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BirthdaySpecial: आखिर क्या बोला उस लड़की ने जो मनोज कुमार ने फेंक दी तुरंत सिगरेट
भारतीय सिनेमा में बहुत से ऐसे फ़िल्मी सितारें हैं, जिन्हें आज भी लोग याद करते हैं। कुछ ने तो अपनी छवि ऐसी बनाली है जिसको कोई भूल नहीं सकता।
मुंबई: भारतीय सिनेमा में बहुत से ऐसे फ़िल्मी सितारें हैं, जिन्हें आज भी लोग याद करते हैं। कुछ ने तो अपनी छवि ऐसी बनाली है जिसको कोई भूल नहीं सकता। हम आपको फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के से सम्मानित दिग्गज कलाकार मनोज कुमार के बारे में बताते हैं। जिन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगो का दिल जित लिया। आज मनोज कुमार 83 साल के हो गए है। तो आज उनके बर्थडे के मौके पर हम आपको उनकी लाइफ से जुडी कुछ खास बातें बताते हैं।
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25 सालों से किसी फिल्म में एक्टिंग नहीं की
अपनी देश प्रेम की कुछ फिल्मों से ही वो 50 सालों से भारत कुमार बने हुए हैं। मनोज कुमार के एक ऐसे स्टार है जिनके कोई भी भारत कुमार नहीं बन सका। हिन्दी सिनेमा के दिग्गज एक्टर मनोज कुमार ने पिछले 25 सालों से किसी फिल्म में एक्टिंग नहीं किया। उनकी पिछली सफल फिल्म 'क्रान्ति' तो 39साल पहले आई थी। लेकिन मनोज कुमार जैसे बेहतरीन कलाकार को आज भी जिनको सब अच्छे से जानते हैं।
बड़ी बात ये भी है कि मनोज कुमार आज भी भारत कुमार के नाम से मशहूर हैं। उन्होंने निर्माता-निर्देशक के रूप में सन 1967 में जब अपनी पहली फिल्म 'उपकार' बनाई थी। तब मनोज कुमार ने अपने किरदार का नाम भारत रखा था। जिस बात को आज 53 साल हो गए।
पांच फिल्मों में उनका नाम भारत कुमार था
एक्टर मनोज कुमार का सिर्फ पांच फिल्मों में ही भारत नाम रहा। ये पांचों फिल्में मनोज कुमार ने खुद ही बनायीं। हालांकि इन फिल्मों में एक फिल्म ‘क्लर्क’ तो बुरी तरह फ्लॉप हो गयी थी। इसलिए सन 1989 में आई ‘क्लर्क’ फिल्म का तो नाम भी अधिकतर लोगों को याद नहीं है। यहाँ आपको बता दें कि मनोज कुमार भारत कुमार बने तो सिर्फ अपनी चार फिल्मों की बदौलत। ये चार फिल्में हैं-‘उपकार’,‘पूरब और पश्चिम’,‘रोटी कपड़ा और मकान’ और 'क्रान्ति'।
मनोज कुमार ने अपनी भारत कुमार की ऐसी छवि बनाई जिसे फिल्मी दुनिया का कोई भी बड़े से बड़ा स्टार नहीं तोड़ सका। जबकि अमिताभ बच्चन, धर्मेन्द्र, सनी देओल, अजय देवगन, अक्षय कुमार, आमिर खान, शाहरुख खान, ऋतिक रोशन, अभिषेक बच्चन के साथ साथ बहुत से एक्टर्स ने देश प्रेम और देश भक्ति की बहुत सी फिल्में कीं। लेकिन मनोज कुमार ने अपनी फिल्मों में भारत बनकर देश प्रेम की जो गाथा लिखी, वह बेमिसाल है।
1992 में पदमश्री से सम्मानित किया
मनोज कुमार को अपनी फिल्मों की वजह से भारत सरकार ने 1992 में पदमश्री से सम्मानित किया। 2016 में मनोज कुमार को फिल्म जगत के सर्वोच्च सम्मान दादा साहब फाल्के से भी सम्मानित किया।
लड़की के कहने पर फेंक दी सिगरेट
एक बातचीत में मनोज कुमार ने एक दिलचस्प किस्सा सुनाया। वह बोले-''एक बार मैं परिवार के साथ किसी रेस्तरा में खाना खाने गया। खाने का ऑर्डर देने के बाद मैं सिगरेट पीने बैठ गया। मैं बड़े सुकून से सिगरेट पी रहा था कि तभी सामने बैठी एक लड़की बड़े गुस्से से मेरे पास आकार बोली- आप कैसे भारत कुमार हैं । भारत कुमार होकर सिगरेट पीते हैं। उस लड़की की यह बात सुन मैं और मेरा परिवार दंग रह गया। मुझे उसे कोई जवाब देते नहीं बना। लेकिन मैंने तभी सिगरेट फेंक दी।''
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परिवार के साथ बिता रहे हैं जिंदगी
आज मनोज कुमार अपने घर में अपनी पुरानी यादों और अपने परिवार के साथ खुश हैं। एक्टर कुछ सालों से अपनी दो फिल्मों के प्रोजेक्ट पर भी काम करते रहे हैं। उनकी इच्छा है कि वह एक और अच्छी फिल्म बनाए। लेकिन उनकी सेहत उनका साथ नहीं देती। इसके बावजूद वह नयी फिल्में भी देखते हैं और पुस्तकें पढ़ने में व्यस्त रहते हैं।
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