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आज के दिन हुआ था दादा साहेब फाल्के का निधन, ये थी उनकी डेब्यू फिल्म

भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले धुंडीराज गोविंद यानी दादा साहेब फाल्के का आज ही के दिन निधन हुआ था। वह एक भारतीय निर्माता-निर्देशक और स्क्रीन राइटर थे।

Monika
Published on: 16 Feb 2021 12:59 PM IST
आज के दिन हुआ था दादा साहेब फाल्के का निधन, ये थी उनकी डेब्यू फिल्म
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आज के दिन हुआ था दादा साहब फाल्के का निधन, ये थी उनकी डेब्यू फिल्म

मुंबई: भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले धुंडीराज गोविंद यानी दादा साहेब फाल्के का आज ही के दिन निधन हुआ था। वह एक भारतीय निर्माता-निर्देशक और स्क्रीन राइटर थे। उनकी पहली फिल्म, राजा हरिश्चंद्र, 1913 में पहली भारतीय फिल्म थी, और अब इसे भारत की पहली पूर्ण लंबाई वाली फीचर फिल्म के रूप में जाना जाता है।

इन फिल्मों का किया निर्माण

दादा साहेब फाल्के का नाम इतिहास में कई बड़ी हस्तियों के नाम के साथ दर्ज है। दादा साहेब फाल्के का जन्म 30 मई 1870 में हुआ था। उन्होंने अपने करियर में 95 फीचर-लेंथ फिल्में और 27 लघु फिल्में बनाईं, 19 साल तक, 1937 तक, जिसमें उनकी सबसे प्रसिद्ध रचनाएं थीं: मोहिनी भस्मासुर (1913), सत्यवान सावित्री (1914), लंका दहन (1917), श्री कृष्ण जन्म ( 1918) और कालिया मर्दन (1919) बनाई ।

मुंबई को छोड़ काशी पहुंचे थे दादा साहब

आपको बता दें, इनके नाम पर दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, भारत सरकार द्वारा सिनेमा में आजीवन योगदान के लिए दिया गया, उनके सम्मान में नामित किया गया है। दादासाहेब फाल्के का मन जब फिल्म निर्माण से ऊब गया तो मायानगरी मुंबई को छोड़ काशी में आकर करीब दो साल तक 'रंगभूमि नाटक तैयार करने में लगे रहे। यहीं उनके खिन्न मन को शांति मिली और दोबारा अपनी फिल्मों से दुनिया को चकित कर दिए। इसी के बाद वह विश्वप्रसिद्ध नाटककार और चलचित्र के आजीवन गुरु बने रहे। इस महानता के पीछे बनारस में ब्रह्माघाट और दुर्गा घाट तक गुमनाम जीवन बिताना काफी अहम साबित हुआ। दादा साहब फाल्के की आटोबायोग्राफी के अनुसार जब बनारस में उनके नाटक का लेखन पूरा हो रहा था, तब बनारस में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक भी मौजूद थे।

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बनारस के राजा से मुलाक़ात

दादा साहब ने बनारस के राजा हरिश्चंद्र से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भारत की पहली फिल्म ही बना डाली। जब पूरी दुनिया रोमियो-जूलियट की फिल्मों में व्यस्त थी तब वह भारतीय सिनेमा में पौराणिक कथाओं और उनके आध्यात्मिक किरदारों को पेश करने में लगे हुए थे।

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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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