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आज से टीवी पर शुरू होगा 'श्रीकृष्ण', जानिए क्या है उनके जीवन में '8' का संयोग
लॉकडाउन के कारण टीवी पर इन दिनों पुराने शोज का प्रसारण हो रहा है। लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही दूरदर्शन पर रामायण शुरू हो गई थी। इसे फैंस ने बहुत प्यार दिया। फैंस ने शो को नंबर वन बना दिया।
लखनऊ: लॉकडाउन के कारण टीवी पर इन दिनों पुराने शोज का प्रसारण हो रहा है। लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही दूरदर्शन पर रामायण शुरू हो गई थी। इसे फैंस ने बहुत प्यार दिया। फैंस ने शो को नंबर वन बना दिया।
रामायण के बाद उत्तर रामायण शुरू हुई। 2 मई को उत्तर रामायण का आखिरी एपिसोड था। उत्तर रामायण का आखिरी एपिसोड सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड किया। रामायण के खत्म होने के चलते फैंस उदास भी हैं। अब रामायण के बाद रामानंद सागर का फेमस शो श्रीकृष्णा का री-टेलीकास्ट होगा।
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कृष्ण जन्म और मृत्यु के समय ग्रह-नक्षत्रों की जो स्थिति थी उस आधार पर ज्योतिषियों अनुसार कृष्ण की आयु 119-33 वर्ष आंकी गई है। उनकी मृत्यु एक बहेलिए के तीर के लगने से हुई थी। युद्ध के बाद जब यदुवंशियों के कुल का नाश हो गया था तब कृष्ण जंगल में चले गए थे, जहां वे विश्राम कर रहे थे तभी बहेलिए ने उनके पैर को देखकर हिरण समझा और तीर मार दिया।
पुराणों अनुसार आठवें अवतार के रूप में विष्णु ने यह अवतार आठवें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के अट्ठाईसवें द्वापर में श्रीकृष्ण के रूप में देवकी के गर्भ से आठवें पुत्र के रूप में मथुरा के कारागार में जन्म लिया था। उनका जन्म भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के सात मुहूर्त निकलने के बाद आठवें मुहूर्त में हुआ।
तब रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि थी जिसके संयोग से जयंती नामक योग में लगभग 3112 ईसा पूर्व (अर्थात आज से 5125 वर्ष पूर्व) को हुआ हुआ। ज्योतिषियों अनुसार रात 12 बजे उस वक्त शून्य काल था।
कृष्ण जन्म के दौरान आठ का जो संयोग बना उसमें क्या कोई रहस्य छिपा है। गौरतलब है कि कृष्ण की आठ ही पत्नियां थी। आठ अंक का उनके जीवन में बहुत महत्व रहा है।
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कृष्ण पर शोध
हाल ही में ब्रिटेन में रहने वाले शोधकर्ता ने खगोलीय घटनाओं, पुरातात्विक तथ्यों आदि के आधार पर कृष्ण जन्म और महाभारत युद्ध के समय का सटीक वर्णन किया है। ब्रिटेन में कार्यरत न्यूक्लियर मेडिसिन के फिजिशियन डॉ. मनीष पंडित ने महाभारत में वर्णित 150 खगोलीय घटनाओं के संदर्भ में कहा कि महाभारत का युद्ध 22 नवंबर 3067 ईसा पूर्व को हुआ था। उस वक्त भगवान कृष्ण 55-56 वर्ष के थे।
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उन्होंने अपनी खोज के लिए टेनेसी के मेम्फिन यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ. नरहरि अचर द्वारा 2004-05 में किए गए शोध का हवाला भी दिया।
इसके संदर्भ में उन्होंने पुरातात्विक तथ्यों को भी शामिल किया, जैसे कि लुप्त हो चुकी सरस्वती नदी के सबूत, पानी में डूबी द्वारका और वहाँ मिले कृष्ण-बलराम की छवियों वाले पुरातात्विक सिक्के और मोहरें, ग्रीक राजा हेलिडोरस द्वारा कृष्ण को सम्मान देने के पुरातात्विक सबूत आदि।
महाभारत, गीता और कृष्ण के समय के संबंध में मेक्समूलर, बेबेर, लुडविग, हो-ज्मान, विंटरनिट्स फॉन श्राडर आदि सभी विदेशी विद्वानों द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों का कुछ भारतीय विद्वानों ने भी अनुसरण कर भ्रम के जाल को और बढ़ावा दिया है।
दयानंद सरस्वती ने विदेशी विद्वानों की बातों का खंडन कर अपनी पुस्तक 'सत्यार्थ प्रकाश' में एक लेख लिखा था जिसमें युधिष्ठिर से लेकर अंतिम हिंदू राजा यशपाल तक के नाम दिए हैं। यशपाल को शाहबुद्दीन ने पराजित कर दिल्ली पर अपना आधिपत्य कायम किया था।
कृष्ण पत्नी : कृष्ण को चाहने वाली हजारों महिलाएं थीं। प्रत्येक महिला का जीवन रोचक और महत्वपूर्ण है। कृष्ण ने आठ महिलाओं से विवाह किया- रुक्मणि, जाम्बवन्ती, सत्यभामा, कालिन्दी, मित्रबिन्दा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा।
कृष्ण की प्रेमिकाएं : राधा, ललिता आदि उनकी प्रेमिकाएं थीं। उक्त सभी को सखियां भी कहा जाता है। राधा की कुछ सखियां भी कृष्ण से प्रेम करती थीं जिनके नाम निम्न हैं- चित्रा, सुदेवी, ललिता, विशाखा, चम्पकलता, तुंगविद्या, इन्दुलेखा, रग्डदेवी और सुदेवी।
ब्रह्मवैवर्त्त पुराण अनुसार कृष्ण की कुछ ही प्रेमिकाएं थीं जिनके नाम इस तरह हैं- चन्द्रावली, श्यामा, शैव्या, पद्या, राधा, ललिता, विशाखा तथा भद्रा। माना जाता है कि ललिता नाम की प्रेमिका को मोक्ष नहीं मिल पाया था, तो बाद में उसने मीरा के नाम से जन्म लिया।
पुराणों में कहा गया है जो करता है राधा का सम्मान,उस पर सदैव बना रहता है कृष्ण का आशीर्वाद