सरकार ने की बड़ी तैयारी, अब डीजल-पेट्रोल नहीं इस ईंधन से चलेंगी गाड़ियां

देश में हरित ईंधन यानी ग्रीन फ्यूल्स को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार हाईड्रोजन मिश्रित सीएनजी को वैकल्पिक ईंधन के रूप में लाने की तैयारी कर रही है।

Shreya
Published on: 24 July 2020 5:19 AM GMT
सरकार ने की बड़ी तैयारी, अब डीजल-पेट्रोल नहीं इस ईंधन से चलेंगी गाड़ियां
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Hydrogen-mixed CNG

नई दिल्ली: देश में हरित ईंधन यानी ग्रीन फ्यूल्स को प्रोत्साहन देने के लिए केंद्र सरकार हाईड्रोजन मिश्रित सीएनजी को वैकल्पिक ईंधन के रूप में लाने की तैयारी कर रही है। सड़क, परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1979 (Central motor vehicle regulations) में संशोधन के लिए एक नोटिफिकेशन जारी कर लोगों से सुझाव मांगा है।

क्या है मंत्रालय का कहना?

गुरुवार को यह जानकारी देते हुए मंत्रालय ने बताया कि देश में पर्यावरण की दृष्टि से हरित ईंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जिसके लिए सरकार केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1979 में संसोधन करने पर विचार करके हाईड्रोजन मिश्रित सीएनजी को वैकल्पिक ईंधन के रूप में लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एक नोटिफिकेशन जारी करके लोगों से सुझाव मांगा गया है।

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Hydrogen CNG

क्या होती है हाइड्रोजन सीएनजी (Hydrogen CNG)?

सीएनजी से पेट्रोल और डीजल के मुकाबले कम प्रदूषण होता है। लेकिन जब इसमें हाइड्रोजन मिल जाता है तो प्रदूषण की मात्रा और कम हो जाती है। ऐसे में पर्यावरण की दृष्टि से हाइड्रोजन सीएनजी काफी अच्छी साबित हो सकती है। एक रिसर्च से पता चला है कि हाइड्रोजन मिश्रित सीएनजी को इस्तेमाल करने पर प्रदूषण में काफी कमी देखी गई।

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पेट्रोल और डीजल के मुकाबले कम हानिकारक

इसलिए इंडियन ऑयल लिमिटेड ने वाहनों से निकलने वाले हानिकारक धुंए और ईंधन को सस्ता करने के लिए नेचुरल गैस से हाइड्रोजन सीएनजी (Hydrogen CNG) ईंधन बनाने के लिए एक कॉम्पैक्ट रिफॉर्मर तैयार किया है। वहीं जब इस ईंधन को ARAI में टेस्ट किया गया तो देखा गया कि इसमें साधारण सीएनजी के मुकाबले 70 फीसदी कार्बन मोनोऑक्साइड और 25 फीसदी हाइड्रोकार्बन कम निकले।

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30 दिनों के अंदर जनता से मांगे गए सुझाव

वहीं मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि लोगों को 30 दिनों के अंदर केंद्रीय मोटर वाहन नियम-1979 के संशोधित मसौदे पर सुझाव देने हैं। मंत्रालय के मुताबिक, सरकार के इस कदम से देश में ऑटोमोबाइल या मोटर वाहनों में हरित ईंधनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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