झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र से लेकर नेपाल के तराई क्षेत्र तक फैला था। मिथिला की राजधानी जनकपुर थी। राजा जनक के ही नाम पर इसका नाम जनकपुर पड़ा था। राजा जनक की पुत्री होने के कारण ही माता सीता को जानकी भी कहा जाता है। भारत के बिहार में नेपाल की सीमा से सटा एक जिला है सीतामढ़ी। यहां एक पुनौरा धाम है। तमाम धार्मिक गंथ्रों के मुताबिक, यही वो पुनौरा धाम है, जहां राजा जनक को हल चलाते हुए मिट्टी का घड़ा मिला था। इसी में माता सीता के रूप में उन्हें पुत्री की प्राप्ति हुई। इसलिए यहां के लोग माता सीता को भारत की बेटी ही कहते हैं।

वहीं, नेपाल के लोगों की राय इससे अलग है। नेपाल के लोग सीता माता को भारत की बेटी मानने को बिल्कुल तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि राजा जनक की पुत्री होने के कारण सीता नेपाल की बेटी हैं। जनकपुर में स्थित माता सीता का जानकी मंदिर इसकी गवाही देता है।

भगवान राम पर भी हो चुका है बवाल

माता सीता के अलावा उनके पति और भगवान श्री राम के जन्मस्थान को लेकर भी भारत और नेपाल में विवाद हो चुका है। तत्कालीन नेपाली पीएम केपी शर्मा ओली ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा था कि भगवान श्री राम का जन्म भारत के अयोध्या में नहीं बल्कि नेपाल के अयोध्या में हुआ था। भगवान राम असल में नेपाल के हैं। भारत ने नकली अयोध्या कर नेपाल के सांस्कृतिक तथ्यों का अतिक्रमण किया है। ओली ने दावा करते हुए कहा था कि भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश में नहीं बल्कि नेपाल के वाल्मिकि आश्रम के पास है।

केपी ओली के इस बयान पर भारत में खूब बवाल मचा था। तमाम साधु संतों और हिंदू संगठनों ने सड़क उतरकर उनका विरोध किया था। रामदल ट्रस्ट के अध्यक्ष रामदास महाराज ने वेद और पुराण का जिक्र करते हुए कहा कि नेपाल में सरयू नदी का जिक्र ही नहीं है, जिसके तट पर बसे अयोध्या में भगवान श्रीराम ने जन्म लिया था।

काठमांठू का मेयर नेपाल में बना विरोध का चेहरा

फिल्म आदिपुरूष को राजधानी काठमांठू में रिलीज न होने देने के बाद से मेयर बालेंद्र शाह ‘बलेन’ सुर्खियों में हैं। उन्होंने शहर में अन्य भारतीय फिल्मों को भी रोकने की धमकी दी है। रैपर से राजनेता बने बालेंद्र शाह ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर मेयर पद का चुनाव जीता था। शाह अब नेपाल में भारत विरोध का बड़ा चेहरा बनने की कोशिश कर रहे हैं। सियासी जानकारी मानते हैं कि वे पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली के नक्शेकदम पर चल रहे हैं। इससे पहले उनका एक और कदम काफी खबरों में रहा था।

भारत में बनी नई संसद के अंदर अखंड भारत का नक्शा लगाए जाने के जवाब में मेयर बालेंद्र शाह ‘बलेन’ ने अपने कार्यालय में ग्रेटर नेपाल का नक्शा लगाया था। अखंड भारत के नक्शे में नेपाल के हिस्से में पड़ने वाले कपिलवस्तु और लुंबिनी को दिखाया गया है। जिसके जवाब में उन्होंने अपने नक्शा में यूपी, बिहार और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों को दिखाया है।

Krishna Chaudhary

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