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जीसस को समलैंगिक बताने पर विवाद, 23 लाख लोगों ने किया विरोध, जानें पूरा मामला

नेटफ्लिक्स पर एक ब्राजीलियन फिल्म इन दिनों सुर्खियों में है। जिसमें जीसस क्राइस्ट को समलैंगिक के रूप में दिखाया गया है। इसके बाद से ही ब्राजील के कई इलाकों में फिल्म को लेकर भारी विरोध देखने को मिल रहा है।

Aditya Mishra
Published on: 27 Dec 2019 2:11 PM GMT
जीसस को समलैंगिक बताने पर विवाद, 23 लाख लोगों ने किया विरोध, जानें पूरा मामला
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नई दिल्ली: नेटफ्लिक्स पर एक ब्राजीलियन फिल्म इन दिनों सुर्खियों में है। जिसमें जीसस क्राइस्ट को समलैंगिक के रूप में दिखाया गया है। इसके बाद से ही ब्राजील के कई इलाकों में फिल्म को लेकर भारी विरोध देखने को मिल रहा है।

लोगों का गुस्सा जीसस क्राइस्ट के गलत चित्रण को लेकर है। इस फ़िल्म में जीसस को लेकर काफी आपत्तिजनक चित्रण किया गया है। यहां तक की जीसस क्राइस्ट की मदर मैरी को लेकर भी आपत्तिजनक बातें दिखाई गई हैं।

इससे ईसाई समुदाय में काफी रोष है। इंडियन क्रिश्चियन वॉइस के अध्यक्ष अब्राह्म मथाई ने नेटफ्लिक्स के सीईओ को खुला लिखा है। उन्होंने इस फ़िल्म को वल्गर और अपमानजनक बताया है। इसके अलावा उन्होंने लिखा है कि इसने ईसाई समुदाय की भावना को ठेस पहुंचाई है।

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3 दिसंबर को हुई थी रिलीज़

इस फ़िल्म को नेटफ्लिक्स पर 3 दिसंबर को ब्राजील में रिलीज़ किया गया। इसके बाद से लोग इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। Change.org पर एक ऑनलाइन याचिका शुरू की गई।

इस याचिका में लोगों से स्केच कॉमेडी ग्रुप 'पोर्टा डॉस फंडोस' द्वारा बनाई गई फ़िल्म को हटाने की मांग की गई। इस याचिका में अब तक करीब 1,529,504 लोग साइन कर कर चुके हैं।

इसमें लिखा गया है,'नेटफ्लिक्स के कैटलॉग से फ़िल्म को हटाने के लिए, जो कि लोगों के विश्वास को तोड़ने का अपराध किया है। हम इसकी सार्वजनिक वापसी चाहते हैं, इसने क्रिश्चियन समुदाय को काफ़ी नाराज़ किया है।'

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मेकर्स की सफाई

इस फ़िल्म को स्केच कॉमेडी करने वाले ग्रुप 'पोर्टा डॉस फंडोस' ने बनाया है। यूट्यूब पर इसके 16.2 मिलियन स्क्राइबर हैं। वहीं, फेसबुक पर 9.3 मिलियन फॉलोवर हैं।

याहू एंटरटेंनमेंट के हवाले से मेकर्स ने कहा,'पोर्टा डॉस फंडोस हमारे समाज और विश्वासों के सबसे विविध सांस्कृतिक विषयों पर व्यंग्य के माध्यम से कलात्मक स्वतंत्रता और हास्य को महत्व देते हैं। लोकतांत्रिक देश के निर्माण के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आवश्यक है।'

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Aditya Mishra

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