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हाईकोर्ट ने स्पीकर को दिया झटका, पायलट गुट को जारी नोटिस पर लगाया रोक
सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों की याचिका पर शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सचिन पायलट गुट को बड़ी राहत दी है।
जयपुर: राजस्थान की सियासत में बीते कई दिनों से उठापठक जारी है। अब इस बीच सचिन पायलट और अन्य बागी विधायकों की याचिका पर शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने सचिन पायलट गुट को बड़ी राहत दी है।
हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर के भेजे गए नोटिस पर फिलहाल स्टे लगा दिया गया है। अब विधानसभा स्पीकर विधायकों को अयोग्य करार नहीं दे सकते। लेकिन अभी अन्य मामलों को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। आगे की सुनवाई में इस मामले के कानून पर चर्चा होगी। हाईकोर्ट ने बागी विधायकों की अपील पर कहा है कि अयोग्यता पर सिर्फ स्पीकर ही फैसला करेंगे।
अब सभी की निगाहें पर सुप्रीम कोर्ट पर हैं। इस मामले पर देश की सर्वोच्च अदालत सोमवार को सुनवाई करेगी। सचिन पायलट खेमे को इस मामले में फिलहाल हाईकोर्ट ने तात्कालिक राहत दी है।
विधानसभा स्पीकर ने सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों को अयोग्य करार देने संबंधी नोटिस जारी किया है। इस नोटिस को चुनौती वाली याचिका पर मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की अदालत ने फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति का आदेश जारी किया गया है।
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पायलट समर्थक विधायकों ने दायर की थी याचिका
राजस्थान में राजनीतिक हलचल के बीच कांग्रेस के बागी विधायक 16 जुलाई को हाईकोर्ट पहुंच गए। उन्होंने याचिका दायर कर स्पीकर सीपी जोशी के अयोग्यता नोटिस को चुनौती दी। राजस्थान हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महंती और न्यायमूर्ति प्रकाश गुप्ता की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई
राजस्थान संकट पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने भी सुनवाई की। राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने देश की सर्वोच्च अदालत में याचिक दायर की थी। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने स्पीकर कीर तरफ दलील पेश की। सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में 1992 के होटो होलोहॉन मामले में दिए संविधान पीठ के फैसले का जिक्र किया।
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सिब्बल ने दलील की इस फैसले में कहा गया है कि अयोग्यता के मसले पर स्पीकर का फैसला आने से पहले कोर्ट दखल नहीं दे सकता है। अयोग्य ठहराने की प्रकिया पूरी होने से पहले कोर्ट में दायर कोई भी याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। लेकिन कोर्ट ने मामले में सोमवार को अगली सुनवाई करने की डेट दी है।
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पायलट गुट का दावा
बता दें कि पायलट गुट का दावा है कि वो पार्टी में रहकर ही अपनी आवाज़ उठा रहे हैं और पार्टी की मीटिंग पर व्हिप लागू नहीं होता है। वो सिर्फ विधानसभा के सदन के लिए होता है। जबकि गहलोत गुट का कहना है कि बागियों ने पार्टी के नियमों का उल्लंघन किया, बीजेपी के साथ मिलकर सरकार गिराने की कोशिश की जो दिखाता है कि पार्टी के साथ रहने की उनकी मंशा नहीं है।
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